वाराणसी: Teachers Donation Campaign: कहते हैं बूंद बूंद से घड़ा भरता है और यह कहावत बनारस के इन शिक्षकों के ऊपर खूब चरितार्थ हो रही हैं, जिन्होंने 'बूंद-बूंद' के दान से आज शिक्षकों के भविष्य के लिए एक मजबूत नींव तैयार कर दी है.
यह नींव है 'टीचर्स सेल्फ केयर टीम', जिसमें 2021 में चार शिक्षकों ने 100 रुपये के दान के एक नए सफर की शुरुआत की, जो आज एक कारवां बन गया है. इस टीम में वर्तमान में 2 लाख से ज्यादा यूपी के शिक्षक जुड़े हुए हैं.
इनका एक ही उद्देश्य है कि जब किसी साथी शिक्षक की मृत्यु होती है तो उसके परिवार को आर्थिक मदद पहुंचाई जाती है. वर्तमान में 30 रुपये प्रति शिक्षक प्रति परिवार को दे रहा है.
शिक्षक सुरेश कुमार सिंह ने बताया कि कोरोना काल में शिक्षकों की मदद के लिए टीचर सेल्फ केयर टीम बनाई गई थी. किसी शिक्षक की मृत्यु होने पर टीचर सेल्फ केयर टीम आर्थिक सहयोग प्रदान करती है. सरकार द्वार पुरानी पेंशन बंद कर दी गई है. अगर शिक्षक की मृत्यु हो जाती है तो उसके परिवार में बहुत सी दिक्कतें आती हैं.
हमारे यहां प्रयागराज में एक शिक्षक थे. साल 2020 में उनकी मृत्यु हुई थी. उनकी मदद के लिए हम लोगों ने बहुत प्रयास किया था. स्कूलों में जा-जाकर हम लोगों से पैसे लेते थे. उसी समय विचार आया कि क्यों न कुछ ऐसा प्लेटफॉर्म तैयार किया जाए, जिससे शिक्षक की घर बैठे मदद हो सके.
100 रुपये से शुरू हुआ था अभियान: उन्होंने बताया कि, अगर किसी शिक्षक की मृत्यु हो जाती है तो उसके नॉमिनी के खाते में मदद सीधे ट्रांसफर कर दी जाएगी. उस समय हमने जब इसे शुरू किया था तो 100 रुपये से शुरू किया था. यह तय किया गया था कि हर शिक्षक नॉमिनी के खाते में 100 रुपये डालेगा.
धीरे-धीरे यह कारवां बढ़ता गया. आज यह स्थिति है कि लोग बढ़ते जा रहे हैं. आज ढाई लाख के करीब इसमें जुड़ चुके हैं. जैसे-जैसे लोग बढ़ते जा रहे हैं वैसे-वैसे ही अमाउंट घटाते जा रहे हैं. इसकी शुरुआत प्रयागराज के शिक्षक विवेकानंद आर्या की सोच की वजह से हो सकी थी. उनके साथ ही उनके तीन साथी थे सुधेश पांडेय, संजीव रजत और महेंद्र वर्मा.
वाराणसी में इन लोगों को मिल चुकी है मदद
- संतोष कुमार के परिवार को 19 लाख रुपयों की सहायता.
- सुनील कुमार चक्रवाल के परिवार को 19 लाख रुपयों की सहायता.
- अनिल कुमार सिंह के परिवार को 34.72 लाख रुपयों की सहायता.
- चंद्रिका प्रसाद भारती के परिवार को 49 लाख रुपयों की सहायता.
- किरण सिंह के परिवार को 60 लाख रुपए की मदद की गई है.
149 शिक्षकों के परिवारों को मिली है सहायता: सुरेश कुमार सिंह बताते हैं कि, चार लोगों ने मिलकर इसकी स्थापना की थी. ऐसे में अध्यापक के न रहने पर कहीं न कहीं से उसका परिवार आर्थिक रूप से मजबूत होता है. अब तक पूरे प्रदेश में करीब 149 दिवंगत शिक्षकों के परिवारों को मदद दी जा चुकी है.
30-30 रुपये जुटाकर करीब 42 करोड़ रुपये मदद के रूप में दिए जा चुके हैं. वर्तमान में 6 अध्यापकों का सहयोग चल रहा है, जिसमें वाराणसी जनपद के प्राथमिक विद्यालय दुर्गाकुंड की स्वर्गीय किरण सिंह का नाम भी शामिल है.
इस बारे में संस्था के सदस्य अगर इसकी प्रक्रिया के बारे में बात करें तो संस्था के सदस्य बाकर जहीर बताते हैं कि कोई भी शिक्षक जो हमारे बेसिक शिक्षा, माध्यमिक, विश्वविद्यालय, डिग्री कॉलेज का शिक्षक हों उन्हें इसका लाभ मिलता है.
वर्तमान में 6 लोगों को मिल रहा सहयोग: वे बताते हैं कि, क्लर्क, ग्रुप-डी, शिक्षामित्र और अनुदेशकों को इससे जोड़ दिया गया है. इसमें हम एप के माध्यम से ऑनलाइन जुड़ते हैं. वर्तमान में 6 लोगों का सहयोग किया जा रहा है. अगर इस प्रक्रिया में जुड़ने के लिए कोई भी शिक्षक या शिक्षा विभाग से जुड़ा व्यक्ति जो ग्रुप-डी आदि का हो वह जुड़ सकता है.
इसके साथ ही https://tsctup.com/ पर जाकर मानव संपदा ईएचआरएमस पर जाकर अपना डीटेल भर देंगे. इसी से उनका रजिस्ट्रेशन हो जाएगा. वैधानिक सदस्य बने रहने के लिए आपको निरंतर सहयोग करते रहना होगा. जनवरी में 56 लाख का फरवरी माह 60 लाख रुपये प्रति परिवार को सहयोग दी गई है.