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मोहल्‍ला क्‍लीन‍िक के स्‍टॉफ पर मंडराया रोजी रोटी का संकट, 5 माह से नहीं म‍िली सैलरी - Mohalla Clinic Salary Issue

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By ETV Bharat Delhi Team

Published : May 17, 2024, 3:11 PM IST

Aam aadmi mohalla clinics staff not received Salary: द‍िल्‍ली सरकार के ड्रीम प्रोजेक्‍ट के ह‍िस्‍से में शुमार आम आदमी मोहल्‍ला क्‍लीन‍िक लोगों को घर के पास च‍िकित्‍सा सुव‍िधा मुहैया कराने का काम कर रही हैं. इन मोहल्‍ला क्‍लीन‍िकों में हर रोज बड़ी संख्‍या में लोग अपनी बीमारी और स्‍वास्‍थ्‍य संबंधी समस्‍या को लेकर कर पहुंचते हैं, लेक‍िन इन द‍िनों मोहल्‍ला क्‍लीन‍िक का स्‍टॉफ खुद अपनी बड़ी समस्‍याओं से जूझ रहा है.

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मोहल्‍ला क्‍लीन‍िक के स्‍टॉफ पर मंडराया रोजी रोटी का संकट (ETV Bharat)

नई द‍िल्‍ली: द‍िल्‍लीभर की मोहल्‍ला क्‍लीन‍िक में कार्यरत डॉक्‍टर, नर्स, फार्मास‍िस्‍ट और एमटीएम स्‍टॉफ प‍िछले करीब 4 से 5 माह से सैलरी की बांट जोह रहा है. इस वजह से अब इस स्‍टॉफ पर रोजी रोटी का संकट गहरा गया है. उनका कहना है क‍ि वह सैलरी नहीं म‍िलने की वजह से बहुत परेशान हैं. जनवरी से वो अपनी सैलरी नहीं आने से परेशान हैं.

वेतन नहीं म‍िलने की वजह से घर का खर्च चलाना, बच्‍चों की स्‍कूल फीस, ईएमआई और दूसरी जरूरतों को पूरा करने में असमर्थ हो जा रहे हैं. बैंक की ईएमआई अदा नहीं करने की वजह से उनको मानस‍िक तौर पर परेशान‍ियों का भी सामना करना पड़ रहा है, ले‍क‍िन सरकार और प्रशासन उनकी इन समस्‍याओं की तरफ कोई ध्‍यान नहीं दे रहा है.

कई लोगों की तरफ से सोशल मीड‍िया प्‍लेटफार्म 'एक्‍स' पर समस्‍या को लेकर कई पोस्‍ट भी शेयर की गई हैं.

एक पोस्‍ट में स्‍वास्‍थ्‍य मंत्री सौरभ भारद्वाज और उप राज्‍यपाल वीके सक्‍सेना को टैग करते हुए भी ल‍िखा है, 'दिल्ली में मोहल्ला क्लीनिक का हाल---- चार माह से नहीं मिला वेतन तो हाथों में तख्ती उठाकर सरकार से लगाई गुहार. दिल्ली के लगभग सभी मोहल्ला क्लीनिक में स्टाफ बिना सैलरी के काम करने को मजबूर है.'

एक अन्‍य पोस्‍ट में ल‍िखा- दिल्ली का बीमार अस्पताल----- 'खबर है कि मोहल्ला क्लीनिक के स्टाफ को चार महीने से वेतन नहीं मिला है. डॉक्टर, नर्स समेत सभी स्टाफ आर्थिक तंगी से जूझ रहा है. सरकार बेफिक्र है, सुनने वाला कोई नहीं हैं.'

इसके अलावा यह स्‍टाफ लगातार अपनी आवाज अपने अध‍िकार‍ियों के पास पहुंचाने का काम कर रहा है, लेक‍िन उनकी सुनवाई आज तक नहीं हो पायी है. अच्‍छी बात यह है कि इस स्‍टॉफ ने सैलरी नहीं म‍िलने के बाद भी अपनी ड्यूटी को नहीं छोड़ा है. वह न‍िरंतर अपनी सेवाएं द‍िल्‍ली के लोगों को देने का काम रहा है.

द‍िल्‍लीभर के 11 ज‍िलों के तहत चल रही हैं मोहल्‍ला क्‍लीन‍िक: इस बीच देखा जाए तो द‍िल्‍ली के 11 ज‍िलों के अंतर्गत करीब 581 आम आदमी मोहल्‍ला क्‍लीन‍िक चल रही हैं ज‍िनमें हर रोज 150 से 200 मरीजों की छोटी बीमार‍ियों को इलाज क‍िया जाता है. मरीज को ज्‍यादा परेशानी होने की स्‍थ‍िति में उसको संबंध‍ित क‍िसी बड़े अस्‍पताल के लिए रेफर क‍िया जाता है. मोहल्‍ला क्‍लीन‍िकों में टेस्‍ट फैस‍िल‍िटी शुरू होने के बाद संख्‍या में ज्‍यादा बढ़ोतरी हुई है लेक‍िन कुछ समय से इस मामले में पायी गई अन‍ियम‍ितताओं के चलते संख्‍या पर असर पड़ा है.

