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बुध प्रदोष व्रत आज, भगवान भोलेनाथ को प्रसन्न करने के लिए इस विधि से करें पूजा, शुभ फलों की होगी प्राप्ति

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By ETV Bharat Chhattisgarh Team

Published : Feb 21, 2024, 4:50 AM IST

Budh Pradosh vrat 2024
बुध प्रदोष व्रत

Budh Pradosh vrat 2024 भगवान शिव को अगर प्रसन्न करना चाहते हैं तो प्रदोष व्रत में पूजा पाठ पवित्र नियम के अनुसार करें. ऐसा करने से आपको शुभ फलों की प्राप्ति होगी. आज फरवरी महीने का दूसरा प्रदोष व्रत है इसलिए भगवान भोलेनाथ को खुश करने का यह सबसे अच्छा अवसर है. puja vidhi of bhagwan shiva

बुध प्रदोष व्रत

रायपुर: साल 2024 में फरवरी महीने का दूसरा प्रदोष व्रत आज है. हिंदू धर्म में इस दिन का शिवभक्त इंतजार करते हैं. क्योंकि इस दिन अगर आप शुभकाल और पवित्र मन से भगवान भोलेनाथ की पूजा करें तो आपके जीवन में सुख समृद्धि और धन का आगमन हो सकता है. धार्मिक मान्यता के अनुसार प्रदोष व्रत करने से भगवान शिव की सदैव कृपा जातक पर बनी रहती है. ज्योतिष के मुताबिक भगवान भोलेनाथ प्रदोष व्रत की पूजा से काफी प्रसन्न होते हैं और मनुष्य को समस्त दुखों से छुटकारा मिलता है. बुधवार को प्रदोष व्रत पड़ने से इसे बुध प्रदोष व्रत की कहा जाता है.

बुध प्रदोष व्रत का शुभकाल समझिए: बुध प्रदोष व्रत के शुभकाल की बात करें तो 21 फरवरी बुधवार को यह सुबह 11 बजकर 27 मिनट पर शुरू हो रहा है. अगले दिन 22 फरवरी 2024 को दोपहर 1 बजकर 21 मिनट पर यह समाप्त होगा.

प्रदोष व्रत की पूजा का समय: प्रदोष व्रत की पूजा का समय शाम 6:15 से शुरू होकर रात आठ बजकर 45 मिनट तक है. पंचांग के मुताबिक माघ महीने की शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी तिथि यानि बुधवार को यह व्रत है.

कैसे करें प्रदोष व्रत की पूजा: प्रदोष व्रत की पूजा के लिए धूप, दीप, रोली, अक्षत, चंदन, शमी का पत्ता और फल फूल के साथ मिठाई प्रसाद के लिए खरीद लें. बेलपत्र को भी तोड़कर भगवान की पूजा के लिए रख लें. इस दिन सुबह जल्दी उठ जाएं और स्नान आदि कर साफ कपड़े पहन लें. अपने घर के पूजा स्थान की साफ सफाई कर लें. उसके बाद पूजा के समय सुबह में प्रदोष व्रत का संकल्प लेकर भगवान शिवजी का पूजन करें. शाम के समय में भगवान शिव की पूरे विधि विधान से पूजा अर्चना करें और शिवलिंग पर जलाभिषेक करें. शिवलिंग पर बेलपत्र, फूल, धतूरा और भस्म को चढ़ाएं और ओम नम: शिवाय मंत्र का 108 बार जप करें. संभव हो तो इस दौरान शिव चालीसा का पाठ करें. विधि विधान से पाठ करने के बाद भगवान भोलेनाथ और माता पार्वती सहित सभी देवताओं की आरती उतारे. यह पूजा विधि पंडितों और धर्म के जानकारों की तरफ से बताई गई है. इसकी पुष्टि ईटीवी भारत नहीं करता है.

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