पुणे (PTI) । पुणे में देर रात्रि में कार दुर्घटना में मारे गए दो सॉफ्टवेयर इंजीनियरों के माता-पिता पुणे ने शुक्रवार को मांग है कि मामले की जांच व सुनवाई सुप्रीम कोर्ट की निगरानी होनी. परिवारों ने यह भी मांग की है कि मामले की सुनवाई मध्य प्रदेश में होनी चाहिए, जहां से पीड़ित थे, न कि महाराष्ट्र में. बता दें कि मध्य प्रदेश के रहने वाले 24 वर्षीय आईटी पेशेवर अनीश अवधिया और अश्विनी कोष्टा की 19 मई को पुणे शहर में 17 वर्षीय लड़के द्वारा कथित तौर पर चलाई जा रही तेज रफ्तार पोर्शे कार ने उनकी मोटरसाइकिल को टक्कर मार दी, जिससे उनकी मौत हो गई.
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#WATCH | Pune car accident case | Advocate Asim Saraode says, "This is not a very difficult case according to the point of view of the law. There are some emotions and human rights violations involved... The police claim they need to investigate the DCR and the driver needs to be… pic.twitter.com/ymHIvCuTpn
— ANI (@ANI) May 24, 2024
वयस्क की तरह चलाएं मुकदमा
अश्विनी जबलपुर का रहने वाला था, जबकि अनीश उमरिया जिले के बिरसिंहपुर पाली का रहने वाला था. अश्विनी के पिता सुरेश कुमार कोष्टा ने कहा, ''सुप्रीम कोर्ट को मामले की जांच और सुनवाई की निगरानी करनी चाहिए ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि हमें न्याय मिले. अपराध की गंभीर प्रकृति को देखते हुए आरोपी पर नाबालिग की तरह नहीं, बल्कि वयस्क की तरह मुकदमा चलाया जाना चाहिए. जब आरोपी ने अपनी कार चढ़ा दी तो वह नशे की हालत में था. बता दें कि दुर्घटना के बाद आरोपी को किशोर न्याय बोर्ड के समक्ष पेश किया गया, जिसने उसे 300 शब्दों का निबंध लिखने के लिए कहते हुए जमानत दे दी.
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आरोपी और उसका पिता गिरफ्तार
इसके बाद त्वरित जमानत और पुलिस की समीक्षा याचिका पर हंगामे के बाद रियल एस्टेट डेवलपर विशाल अग्रवाल के आरोपी बेटे को 5 जून तक सुधार गृह में भेज दिया गया. पुलिस ने आरोपी के पिता को भी गिरफ्तार कर लिया है. वहीं, अनीश के पिता ओम प्रकाश अवधिया ने फोन पर कहा, "मैं आखिरी सांस तक न्याय के लिए लड़ूंगा. दोनों परिवारों को न्याय सुनिश्चित करने के लिए मामले की सुनवाई पुणे में नहीं बल्कि मध्य प्रदेश में होनी चाहिए. आरोपी के पास ड्राइविंग लाइसेंस नहीं होने के बावजूद उसे थाने में वीआईपी ट्रीटमेंट दिया गया. इस दुर्घटना को दोहरा हत्याकांड माना जाना चाहिए.''