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कहीं आप भी तो नहीं कर रहे ब्रश करते टाइम ये गलतियां, बढ़ सकता है इन बीमारियों का खतरा

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By ETV Bharat Himachal Pradesh Team

Published : Mar 20, 2024, 11:09 AM IST

Updated : Mar 20, 2024, 12:11 PM IST

World Oral Health Day 2024
World Oral Health Day 2024

World Oral Health Day 2024: 20 मार्च को हर साल वर्ल्ड ओरल हेल्थ डे मनाया जाता है. इस साल की थीम 'एक खुश मुंह है, एक खुश शरीर' है. हिमाचल प्रदेश में भी दांतों से संबंधित बीमारियां लगातार बढ़ रही हैं. जिसमें ओरल कैंसर और दांतों की सड़न की समस्या सबसे ज्यादा है.

डॉ. विनय भारद्वाज, प्रोफेसर एंड एचओडी, डेंटल कॉलेज शिमला

शिमला: दुनिया भर में आज 20 मार्च को हर साल वर्ल्ड ओरल हेल्थ डे मनाया जाता है. वर्ल्ड ओरल हेल्थ डे मनाने का मुख्य उद्देश्य दांतों से संबंधित बीमारियों के प्रति लोगों को जागरूक करना है. हिमाचल प्रदेश में 70 फीसदी लोग दांत खराब होने की समस्या से परेशान हैं. दांत खराब होने से लोगों को कई तरह की बीमारियां भी हो चुकी हैं. इसका एक बहुत बड़ा कारण दांतों की अच्छे से सफाई न करना है. दांतों को जब अच्छे से ब्रश नहीं किया जाता है तो इससे संबंधित बीमारियों का खतरा भी बढ़ जाता है.

दांतों में सड़न की समस्या

डॉ. विनय भारद्वाज ने बताया कि दांतों में बीमारियों में सबसे ज्यादा दांतों की सड़न भी शामिल है. उन्होंने बताया कि मौजूदा दौर में दांतों की सड़न गंभीर समस्या बनती जा रही है. ये बीमारी दांतों की सही से सफाई न करने पर हो सकती है. डॉक्टर ने बताया कि 60 से 70 प्रतिशत लोग दांतों की बीमारी के कारण डेंटल अस्पताल शिमला में पहुंचते हैं. दांतों की परत में फंसे खाने की सफाई न करने पर एसिड का निर्माण होता है. इससे दांतों में सड़न पैदा होती है. अगर समय पर इसका इलाज न किया जाए तो गंभीर बीमारी भी हो सकती है. इसलिए दांतों को सड़न से बचाने के लिए जरूरी है कि दांतों की अच्छे तरीके से हाईजीन और देखरेख की जाए. दांतों में अधिक समस्या होने पर डॉक्टर की सलाह जरूर लें. डॉ. विनय ने बताया कि डेंटल अस्पताल शिमला में 70 फीसदी स्कूली बच्चे भी आते हैं, जिनके दांत खराब हो रहे हैं.

ब्रश करते टाइम इन 7 बातों का रखें खास ध्यान

  1. सुबह-शाम दो टाइम करें ब्रश
  2. सुबह ब्रेकफास्ट के बाद और रात को खाना खाने के बाद, सोने से पहले ब्रश करने का सही समय
  3. लगभग 2 मिनट तक करें ब्रश
  4. एडल्ट मटर के दाने जितना लें टूथपेस्ट, ब्रश को पूरा टूथपेस्ट से न भरें
  5. बच्चों के लिए चावल के दाने जितना लें टूथपेस्ट
  6. चॉकलेट या दांतों से चिपकने वाली चीजों को खाने के बाद जरूर करें कुल्ला

दांतों में सड़न का कारण

दांतों में सड़न सिर्फ चीनी या चॉकलेट के सेवन से ही नहीं होती, बल्कि कई और चीजें ऐसी हैं, जो दांतों और मसूड़ों की सड़न का कारण बनती हैं. दांतों की सड़न के लिए कार्बोहाइड्रेट का ज्यादा सेवन भी एक कारण है. मसूड़ों में उतना ही इंफेक्शन होने का खतरा होता है, जितना कि शरीर के किसी अन्य अंग में होता है. इसलिए दांत और मसूड़ों का ख्याल रखना बेहद जरूरी है. दांतों में दर्द, मुंह से बदबू और मसूड़ों से ब्लड आना ये लक्षण दांत में होने वाली सड़न की ओर इशारा करते हैं.

सही समय पर करवाएं इलाज

अगर इन लक्षणों का इलाज सही समय पर न किया जाए तो सड़ने वाले दांतों में संक्रमण बढ़ जाता है और मसूड़ों की बीमारी हो सकती है. पूरे शरीर को प्रभावित कर सकती है. किसी भी व्यक्ति के मुंह में 700 से भी अधिक प्रकार के माइक्रोब्स होते हैं. ये माइक्रोब्स शरीर में बैक्टीरिया, वायरस और अन्य जीवों के प्राकृतिक संतुलन को बनाए रखते हैं. कुछ बैक्टीरिया शरीर के लिए अच्छे होते हैं, जो पाचन में मदद करते हैं. वहीं, कुछ बैक्टीरिया हानिकारक होते हैं, जो कि बीमारी और संक्रमण का कारण बनते हैं. ये बैक्टीरिया एसिड, वायरस और फंगस के साथ मुंह में ही रहते हैं और दांतों में सड़न का कारण बनते हैं.

दांत सड़ने पर क्या करें

  • बच्चों के दांतों में कीड़े लगने या सड़ने पर सबसे पहले उसे डेंटिस्ट, पीरियोडोंटोलॉजिस्ट डॉक्टर को दिखाएं.
  • डॉक्टर की सलाह पर ही इलाज को आगे बढ़ाएं.
  • खाना खाने के बाद पानी से अच्छे से कुल्ला जरूर करें.
  • सोने से पहले और खाना खाने के बाद ब्रश जरूर करें.
  • टॉफी, चॉकलेट, चीनी या मीठी चीजों का कम सेवन करें.
  • समय-समय पर बच्चों का डेंटल चेकअप करवाएं.

ओरल कैंसर का खतरा

डेंटल कॉलेज शिमला के प्रोफेसर व एचओडी डॉ. विनय भारद्वाज ने बताया कि हिमाचल प्रदेश में 60 से 70 प्रतिशत लोग दांतों की बीमारी से पीड़ित हैं. डॉक्टर ने बताया कि युवाओं में ओरल कैंसर के मामले ज्यादा देखे जा रहे हैं. जो युवा तंबाकू, गुटखा, सुपारी का प्रयोग करते हैं, उन्हें सबसे ज्यादा ओरल कैंसर होता है. शुरुआती लक्षणों में दांतों के पास एक सफेद दाग धब्बा बनता है, लेकिन अगर फिर भी तंबाकू-गुटखा जैसे पदार्थों का सेवन किया जाता है तो पहले ये अल्सर बनता है और फिर ये ओरल कैंसर बन जाता है. ज्यादातर केस में इलाज संभव है.

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Last Updated :Mar 20, 2024, 12:11 PM IST
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