रायपुर: छत्तीसगढ़ क्लाइमेट चेंज कॉन्क्लेव 2024 का आयोजन रायपुर में बुधवार को किया गया. इस दौरान एक प्रदर्शनी भी लगाई गई. इसमें कुछ महिलाएं जशपुर से पहुंची थी. इन महिलाओं के स्टॉल में जड़ी-बूटी और अनोखे फूलों के पौधे थे, जिसे खाने से लोग स्वास्थ्य रहते हैं. इतना ही नहीं डिलीवरी के बाद जिन महिलाओं को दूध नहीं बनता, उन्हें अगर ये जड़ी-बूटी दी जाए तो उनकी समस्या भी दूर हो जाती है. कुछ ऐसी जड़ी बूटियां इन महिलाओं के स्टॉल में थी, जो जच्चा-बच्चा दोनों के लिए फायदेमंद होता है.
स्टॉल में दिखी कई अलग-अलग तरह की चीजें: छत्तीसगढ़ क्लाइमेट चेंज कॉन्क्लेव 2024 की प्रदर्शनी में लगाए गए स्टॉल में सतावर का पौधा शामिल था. इसके अलावा एक पत्ती का बना मटका भी इन महिलाओं ने दिखाया, जिसमें कई सालों तक सामान रखने के बाद चीजें खराब नहीं होती है. ऐसा इन महिलाओं का दावा है. जशपुर से आई इन महिलाओं ने बताया कि, "जंगल में कई तरह के फल-फूल होते हैं, जिसका इस्तेमाल रोजमर्रा की जिंदगी में किया जाता है. साथ ही उसके खाने से स्वास्थ्य भी अच्छा रहता है."
महिलाओं ने फल-फूलों की दी जानकारी: इस दौरान कुछ महिलाओं ने फल-फूल की जानकारी दी. इन महिलाओं ने महुआ के इस्तेमाल के बारे में बताया. महुआ कुकीज, बिस्किट सहित कई चीजों को बनाने में यूज किया जाता है. ये काफी हेल्दी होता है. गुरहल का फूल भी कई लोग खाते हैं. ये भी काफी पौष्टिक होता है. भेलवा के ऊपर का भाग खाया जाता है. चोट लगने पर इसके बीज से लेप से आराम मिलता है. इसके साथ ही हिरमिचा भाजी ग्रामीण क्षेत्रों में खूब पाया जाता है. यह महिलाओं के लिए काफी लाभदायक होता है. इससे खून बढ़ता है.
जानकारी के लिए महिलाओं ने लगाया स्टॉल: प्रदर्शनी के दौरान महिलाओं ने बताया कि, "चरोटा भाजी खाई जाती है. यह काफी कम देखने को मिलता है. ये सारी चीजें विलुप्त न हो जाएं इसलिए हम इसकी प्रदर्शनी कर रहे हैं, इसे हम बेचने नहीं बल्कि इसकी जानकारी और उपयोगिता लोगों तक पहुंचाने आए हैं." इस दौरान इन महिलाओं ने कोदो, कुटकी की भी जानकारी दी.