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ऊखीमठ में वनों को आग से बचाने के लिए महिलाएं बनीं 'प्रहरी', वन पंचायत सरपंच की पहल को डीएम ने सराहा

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By ETV Bharat Uttarakhand Team

Published : Mar 12, 2024, 3:17 PM IST

Updated : Mar 12, 2024, 4:18 PM IST

Mahila Van Prahari
महिला प्रहरी

Forest Fire in Rudraprayag ऊखीमठ वन पंचायत सरपंच की पहल पर मातृशक्ति जंगलों की प्रहरी बनी हुई हैं. जिन्होंने वनाग्रि को रोकने के लिए मोर्चा संभाल लिया है. ये महिलाएं वनों में आग लगाने वाले पर निगरानी रखेंगी. साथ ही वनाग्नि को रोकने में मदद भी कर रही हैं.

वनों को आग से बचाने के लिए महिलाएं बनीं 'प्रहरी

रुद्रप्रयाग: वनाग्नि को रोकने को लेकर ऊखीमठ वन पंचायत के सरपंच पवन राणा ने खास पहल की है. पहल के तहत स्थानीय महिलाओं को जंगलों की सुरक्षा को लेकर जागरूक किया जा रहा है. जिसमें महिलाएं बढ़ चढ़कर हिस्सा ले रही हैं. महिलाएं जंगल में आग लगाने वालों पर नजर रख रही हैं. साथ ही वन विभाग के साथ मिलकर वनाग्नि को रोकने में अहम भूमिका भी निभा रही हैं. वहीं, जिलाधिकारी और प्रभागीय वनाधिकारी ने इस पहल की सराहना की है.

दरअसल, ऊखीमठ के वन पंचायत सरपंच पवन राणा जंगलों में लगने वाली आग को रोकने और वन संपदा को राख होने के बचाने के साथ ही मानवीय और पर्यावरणीय नुकसान को लेकर ग्रामीण महिलाओं से लगातार संवाद कर रहे हैं. उन्हें वनाग्नि से होने वाले नुकसान की बारीकी से जानकारी भी दे रहे हैं. इसके साथ ही जंगलों की सुरक्षा की भी जानकारी से रूबरू करा रहे हैं.

इसके अलावा महिलाओं के साथ गोष्ठी का आयोजन कर उन्हें शपथ भी दिला रहे हैं. इस पहल में स्थानीय मातृशक्ति यानी महिलाएं भी उनका बढ़ चढ़कर साथ दे रही हैं. साथ ही आसपास की अन्य वन पंचायतों की महिलाओं और ग्रामीणों को भी जंगलों की आग से सुरक्षा में योगदान देने का संदेश दिया जा रहा है. वहीं, इस पहल को लोग जमकर सराह रहे हैं. महिलाएं भी वनाग्नि पर रोक लगाने को लेकर आगे आ रही हैं.

वन पंचायत सरपंच पवन राणा बताते हैं कि जंगलों में लगने वाली आग से वन संपदा तो नष्ट होती ही है, साथ ही जंगल में रहने वाले छोटे-बडे़ प्राणियों को बड़ी क्षति पहुंचती है. इसके अलावा बड़े गंभीर पर्यावरण और मानवीय नुकसान भी होते हैं. उन्होंने कहा कि हर ग्रामीण को वनाग्नि को लेकर जागरूक होने की जरूरत है. साथ ही जो लोग जंगलों में आग लगाने का काम करते हैं, उन्हें दंडित करना जरूरी है.

उन्होंने कहा कि जंगलों में आग लगाने वालों की सूचना देने वालों को पुरस्कृत करना, समय-समय पर लोगों को इसके लिए जागरूक करते रहना आदि सार्थक प्रयासों से वनाग्नि की घटनाओं को रोका जा सकता है. उनकी ओर से यही सब करते हुए महिलाओं और ग्रामीणों को जागरूकता संदेश दिया जा रहा है. जिसमें सभी महिलाओं का उन्हें साथ मिल रहा है. इसके बेहतर परिणाम भी मिल रहे हैं.

डीएम और प्रभागीय वनाधिकारी ने की तारीफ: इधर, रुद्रप्रयाग जिलाधिकारी सौरभ गहरवार और प्रभागीय वनाधिकारी अभिमन्यु ने पवन राणा के प्रयासों की प्रशंसा की है. साथ ही जिले में अन्य लोगों को उनसे प्रेरित होकर वनाग्नि की घटना को रोकने के लिए किए जाने वाले प्रयासों की सीख लेने की अपील की है.

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Last Updated :Mar 12, 2024, 4:18 PM IST
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