ETV Bharat / bharat

बड़ा सवाल : क्या बिहार को बाय-बाय बोलकर उपराष्ट्रपति बनेंगे नीतीश कुमार ?

author img

By

Published : Apr 7, 2022, 10:36 PM IST

Updated : Apr 7, 2022, 10:55 PM IST

Nitish kumar
nitish kumar

क्या सियासी चक्रव्यूह में फंसे नीतीश कुमार बिहार की राजनीति को बाय-बाय कहना चाहते हैं? चर्चा गर्म है कि नीतीश कुमार बिहार की गद्दी बीजेपी को सौंपकर उपराष्ट्रपति बनने की तैयारी कर रहे हैं. सूत्रों से मिल रही जानकारी के मुताबिक बिहार मुख्यमंत्री ने कई विभागों को येलो पेपर लिखे हैं. येलो पेपर के जरिए विभागों से स्वच्छता प्रमाण पत्र भी लिया जाता है. पढ़ें पूरी खबर..

पटना: हाल ही में 5 राज्यों के हुए विधानसभा चुनाव में से 4 राज्यों में बीजेपी ने बड़ी जीत दर्ज की है. पड़ोसी राज्य उत्तर प्रदेश में लगातार दूसरी बार अकेले दम पर सरकार बनाने के बाद बीजेपी की नजर अब बिहार पर है. बिहार में आरजेडी के साथ बीच के डेढ साल छोड़ दें तो लगभग 17 सालों से बीजेपी जेडीयू के साथ गठबंधन में सरकार चला रही है, चाहे उसकी सीट ज्यादा रही हो, लेकिन मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ही हैं. इसीलिए अब चर्चा जोरों पर है कि नीतीश कुमार को केंद्र में भेजा जाएगा और बिहार में बीजेपी का मुख्यमंत्री होगा. खबर है कि नीतीश कुमार के सेफ एग्जिट के लिए तैयारियों को अंतिम रूप भी दिया जा रहा है.

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार 71 की उम्र पार कर चुके हैं. वह छठी बार बिहार के मुख्यमंत्री बने हैं. पिछले 27 साल से भाजपा के साथ उनका गठबंधन है. विधानसभा चुनाव के नतीजों के बाद से ही नीतीश कुमार गठबंधन और सरकार को लेकर असहज हैं. 43 सीटों पर सिमटने के बावजूद बीजेपी ने नीतीश कुमार को मुख्यमंत्री की कुर्सी तो दे दी, लेकिन बीजेपी नेताओं के आक्रामक बयानबाजी जारी रखा. उत्तर प्रदेश चुनाव में जीत के बाद बीजेपी नेताओं का मनोबल सातवें आसमान पर है. पार्टी नेता अब समझौते के मूड में नहीं दिख रहे हैं.

प्रशासनिक स्तर पर तैयारियों शुरू: चक्रव्यूह में फंसे नीतीश कुमार बिहार की राजनीति को बाय-बाय कहना चाहते हैं और इसे लेकर प्रशासनिक स्तर पर तैयारियों को भी अंजाम दिया जा रहा है. सूत्रों से मिल रही जानकारी के मुताबिक मुख्यमंत्री ने कई विभागों को येलो पेपर लिखे हैं. प्रशासनिक महकमे में येलो पेपर को अर्ध सरकारी पत्र भी कहा जाता है. अर्ध सरकारी पत्र के जरिए स्वच्छता प्रमाण पत्र भी विभागों से लिया जाता है. लोक सेवक अगर नौकरी के बीच में अवकाश पर जाता है या फिर पद त्याग करता है, या मिड टर्म शिक्षा अवकाश के लिए जाता है, तो येलो पेपर लिखने की परंपरा है. येलो पेपर के जरिए विभागों से स्वच्छता प्रमाण पत्र भी लिया जाता है. अगर कोई लोक सेवक बड़े पद पर जाता है तो वैसी स्थिति में संबंधित विभाग से वह स्वच्छता प्रमाण पत्र हासिल करता है.

