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UP Budget 2024 : योगी सरकार के यूपी के बजट पर अधिवक्ता, डॉक्टर और व्यापारियों की प्रतिक्रिया, जानिए क्या कहा

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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Feb 5, 2024, 8:30 PM IST

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विधानसभा में सोमवार को वित्त मंत्री सुरेश खन्ना ने आम बजट पेश (UP Budget 2024) किया. बजट में 24 हजार करोड़ रुपये की नई योजनाएं लाई गई हैं. आइए जानते हैं कि हर वर्ग के लोग योगी सरकार के इस बजट को किस रूप में देखते हैं.

यूपी के बजट पर प्रतिक्रिया

लखनऊ : यूपी की योगी सरकार ने सोमवार को विधानसभा में आम बजट पेश किया है. बजट वित्त मंत्री सुरेश खन्ना ने पेश किया. इस बजट का आकार 7 लाख 36 हजार 437 करोड़ 71 लाख रुपए है. इसमें 24 हजार करोड़ रुपए की नई योजनाएं लाई गईं हैं. योगी सरकार ने अपने बजट में स्टेट हाईवे को आपस में जोड़कर आम लोगों के साथ ही व्यापारियों को सहूलियत दी है तो छोटे व्यापारियों के लिए मुख्यमंत्री उद्यमी योजना की शुरुआत करने की घोषणा की है. इसके अलावा एक नया मेडिकल कॉलेज खोले जाने, खिलाड़ियों और अधिवक्ताओं के लिए भी बजट में ध्यान रखा गया है. ऐसे में आइए जानते हैं कि, हर वर्ग के लोग योगी सरकार के इस बजट को किस रूप में देखते हैं.

व्यापार भी बढ़ेगा और व्यापारी भी : राजधानी के व्यापारी नेता संजय गुप्ता ने कहा कि, उनके व्यापारी समाज ने आशा लगा रखी थी कि व्यापारियों के लिए स्वास्थ्य बीमा की बात बजट में होगी. ई कॉमर्स की व्यवस्था भी दिखेगी, लेकिन सीधे तौर पर व्यापारियों को कुछ नहीं मिला. सरकार ने बजट में पूर्वांचल एक्सप्रेस वे व आगरा एक्सप्रेस वे को जोड़ने के लिए लिंक एक्सप्रेस वे बनाने के लिए 500 करोड़ रुपए देने के लिए बजट में कहा है. इससे इस रूट पर ट्रैफिक बढ़ेगा तो व्यापार भी अच्छे से हो सकेगा. इसके अलावा अयोध्या को सबसे बड़ी धार्मिक पर्यटन नगरी बनाने के लिए बजट रखा गया है, इससे व्यापार भी बढ़ेगा और व्यापारी भी.

पांच लाख का ब्याज मुक्त लोन नाकाफी : योगी सरकार ने अपने इस बजट में कई नई योजनाओं का भी ऐलान किया है. इसमें छोटे व्यापारियों को ध्यान रखते हुए मुख्यमंत्री उद्यमी योजना की शुरुआत की जाएगी, जिसके तहत उद्यमी को पांच लाख रुपए ब्याज मुक्त लोन दिया जायेगा. इससे छोटे व्यापारियों को अपना नया बिजनेस शुरू करने में मदद मिलेगी, हालांकि लखनऊ के व्यापारी हरजिंदर का कहना है कि, सरकार के इस फैसले से किसी भी व्यापारी को लाभ नहीं मिल सकेगा. एक व्यापारी अपना बिजनेस बढ़ाने के लिए लोन लेता है और इन पांच लाख रुपए के लोन से उद्यमी को उतना सफल लाभ नहीं मिल सकेगा, वहीं लखनऊ के पान की रेहड़ी चलाने वाले सुरेश मोदी का कहते हैं, यदि मुख्यमंत्री उद्यमी योजना शुरू होती है तो वो अपना धंधा बढ़ा सकते हैं.

