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दावत-ए-इफ्तार के बहाने CM नीतीश की नई सियासत, NDA में भावी मुख्यमंत्री को लेकर रस्साकसी तेज

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Published : Apr 23, 2022, 10:18 PM IST

Updated : Apr 23, 2022, 10:37 PM IST

दावत ए इफ्तार के बहाने बिहार में नई सियासत (New politics start in Bihar on pretext of Dawat e Iftar) शुरू हो गई है. आने वाले दिनों में राजनीतिक उलटफेर के संकेत मिलने लगे हैं. 5 साल बाद नीतीश कुमार पैदल चलकर 10 सर्कुलर रोड पहुंचे और गिले-शिकवे दूर करने की कोशिश हुई तो एनडीए में भावी मुख्यमंत्री पद को लेकर रस्साकसी जारी है. पढ़ें पूरी खबर..

दावत ए इफ्तार के बहाने बिहार में नई सियासत
दावत ए इफ्तार के बहाने बिहार में नई सियासत

पटना: बिहार में कोरोना का संकट (Corona in Bihar) टल चुका है और एक बार फिर बिहार में राजनीतिक गतिविधियां परवान चढ़ने लगी है. दावते इफ्तार ने बिहार का सियासी पारा एक बार फिर चढ़ा दिया है. 5 साल बाद मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (CM Nitish Kumar) राबड़ी देवी आवास यानी 10 सर्कुलर रोड पैदल चलकर पहुंचे. जिससे बिहार में सियासत नई अंगड़ाई लेने लगी है. इफ्तार के बहाने बिहार की सियासत में नया कुछ देखने को मिलेगा, इसके संकेत मिलने लगे हैं.

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RJD से नजदीकी, BJP से दूरी!: पिछली बार 2017 में जब नीतीश कुमार इफ्तार में शामिल हुए थे, तब बिहार में सरकार बदल गई थी. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार अपने राजनीतिक दांव के लिए जाने जाते हैं. राजनीतिक अस्थिरता के दौर में जिस गर्मजोशी से नीतीश कुमार लालू परिवार से मिले उससे कई तरह के कयास लगाए जा रहे हैं. जगदीशपुर में आयोजित विजयोत्सव कार्यक्रम से नीतीश कुमार की दूरी देखने को मिली, लेकिन एयरपोर्ट पर गृह मंत्री अमित शाह से जरूर मिले.

विजयोत्सव के बाद नित्यानंद का बढ़ा कद: नित्यानंद राय को बीजेपी की तरफ से बतौर मुख्यमंत्री प्रोजेक्ट किया जा रहा है. विजयोत्सव कार्यक्रम की सफलता के बाद नित्यानंद राय बिहार की सियासत में ड्राइविंग सीट पर (Nityananda stature increased after Vijayotsav) आ गए हैं. भूपेंद्र यादव की टीम जहां नित्यानंद राय को सीएम प्रोजेक्ट करना चाहती है.

वहीं नीतीश कुमार बीजेपी के किसी सीनियर लीडर को मुख्यमंत्री के रूप में देखना चाहते हैं. अगर मुख्यमंत्री का पद छोड़ नीतीश कुमार केंद्र की राजनीति में जाते हैं तो वैसी स्थिति में नीतीश कुमार की पहली पसंद सुशील मोदी (Nitish Kumar first choice Sushil Modi) होंगे. सुशील मोदी ने भी विजयोत्सव कार्यक्रम से पहले उपचुनाव के नतीजों को लेकर भूपेंद्र यादव की टीम पर हमला बोला था और हार को लेकर एनडीए में समीक्षा की बात कही थी.

''राजनीति संभावनाओं का खेल है और दोस्ती या दुश्मनी स्थाई नहीं होती है. दावते इफ्तार में नीतीश कुमार आए और पार्टी के नेताओं ने उनका गर्मजोशी से स्वागत किया. जहां तक मुख्यमंत्री का सवाल है तो यह तय है कि तेजस्वी यादव ही भविष्य में मुख्यमंत्री होंगे.''- मृत्युंजय तिवारी, राजद प्रवक्ता

''दावत ए इफ्तार को लेकर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने पूरी स्थिति को स्पष्ट कर दिया है. जब उन्होंने सब साफ कर ही दिया है तो हमें इससे ज्यादा कुछ भी कहने की जरूरत नहीं है. दावते इफ्तार का कोई सियासी मायने नहीं है. जहां तक मुख्यमंत्री पद का सवाल है तो 2025 तक कोई वैकेंसी नहीं है.''- अरविंद निषाद, जदयू प्रवक्ता

''मुख्यमंत्री पद को लेकर भाजपा के अंदर कोई विवाद नहीं है अगर वैसी स्थिति आती है तो केंद्रीय नेतृत्व पूरे मामले पर फैसला लेगी. जहां तक दावत ए इफ्तार का सवाल है तो नेता ऐसे मौकों पर एक दूसरे के यहां जाते हैं.''- राजीव रंजन, बीजेपी नेता

''बिहार की सियासत करवट लेती दिख रही है. नीतीश कुमार का अमित शाह के दौरे से राबड़ी देवी के आवास पर जाना और भूपेंद्र यादव की टीम पर सुशील मोदी का हमला बोलना कुछ अलग संकेत दे रहा है. जहां तक मुख्यमंत्री पद का सवाल है तो भले ही नित्यानंद राय बीजेपी में आगे चल रही है, लेकिन नीतीश कुमार की पहली पसंद सुशील मोदी होंगे.''- कौशलेंद्र प्रियदर्शी, वरिष्ठ पत्रकार और राजनीतिक विश्लेषक

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Last Updated :Apr 23, 2022, 10:37 PM IST
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