जयपुर. राजस्थान की भाजपा सरकार ने सीएए को चुनौती नहीं देने का निर्णय लिया है. राज्य सरकार की ओर से अतिरिक्त महाधिवक्ता शिवमंगल शर्मा ने सुप्रीम कोर्ट में प्रार्थना पत्र पेश किया है. प्रार्थना पत्र में कहा गया है कि याचिका दायर करने के बाद परिस्थितियां बदल गई हैं और राज्य सरकार अब सीएए को चुनौती नहीं देना चाहती. इसलिए याचिका को वापस लेने की अनुमति दी जाए.
गौरतलब है कि केन्द्र सरकार ने भारतीय नागरिकता कानून, 1955 में संशोधन के लिए वर्ष 2016 में नागरिकता संशोधन विधेयक संसद में पेश किया था. संसद से पारित होने के बाद 12 दिसंबर को विधेयक को राष्ट्रपति ने मंजूरी दे दी थी. इसके बाद से नागरिक संशोधन अधिनियम बन गया था. इसे लेकर वर्ष 2020 में तत्कालीन गहलोत सरकार ने सीएए को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी थी. बता दें कि कुछ दिन पहले ही केंद्र की मोदी सरकार ने सिटीजनशिप अमेंडमेंट एक्ट (CAA) का नोटिफिकेशन जारी किया था.
सीएम भजनलाल ने जताया था अमित शाह का आभार : देश में नागरिकता संशोधन कानून के नोटिफिकेशन को लागू होने के बाद मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह का आभार जताया था. जिस दिन प्रदेश में CAA का नोटिफिकेशन जारी हुआ था, उस दिन प्रदेश सरकार के मंत्री और विधायक अयोध्या से वापस लौटे थे. इस दौरान मीडिया से बातचीत में भजनलाल शर्मा ने कहा था कि लंबे समय से इस कानून की जरूरत थी.
आजादी के बाद पाकिस्तान, अफगानिस्तान और बांग्लादेश में हमारे भाई प्रताड़ित होकर आए थे. वह चाहे हिंदू हो, सिख, जैन या फिर ईसाई हो, इस कानून की मदद से उन्हें भारत की नागरिकता मिलेगी और सारी सुविधाएं मिलेंगी. हालांकि, कांग्रेस समेत कुछ विपक्षी दलों ने इस कानून का विरोध जताया था. जब प्रदेश में भाजपा की सरकार बनी तो कांग्रेस राज के दौर में की गई आपत्ति को सरकार के स्तर पर वापस लेने का फैसला हुआ है.