हर ज‍िले में करीब 50 से 60 मोहल्‍ला क्‍लीन‍िक: आध‍िकार‍िक सूत्रों का कहना है क‍ि सैलरी र‍िलीज नहीं होने में सबसे बड़ा पेंच स्‍टेट और ज‍िला प्रशासन के बीच तालमेल की कमी के चलते फंसा है. इस मामले को एक दूसरे पर टालकर लटकाया जा रहा है. द‍िल्‍ली सरकार की ओर से आम आदमी मोहल्‍ला क्‍लीन‍िक का पूरा मामला देखने के ल‍िए नोडल अफसर न‍ियुक्‍त क‍िया हुआ है.

आम आदमी मोहल्‍ला क्‍लीन‍िक का मुख्‍यालय, द्वारका में बनाया गया है. सभी ज‍िलों की तरफ से अपने अधीनस्‍थ मोहल्‍ला क्‍लीन‍िकों के स्‍टॉफ की सैलरी संबंधी ड‍िटेल्‍स चीफ ड‍िस्‍ट्र‍िक्‍ट मेड‍िकल ऑफ‍िसर (सीडीएमओ) कार्यालय की ओर से नोडल अफसर को भेजी जाती है. हर ज‍िले के अंतर्गत करीब 50 से 60 मोहल्‍ला क्‍लीन‍िक संचाल‍ित हो रही हैं लेक‍िन सीडीएमओ और स्‍टेट के बीच ड‍िटेल्‍स भेजने को लेकर एक दूसरे पर मामले को डाल कर इसे टाला जाता रहा है. इससे स्‍टाफ बड़े आर्थ‍िक संकट से जूझ रहा है. इस मामले पर संबंध‍ित व‍िभाग के अध‍िकारी भी कोई ठोस जवाब देने से बचते नजर आ रहे हैं.

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कॉन्‍ट्रेक्‍ट वर्कर्स एसोस‍िएशन उठाएगी मोहल्‍ला क्‍लीन‍िक का सैलरी मुद्दा: इस मामले पर द‍िल्‍ली सरकार के संव‍िदा कर्मचार‍ियों की यून‍ियन द‍िल्‍ली स्‍टेट कॉन्‍ट्रेक्‍ट एम्‍प्‍लायज एसोस‍िएशन के महासच‍िव गुलाब रब्‍बानी का कहना है क‍ि आम आदमी मोहल्‍ला क्‍लीन‍िक में कम करने वाले कर्मचारी वेतन नहीं म‍िलने से बेहद परेशान हैं. क्‍लीन‍िक कुछ कर्मचार‍ियों ने उनसे मुलाकात की और अपनी समस्‍या के बारे में बताया.

उन्‍होंने इस मामले पर कहा क‍ि यह वाकई गंभीर मसला है. अगर कर्मचार‍ियों को 4-5 माह तक सैलरी नहीं म‍िलेगी तो वो अपने घर का गुजारा और दूसरी सभी जरूरतों को कैसे पूरा करेंगे. सैलरी वाले कर्मचारी को अगर यह टाइम से नहीं म‍िलेगी तो उसका पूरा स‍िस्‍टम खराब हो जाएगा. पर‍िवार के भरण पोषण से लेकर बच्‍चों की स्‍कूल की फीस, माता-प‍िता की देखभाल और अन्‍य सभी जरूरतें सैलरी के दम पर ही पूरी की जाती हैं. उन्‍होंने कहा कि इस मुद्दे को चुनावी रंग ना देकर सरकार और प्रशासन को कर्मचार‍ियों की समस्‍याओं का तत्‍काल न‍िवारण करना चाह‍िए.

रब्‍बानी ने कहा क‍ि कर्मचारी ब‍िना क‍िसी आंदोलन, हड़ताल, सामूह‍िक हड़ताल और असहयोग आंदोलन क‍िए अपनी न‍िरंतर ड्यूटी कर रहा है तो सरकार और प्रशासन को इस द‍िशा में मानवीय आधार पर सोचने की जरूरत है. उन्‍होंने कहा कि वह इस संबंध में द‍िल्‍ली के मुख्‍यमंत्री अरव‍िंद केजरीवाल, स्‍वास्‍थ्‍य मंत्री सौरभ भारद्वाज, द‍िल्‍ली के चीफ सेक्रेटरी, स्‍वास्‍थ्‍य व‍िभाग के प्रधान सच‍िव व सच‍िव के अलावा द‍िल्‍ली के उप-राज्‍यपाल को भी पत्र ल‍िखकर समस्‍या समाधान कराने का आग्रह करेंगे.

इस बीच देखा तो द‍िल्‍ली की सातों सीटों पर 25 मई को होने जा रहे लोकसभा चुनाव को लेकर सत्‍तारूढ़ आम आदमी पार्टी चुनाव प्रचार में व्‍यस्‍त है. द‍िल्‍ली के मुख्‍यमंत्री से लेकर मंत्री और व‍िधायक सभी चुनाव में व्‍यस्‍त हैं. इसके चलते इन मोहल्‍ला क्‍लीन‍िक में काम करने वाले स्टॉफ की समस्‍याओं से सरकार और प्रशासन चुनावों से पहले से ही पूरी तरह से बेखबर द‍िख रहा है.

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