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बनारस में 300 मंदिर QR कोड से लैस; स्कैनकर धार्मिक-ऐतिहासिक महत्व जान सकेंगे टूरिस्ट, गाइड नहीं की जरूरत - Guide in Varanasi

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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Mar 26, 2024, 3:51 PM IST

Updated : Mar 26, 2024, 5:33 PM IST

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वाराणसी शहर मंदिरों के लिहाज से अद्भुत शहर है. यहां की सभी गलियों में मंदिर देखने को मिल जाएंगे. काशी विश्वनाथ धाम के निर्माण के बाद यहां पर्यटकों की भीड़ उमड़ने लगी है. ऐसे में पर्यटन विभाग ने क्यूआर कोड के माध्यम से अनोखी शुरुआत की है. देखें विस्तृत खबर...

बनारस में 300 मंदिर QR कोड से लैस. देखें विस्तृत खबर

वाराणसी : वाराणसी में बढ़ती पर्यटकों की संख्या को देखते हुए उन्हें बेहतर सुविधाएं उपलब्ध कराने की भी पूरी कोशिश की जा रही है. जिससे वह बिना किसी गाइड की मदद के बनारस को सही रूप में जान सकें. इसी के तहत बनारस के ग्रामीण अंचलों के मंदिरों को क्यूआर कोड से लैस कर दिया गया है. साथ ही साथ अलग-अलग स्थानों पर स्थित प्राचीन मंदिरों का जीर्णोद्वार भी कराया गया है. पर्यटन विभाग के इस प्रयास से बनारस के गांव में भी पर्यटन को विकसित किया जा रहा है. काशी के लगभग 300 मंदिरों में लगाए गए क्यूआर कोड को स्कैन कर कोई भी पर्यटक उस मंदिर के इतिहास की जानकारी ले सकेगा.

क्यूआर कोड में मिलेगा बनारस के मंदिरों का इतिहास.
क्यूआर कोड में मिलेगा बनारस के मंदिरों का इतिहास.

मंदिरों का डेवलप किया जा रहा इंफ्रास्ट्रक्चर : पर्यटन उपनिदेशक आरके रावत बताते हैं कि बनारस गलियों और मंदिरों का शहर है. बनारस में बहुत से पौराणिक मंदिर जो गलियों में या ऐसे मंदिर हैं, जिनके विषय में जानकारी नहीं है या पर्यटक जब वहां जाते हैं तो उन्हें उसके विषय में जानकारी नहीं मिल पाती है. इन सभी चीजों को ध्यान में रखते हुए प्रोजेक्ट बनाया गया है. दो पार्ट में इसे तैयार किया गया है. पहले पार्ट में इसका इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलप किया गया है, जिससे मंदिर तक आने वाले टूरिस्ट को उससे संबंधित सारी व्यवस्थाएं मिल सकें. पेयजल, लाइट्स की व्यवस्था, परिक्रमा के लिए परिक्रमा पथ इन सभी चीजों को तैयार करते हुए फिर स्टोरी के रूप में उसकी जानकारी देने के लिए क्यूआर कोड बेस्ड साइनेज लगाया गया.

लगभग 300 मंदिर प्रथम सूची में हुए शामिल : क्यूआर कोड साइनेज को आप अगर स्कैन करते हैं तो उस मंदिर की स्टोरी का ब्रीफ मिलता है. जिसका वर्णन जानने के बाद उस मंदिर की महत्ता समझ में आती है. इन सभी चीजों को ध्यान में रखते हुए विभाग द्वारा यह प्रस्ताव तैयार किया गया है. लगभग 300 मंदिरों को प्रथम सूची में लिया गया है. करीब 150 मंदिरों पर इस तरह का साइनेज लगाने का कार्य लगभग पूरा हुआ है. बाकी 150 मंदिरों पर साइनेज लगाने का कार्य चल रहा है. इसे अप्रैल तक पूरा कर लिया जाएगा. इससे टूरिस्ट को मंदिर के विषय में और वहां तक पहुंचने में, साथ ही मंदिर की विशेषता को समझने में सहायता मिलेगी.

बनारस के आसपास के मंदिरों का विकास : आरके रावत का कहना है कि बनारस के आसपास के शहरों चंदौली, जौनपुर, गाजीपुर में देखेंगे तो यहां पर भी बहुत से पुराने ऐसे मंदिर हैं, जिनका बहुत महत्व है. इनका वर्णन पुराणों में मिलता है. ऐसे मंदिरों की पहचान की गई है. प्रोजेक्ट के तहत उन मंदिरों के भी डेवलपमेंट के कार्य लिए गए हैं. चंदौली की बात करें तो रामकुटी मंदिर को लिया गया है. जिसमें शासन द्वारा धनराशि भी स्वीकृत कर ली गई है. इन मंदिरों पर आने वाले टूरिस्ट्स को क्या-क्या सुविधाओं की आवश्यकता है इसको ध्यान में रखा गया है. इसमें सड़क, पेयजल की व्यवस्था, टूरिस्ट्स के बैठने के लिए बेंच, परिक्रमा पथ आदि की व्यवस्था की जा रही है. इन सभी कार्यों को पूरा करते हुए उस स्थान को डेवलप किया जा रहा है.

पूर्वांचल के अन्य प्रसिद्ध मंदिरों को जान सकेंगे पर्यटक : पूर्वांचल के महत्वपूर्ण मंदिरों पर भी क्यूआर कोड के माध्यम से मंदिर के बारे में डीटेल और ब्रीफ स्टोरी की तरह दिया जा रहा है. यह निश्चित रूप से ही आने वाले टूरिस्ट के लिए लाभकारी होगा. यह ऐसा प्रोजेक्ट है जिसमें टूरिस्ट के आने के साथ-साथ जिज्ञासा भी पैदा होती है. जल्द से जल्द इस कार्य को पूरा कर लिया जाएगा. आरके रावत बताते हैं कि हमारा यह प्रोजेक्ट वाराणसी आने के साथ-साथ पूर्वांचल के अन्य प्रसिद्ध मंदिरों में जाने वाले पर्यटकों के लिए अच्छा रहेगा. उन्हें मंदिरों के बारे में अच्छी जानकारी मिल जाएगी, जिससे उन्हें उस स्थान को समझने में दिक्कत नहीं होगी.

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Last Updated :Mar 26, 2024, 5:33 PM IST
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