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छत्तीसगढ़ में अनोखी शादी, बैलगाड़ी पर सवार हो दुल्हनियां लेने पहुंचा इंजीनियर दूल्हा

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By ETV Bharat Chhattisgarh Team

Published : Feb 21, 2024, 9:15 PM IST

Updated : Feb 21, 2024, 9:31 PM IST

Unique wedding in Chhattisgarh
छत्तीसगढ़ में अनोखी शादी

Unique wedding in Chhattisgarh: छत्तीसगढ़ में बैलगाड़ी पर सवार हो दुल्हनियां लेने इंजीनियर दूल्हा पहुंचा. इस अनोखी शादी में हर रस्म में छत्तीसगढ़ झलक देखने को मिली. साथ ही खाने में भी छत्तीसगढ़िया भोजन ही मेहमानों को परोसा गया.

बैलगाड़ी पर सवार हो दुल्हनियां लेने पहुंचा इंजीनियर दूल्हा

सक्ती: छत्तीसगढ़वासी एक बार फिर पुरानी परम्परा अपनाने लगे हैं. पिछले दिनों प्रदेश में कई शादियों में देखा गया कि दूल्हा बैलगाड़ी पर सवार होकर पहुंचा है. एक बार फिर छत्तीसगढ़ में इंजीनियर दूल्हा की छत्तीसगढ़ी परंपरा के साथ बैलगाड़ी पर बारात चर्चा में है. शादी के लिए दोनों पक्षों ने छत्तीसगढ़ी परंपरा में विवाह के रस्म को पूरा करने के लिए पहले से ही तैयारी कर रखी थी. दूल्हा बैलगाड़ी पर बैठकर बारात में गया. इस शादी में बारातियों के स्वागत के लिए छत्तीसगढ़ी व्यंजन बनाए गए थे. इस पूरी शादी में छत्तीसगढ़ी परंपरा की झलक देखने को मिली.

बैलगाड़ी पर सवार होकर निकला दूल्हा: दरअसल, ये अनोखी शादी सक्ती जिले में हुई है. दूल्हा पंजाब के फिरोजपुर में रेलवे में इजीनियर के पद पर तैनात है है, जबकि वधु प्रियंका चंद्रा एम्स भुवनेश्वर में नर्सिंग ऑफिसर के पद पर कार्यरत है. उच्च शिक्षित होने के बाद भी इन्होंने आधुनिकता के बदले अपने विवाह को छत्तीसगढ़ी रंग दिया. इंजीनियर की शादी में निमंत्रण पत्र से लेकर मंडप, खाने का स्टॉल और स्टेज सब में छत्तीसगढ़ी रंग दिखा. यहां तक कि दूल्हा बारात में भी बैलगाड़ी पर सवार होकर निकला. आर्शीवाद समारोह में आयोजित स्नेह भोज में छत्तीसगढ़ी व्यंजन का स्टॉल लगाया गया था. यहां तक कि डीजे में जो गीत बजे थे, वह भी छत्तीसगढ़ी थे. इस अनोखे शादी की चर्चा जैजैपुर सहित पूरे सक्ती जिले और आसपास के गांवों में भी जमकर हो रही है.

खाने के स्टॉल में भी दिखी छत्तीसगढ़िया झलक: जानकारी के मुताबिक खैरा गांव का मयंक चंद्रा की शादी सक्ती जिला के सेरो गांव की प्रियंका चंद्रा के साथ 18 फरवरी को हुई. इस शादी में छत्तीसगढ़ी संस्कृति की झलक देखने को मिली. शादी का आमंत्रण पत्र छत्तीसगढ़ी में छपवाया गया था. वर के घर के मंडप की साज- सज्जा भी छत्तीसगढ़ी अंदाज में हुई थी. बारात भी जनवासे से बैलगाड़ी पर दूल्हे को बैठाकर निकाली गई. इस शादी के दूसरे दिन 19 फरवरी को आशीर्वाद समारोह का आयोजन हुआ. इसमें खाने के स्टॉल में छत्तीसगढ़ व्यंजन बनाकर सजाया गया था. खाने में भी छत्तीसगढ़ी व्यंजन भी मेहमानों को परोसा गया.

बता दें कि इस अनोखी शादी में मूंग भजिया, चनाचटपटी, फरा, खुरमी, तिखुर, डूक्की, बटकर की सब्जी, जिमिकांदा, ननको बड़ी और प्याज भाजी के साथ चावल दाल परोसी गई. इसके साथ ही खाने के प्लेट के ऊपर पतल बिछाया गया था. इस तरह स्टेज से लेकर खाने के स्टॉल तक सब जगह छत्तीसगढ़ी संस्कृति झलक दिखी. यहां तक स्टॉल की साज-सज्जा भी पर्रा, टोकरी, सुपा, लालटेन, झाडू, पैरा और बांस से की गई थी.

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Last Updated :Feb 21, 2024, 9:31 PM IST
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