शिमला: अंतरराष्ट्रीय गिरोह से संपर्क रखने वाले मुख्य सरगना शाही महात्मा गैंग के चार और तस्करों को पुलिस ने पकड़ा है. इन सभी तस्करों को रोहड़ू से गिरफ्तार किया गया है.
पुलिस ने इस तरह पकड़े चारों तस्कर
पुलिस ने बैंक डिटेल और फोन डिटेल के आधार पर आरोपियों को पकड़ा है. पकड़े गए आरोपियों की पहचान सिकंदर ठाकुर निवासी वीपीओ लोअरकोटी, तहसील रोहड़ू जिला शिमला, आशीष निवासी रोहड़ू जिला शिमला, कुलवंत चिढ़गांव निवासी तहसील रोहड़ू, नारेह कुमार निवासी गांव बिजौरी पोस्ट ऑफिस सीमा, तहसील रोहड़ू जिला शिमला के तौर पर हुई है.
चारों आरोपी शाही महात्मा के लिए काम करते थे और नशा सप्लाई के काम में संलिप्त थे. आरोपियों के बैंक खाते पुलिस ने सीज कर दिए हैं. खास बात ये है कि ये सभी एक चेन के तौर पर काम कर रहे थे. पुलिस जांच से पता चला है कि शाही महात्मा तस्करी के लिए नशे के आदी और बेरोजगार युवाओं का इस्तेमाल करता था.
जिले में इससे पहले दर्ज चिट्टा तस्करी के पांच मामलों में गिरफ्तार 13 लोग भी इसी नेटवर्क का हिस्सा रहे हैं. गौरतलब है कि पुलिस ने ऐसे तस्कर का भंडाफोड़ किया है जो पूरा रैकेट व्हाट्सएप के माध्यम से चलाता था. पुलिस ने आरोपी को गिरफ्तार कर लिया है और मामले की जांच कर रही है.
पुलिस से प्राप्त जानकारी के मुताबिक "सेब व्यापारी बड़ी चालाकी के साथ बीते करीब 6 सालों से यह ड्रग रैकेट चला रहा था जिसे पुलिस भी जानकार हैरान रह गई. यह पूरा रैकेट व्हाट्सएप के जरिए चलता था, लेकिन डिलीवरी करने वाले शख्स और ड्रग्स लेने वाला शख्स कभी भी एक-दूसरे से नहीं मिलते थे."
शिमला के एसपी संजीव कुमार गांधी ने बताया "शिमला का एक सेब व्यापारी जिसका नाम शाही महात्मा (शशि नेगी) है. वह पिछले करीब 6 सालों से एक अंतरराज्यीय 'चिट्टा रैकेट चला रहा था और उसके दिल्ली में नाइजीरियन ड्रग गैंग और हरियाणा के अन्य गैंग के साथ संपर्क था. मुख्य सरगना का कश्मीर में भी कुछ लोगों के साथ संपर्क था."
बीते 20 सितंबर को पुलिस ने शिमला में इस साल की सबसे बड़ी ड्रग्स की जब्ती की. पुलिस को इस दौरान 468 ग्राम 'चिट्टा' मिला था. पुलिस अधिकारी ने बताया "ड्रग्स की मांग व्हाट्सएप पर होती थी. ये लोग पहले सुनिश्चित करते थे कि ड्रग्स के वितरण से पहले यह चार हाथों से गुजरे. ड्रग्स की मांग लाने, ड्रग्स की आपूर्ति करने और भुगतान प्राप्त करने के लिए अलग-अलग लोगों को नियुक्त किया गया था. डिलीवरी करने वाला व्यक्ति ड्रग को एक अलग स्थान पर रखता और खरीदार को वहां से उठाने के लिए एक वीडियो साझा करता था. पैसे भी अलग-अलग खातों से होते हुए शाही महात्मा के खाते में पहुंचते थे."
पुलिस अधिकारियों ने बताया "पिछले 15 महीनों में आरोपियों के बैंक खातों में करीब 3 करोड़ रुपये के फंड के फ्लो का पता चला है. फिलहाल पुलिस मामले में जांच कर रही है और अभी कई बड़े खुलासे हो सकते हैं."
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