कुछ अधिवक्ता बजट से खुश तो कुछ ने कहा चुनावी बजट है : योगी सरकार ने बजट में अधिवक्ताओं का भी खास ध्यान दिया है. अधिवक्ता की मौत होने पर मिलने वाला मुआवजा 1.5 लाख से बढ़ाकर 5 लाख कर दिया गया है, वहीं अधिवक्ता कल्याण निधि 200 करोड़ से बढ़ाकर 500 करोड़ की गई है. इसको लेकर अधिवक्ताओं ने तारीफ की है. वकील सुशील रावत ने कहा कि, अधिवक्ताओं के प्रति सरकार का जो निर्णय है वह तारीफ के काबिल है. अधिवक्ता श्रवण यादव ने कहा कि, उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा जारी किया गया जो बजट है यह आगामी 2024 के लोकसभा चुनाव को देखते हुए किया गया है. मोदी सरकार को लगभग दस साल होने वाले हैं. अधिवक्ताओं के लिए कुछ नहीं किया गया. उत्तर प्रदेश सरकार के भी सात साल होने को हैं. अधिवक्ताओं के निधन पर दिए जाने मुआवजा का जो दावा किया जा रहा है कि उसे पांच लाख कर दिया गया है, वह पहले से ही अखिलेश सरकार से ही दिया जा रहा है, जबकि इसे 20 किए जाने की आवश्यकता थी.


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पीजीआई व केजीएमयू में घटेगी भीड़ : राजधानी के एपेक्स ट्रॉमा सेंटर और अन्य मेडिकल कॉलेज के ट्राॅमा सेंटर के बेड की संख्या दोगुनी करने के लिए बजट में 300 करोड़ रुपए की व्यवस्था की गई है. इतना ही नहीं यूपी में एक और मेडिकल कॉलेज वाराणसी में खुलेगा, जिसके लिए 400 करोड़ दिए जा रहे हैं. इसको लेकर लोगों में सरकार को लेकर काफी खुशी है. डॉ. अंकित शुक्ला कहते हैं कि, ट्राॅमा सेंटर में बेड बढ़ाने की बहुत आवश्यकता थी, क्योंकि ट्राॅमा सेंटर में किसी अपातकाल स्थिति में यदि कोई मरीज पहुंचता है और बेड नहीं मिलता तो उसकी जान बचाना काफी मुश्किल होता है. ऐसे में बेड बढ़ाने से बहुतों की जान बचाई जा सकेगी. इसके अलावा वाराणसी में मेडिकल कॉलेज खुलने से लखनऊ के पीजीआई और केजीएमयू में मरीजों की भीड़ में कमी आयेगी.

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कर्मचारियों को उनके हाल पर ही छोड़ा गया : अध्यक्ष फार्मेसिस्ट फेडरेशन और प्रमुख उपाध्यक्ष राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद के डाॅ. सुनील यादव ने बजट 2024 पर वित्त मंत्री की लाइनों "तुम्हारी शख्सियत से ये सबक लेगी नई नस्लें, वही मंजिल पर पहुंचा है, जो अपने पांव चलता है" पर बात रखी. सुनील यादव ने कहा कि निश्चित ही प्रदेश में जनहित की अनेक योजनाएं वित्त संतृप्त की गई हैं, परंतु कर्मचारियों को अकेला ही छोड़ दिया गया है. 36 पेज के बजट भाषण में अनेक योजनाओं, समूहों को लाभ दिया गया, लेकिन प्रदेश के कर्मचारी जो शासकीय नीतियों का परिपालन सुनिश्चित करते हैं उनके लिए कोई योजना नहीं आई. स्थाई कर्मचारियों से अधिक संख्या ठेकेदारी और संविदाकर्मियों की होती जा रही है. बजट में फार्मा सेक्टर को अतिरिक्त तरजीह नहीं दी गई जो चिंतनीय है. कैशलेश चिकित्सा के लिए सरकार ने धन आवंटित किया जो स्वागत योग्य है. परिषद के महामंत्री अतुल मिश्रा और अशोक कुमार ने कहा कि पुरानी पेंशन बहाल की बजट में कोई घोषणा नहीं की गई. इसलिए कर्मचारियों के लिए यह बजट आशा के विपरीत रहा है. पीपीपी मॉडल पर बनाए जा रहे मेडिकल कॉलेजों में स्थाई रोजगार की घोषणा नहीं है.

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