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यहां चैत्र नवरात्र में भी किया गया रावण दहन, धूमधाम से निकली रामजी की सवारी - Unique tradition Of Rajasthan

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By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : Apr 19, 2024, 7:04 AM IST

Unique tradition Of Rajasthan
Ravana Dahan in Hadoti

देशभर में विजयादशमी पर ही रावण दहन की परंपरा रही है, लेकिन हाड़ौती में कई जगहों पर चैत्र नवरात्र में भी मेले लगते हैं. बाकायदा, दशमी तिथि पर यहां रावण के पुतले का दहन भी किया जाता है. झालावाड़, बारां और कोटा के कई स्थानों पर गुरुवार को रावण के पुतले का दहन किया गया.

चैत्र नवरात्र में भी रावण दहन

झालावाड़. देशभर में कोटा का दशहरा मेला काफी प्रसिद्ध है. शारदीय नवरात्रि की समाप्ति के बाद दशमी तिथि पर रावण सहित मेघनाद और कुंभकरण के बड़े-बड़े पुतले जलाए जाते हैं, लेकिन हाड़ौती के कुछ क्षेत्र ऐसे भी हैं जहां हर छह महीने में ही रावण जलकर फिर से खड़ा हो जाता है. देशभर में विजयादशमी पर ही रावण दहन की परंपरा रही है, लेकिन हाड़ौती में कई जगहों पर चैत्र नवरात्र में भी मेले लगते हैं और दशमी के दिन रावण का पुतला दहन किया जाता है, जिसे देखने के लिए हजारों लोगों की भीड़ उमड़ती है.

गुरुवार को हाड़ौती के 7 स्थानों पर रावण के पुतले का दहन किया गया. बारां जिले के मांगरोल, कोटा के पीपल्दा व पावर-कनवास समेत कई कस्बों में पिछले 9 दिनों से चल रहे मेले का समापन हुआ, जिसके बाद बड़ी धूमधाम से रावण के पुतले का दहन किया गया. हाड़ौती अंचल में इस परंपरा को निभाते हुए कई बरस बीत गए. इतिहासकारों के मुताबिक चैत्र माह की दशमी भी रावण दहन परंपरा में शामिल है, जबकि इसके पीछे कोई खास आधार नहीं रहा है.

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झालावाड़ में 35 फीट के रावण का दहन : इसी कड़ी में झालावाड़ शहर में गुरुवार को प्रसिद्ध श्रद्धास्थल राड़ी के बालाजी मंदिर परिसर में नगर परिषद और श्री राड़ी के बालाजी महावीर सेवा दल के तत्वावधान में रावण दहन कार्यक्रम का आयोजन किया गया. इस दौरान 35 फीट के रावण का दहन किया गया. कार्यक्रम स्थल पर जमकर आतिशबाजी भी की गई. रावण दहन स्थल पर मेले जैसा माहौल रहा. महिलाएं और बच्चों ने भी रावण दहन और मेले का लुत्फ उठाया. इससे पहले शहर में भगवान राम, जानकी और हनुमान की शोभायात्रा निकाली गई. इस दौरान व्यायामशाला के कलाकारों की ओर से अपनी कला का प्रदर्शन किया गया.

ड्रोन से रखी गई चौकसी : उधर, शोभायात्रा के दौरान पुलिस प्रशासन ने चाक-चौबंद सुरक्षा व्यवस्थाएं की थी. पूरे मार्ग पर ड्रोन से चौकसी रखी गई थी. गौरतलब है कि हर वर्ष झालावाड़ में महावीर सेवादल और राडी के बालाजी सेवा समिति की ओर से यहां 11 दिन का उत्सव मनाया जाता है जिसकी शुरुआत नवरात्र स्थापना से होती है. शहर के पंचमुखी बालाजी से रामायणजी की शोभायात्रा निकाली जाती है जो राडी के बालाजी पर जाकर समाप्त होती है.

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