BJP नेताओं के तेवर से असहज हैं नीतीश!: बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष से लेकर नीतीश सरकार में बीजेपी कोटे के मंत्री तक, सरकार की नीतियों पर लगातार सवाल खड़े कर रहे हैं. शराबबंदी, भ्रष्टाचार और बेलगाम अपराध को लेकर नीतीश बीजेपी नेताओं के निशाने पर हैं. नीतीश और प्रशांत किशोर के बीच दिल्ली में मुलाकात हुई और फिर नीतीश कुमार को लेकर चर्चा जोर पकड़ने लगी कि नीतीश कुमार राष्ट्रपति पद के सशक्त दावेदार हैं, लेकिन राज्यों के चुनाव के नतीजों के बाद दावों की हवा निकल गई. बीजेपी का पलड़ा एक बार फिर से भारी हो गया. नीतीश कुमार को फिर से समझौते के मोड में आना पड़ा. जुलाई महीने में उपराष्ट्रपति के चुनाव होने हैं और उपराष्ट्रपति को लेकर भी नीतीश कुमार का नाम सुर्खियों में है.

नीतीश कुमार को उपराष्ट्रपति बनने के चर्चों पर रिपोर्ट

नीतीश चाहते हैं सेफ एग्जिट: सियासी गलियारे में चर्चा यह है कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार बिहार की राजनीति से सेफ एग्जिट चाहते हैं. सृजन घोटाले की आंच मुख्यमंत्री कार्यालय तक पहुंची थी और विपक्ष लगातार उनकी भूमिका को लेकर सवाल खड़े करता रहा है. मुजफ्फरपुर बालिका गृह के मामले ने भी सरकार की खूब किरकिरी हुई थी. दोनों मामले की जांच सीबीआई कर रही है. वहीं सीनियर आईएएस सुधीर कुमार के आरोपों ने भी नीतीश कुमार की मुश्किलें बढ़ा दी हैं. सुधीर कुमार ने लिखित शिकायत पर बवाल खड़ा हो चुका है.

उपराष्ट्रपति पद को लेकर बीजेपी कर सकती है समझौता: राष्ट्रपति और उपराष्ट्रपति देश में ऐसे दो सर्वोच्च पद हैं, जिनके खिलाफ मुकदमा नहीं चलाया जा सकता है. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार अगर दोनों में किसी एक पर पहुंच जाते हैं तो वह राजनीति से बेदाग निकल जाएंगे. राष्ट्रपति पद को लेकर बीजेपी और आरएसएस का स्टैंड क्लियर है कि इस पद पर बीजेपी या संघ से जुड़ा कोई व्यक्ति ही आसीन होगा. वहीं उपराष्ट्रपति पद को लेकर बीजेपी समझौता कर सकती है और पार्टी का रुख इस मुद्दे पर नरम है. मिल रही जानकारी के मुताबिक नीतीश कुमार ने उपराष्ट्रपति पद के लिए मन बना लिया है, अगर बीजेपी और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की ओर से हरी झंडी मिल जाती है, तो मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का रास्ता साफ हो जाएगा.

नीतीश की इच्छा पर निर्भर: हालांकि बीजेपी फिलहाल इसे खारिज कर रही है. पार्टी प्रवक्ता प्रेम रंजन पटेल ने कहा कि नीतीश कुमार 2025 तक के लिए मुख्यमंत्री हैं. बिहार की जनता के जनादेश में यही है. उन्होंने कहा कि अगर मुख्यमंत्री की इच्छा होगी तो अलग बात है, लेकिन फिलहाल वैसी स्थिति दिखाई नहीं देती है. वहीं जदयू प्रवक्ता अभिषेक झा ने कहा कि नीतीश कुमार को जनादेश बतौर मुख्यमंत्री काम करने के लिए मिला है, दूसरे किसी पद में उनकी लालसा नहीं है और वह बिहार की सेवा करते रहेंगे.

इधर आरजेडी का दावा है कि बिहार में आने वाले दिनों में बड़ा बदलाव होने वाला है. पार्टी प्रवक्ता एजाज अहमद ने कहा कि नीतीश कुमार के लिए कुर्सी पर बने रहना आसान नहीं होगा, इस बार बदलाव तेजस्वी यादव की शर्तों पर होगा. वहीं राजनीतिक विश्लेषक डॉ संजय कुमार मानते हैं उत्तर प्रदेश चुनाव के बाद बीजेपी ने रणनीति बना ली है. वहीं अब नीतीश कुमार भी समझौते के मूड में हैं. अगर नीतीश कुमार को उपराष्ट्रपति का विकल्प मिलता है, तो वो इसे स्वीकार कर लेंगे, इसकी पूरी संभावना है.

पढ़ें: CM पद छोड़ नीतीश ने क्यों की राज्यसभा जाने की बात.. क्या BJP के दबाव में बदल रहा है मन?

पढ़ें: राज्यसभा जाने के सवाल पर CM नीतीश ने तोड़ी चुप्पी, अपने अंदाज में दिया ये जवाब

Last Updated :Apr 7, 2022, 10:55 PM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.