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'बड़े लोग रात में शराब पीते हैं, शोर नहीं मचाते और प्रतिष्ठित कहलाते', शराबबंदी पर फिर बोले मांझी

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Published : Jul 23, 2022, 4:08 PM IST

Updated : Jul 23, 2022, 4:56 PM IST

Jitan Ram Manjhi
Jitan Ram Manjhi

सभी मुद्दों पर अपनी बात को खुलकर रखने वाले बिहार के पूर्व सीएम जीतन राम मांझी ने बिहार में शराबबंदी (Liquor Ban In Bihar) को लेकर एक बार फिर से विवादित बयान दिया है.उन्होंने कहा कि लिमिट में शराब ली जाए तो दवा का काम करती है.

कैमूर(भभुआ): बिहार के पूर्व सीएम जीतन राम मांझी (Former CM Jitan Ram Manjhi) ने बिहार में शराबबंदी को लेकर एक बार फिर से बड़ा बयान दिया है. उनके बयान से राजनीतिक गलियारे में हलचलें तेज हो गई है. उन्होंने कहा कि शराब दवा के रूप के लेना स्वास्थ्य के लिए लाभदायक है, ज्यादा शराब पीना हानिकारक होता है. जीतन राम मांझी (Jitan Ram Manjhi On Liquor Ban) ने ये बातें कैमूर जिले में प्रेसवार्ता के दौरान कही.

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बोले मांझी- 'दवा के रूप में लें शराब': जीतन राम मांझी ने कहा कि शराब को दवा के रूप में लेना चाहिए. दो पैग स्वास्थ्य के लिए ठीक है. मजदूर लोग खाना कम खाते हैं पर शराब ज्यादा पीते है,जिससे उनपर कार्रवाई हो जाती है. फिर वर्षों जेल में पड़े रहते हैं. बड़े बड़े लोग शराब का कारोबार करते हैं पर उनपर कोई कार्रवाई नहीं होती है जबकि मजदूर पीते हैं तो उनपर कार्रवाई होती है, जो गलत है.

"रात में 12 बजे के बाद बड़े बड़े लोग शराब पीकर सो जाते हैं तो प्रतिष्ठित कहलाते हैं. हमारा आदमी खाना मिलता है नहीं है और शराब पीकर लुढ़का रहता है. बड़े लोग जैसा करते हैं वैसे ही करना चाहिए. खाओ कमाओ और रात को दवा के रूप में लेकर सो जाओ."- जीतन राम मांझी, पूर्व सीएम, बिहार

लोगों को जेल भेजना अनर्थ है: मांझी ने कहा कि शराब व्यसन के रूप में खराब है लेकिन अगर शराब को दवा के रूप में लिया जाए तो मेडिसिन है. हाल में पेपर मैगजीन में भी आया है कि अगर दो पैग लिया जाता है तो हेल्थ के लिए ठीक है. बड़े बड़े लोग रात में लेते हैं. शराब मामले में लोगों को जेल भेजना गलत है अनर्थ है. इसी का हम विरोध करते हैं.

'बड़े तस्कर पैसे के बल पर बच जाते हैं': मांझी ने कहा कि जो बड़े बड़े तस्कर हैं जो लाखों लीटर और लाखों बोतल शराब का व्यापार करते हैं. वो लोग पैसा देकर बच जाते हैं. एक गरीब मजदूर दारू पीकर सड़क किनारे बैठा हुआ था,उसको पकड़ लिया गया. उस गरीब मजदूर को जो थोड़ा लिए हुए था उसको सात साल की सजा हो गई. यह तो अनर्थ है. बड़ी जाति और छोटी जाति में हम भेदभाव नहीं करते हैं. धनवान लोग शेड्यूल कास्ट में भी होते हैं, जो लोग पैसे के बल पर बच जा रहे हैं, तस्करी करते हैं वो ठीक नहीं है.

'शराबबंदी कानून में संशोधन के लिए सीएम का धन्यवाद': उन्होंने कहा कि गरीब को परेशान करना उचित नहीं है. शराबबंदी कानून में जो संशोधन किए गए हैं उसके लिए मैं सीएम नीतीश कुमार को धन्यवाद देता हूं. शुरू से ही शराबबंदी पर हम बोल रहे हैं और उसपर तीन तीन संशोधन हो चुके हैं. आगे भी अगर संशोधन की जरूरत होगी तो सीएम जरूर करेंगे.

2016 से बिहार में लागू है शराबबंदी कानून: बता दें कि बिहार में 2016 से शराबबंदी कानून (Bihar Prohibition and Excise Act 2016) लागू है. 2015 के बिहार विधानसभा चुनाव के दौरान सीएम नीतीश कुमार ने महिलाओं से शराबबंदी का वादा किया था. इसका एक उद्देश्य घरेलू हिंसा को रोकना था. चुनाव जीतने के बाद उन्होंने अपना वादा निभाया. एक अप्रैल 2016 बिहार निषेध एवं आबकारी अधिनियम के तहत बिहार में शराबबंदी लागू कर दी गई. तब से सरकार के दावे के बावजूद शराब की तस्करी और बिक्री धड़ल्ले से हो रही है. इसका प्रमाण शराब की बरामदगी और इस धंधे से जुड़े लोगों की गिरफ्तारी है.

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Last Updated :Jul 23, 2022, 4:56 PM IST
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