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छत्तीसगढ़ के सबसे बड़े पावर प्लांट की जनसुनवाई पूरी, सीएसईबी ने दिए सवालों के जवाब

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By ETV Bharat Chhattisgarh Team

Published : Jan 30, 2024, 10:55 PM IST

Power Plant Of CSEB In Korba छत्तीसगढ़ के सबसे बड़े पावर प्लांट की पर्यावरणीय स्वीकृति के लिए जनसुनवाई पूरी हो गई है. इस दौरान 33 लोगों के सवालों और आपत्तियों का अधिकारियों ने जवाब दिया. प्रशासन द्वारा जनसुनवाई की औपचारिकता पूरी करने के बाद अब इस पावर प्लांट निर्माण का रास्ता साफ हो गया है.

power plant of CSEB in Korba
कोरबा में पावर प्लांट की जनसुनवाई पूरी

कोरबा में पावर प्लांट की जनसुनवाई पूरी

कोरबा: छत्तीसगढ़ के सबसे बड़े पावर प्लांट की पर्यावरणीय स्वीकृति के लिए जनसुनवाई मंगलवार को पूरी की गई. सीएसईबी के एचटीपीएस वेस्ट, लाल मैदान में प्रशासन की मौजूदगी में सीएसईबी के अधिकारियों ने जनता के सवालों के जवाब दिए. इस दौरान 33 लोगों ने अपने विचार व्यक्त किया. इस दौरान आपत्तियों का भी जवाब दिया गया. जिसके बाद प्रशासन ने जनसुनवाई की औपचारिकता को पूरा कर लिया.

सीएसईबी पर जानकारी छुपाने का आरोप: इस जनसुनवाई के दौरान जनसुनवाई के दौरान 40 गांव से आए ग्रामीणों और एक्टिविस्ट ने सीएसईबी पर जानकारी छुपाने और सूचनाओं को तोड़ मरोड़ का प्रस्तुत करने का आरोप लगाया. कुछ ने आपत्ति दर्ज कराई और यह कहा कि पुराने प्रकरणों का निराकरण करने के बाद ही नए संयंत्र की स्थापना की जानी चाहिए. जबकि अधिकांश लोगों की चिंता यह थी की पावर प्लांट लगाने से प्रदूषण का स्तर बढ़ेगा. सीएसईबी के अधिकारी ने जवाब देते हुए सारे आपत्तियों के निराकरण होने की बात कही. यह भी कहा कि कुछ आपत्तियों को लिखित में दर्ज किया गया है. जिन्हें लिखित में ही प्रशासन के समक्ष प्रस्तुत किया जाएगा. अधिकारियों ने नियमों के पालन करने का भरोसा दिया.

11 बजे शुरू हुई सुनवाई 3 बजे तक चली: इस पावर प्लांट के लिए किसी भी तरह के निजी भूमि का नए सिरे से अधिकरण अधिग्रहण नहीं किया जा रहा है. जिसके कारण ही जनसुनवाई में लोगों की उपस्थिति काफी कम थी. पर्यावरण को लेकर चिंतित ग्रामीण, आंदोलनरत भू स्थापित और एक्टिविस्ट ही जनसुनवाई में पहुंचे थे. यही कारण रहा कि सिर्फ 33 लोगों ने जनसुनवाई के दौरान मौजूद रहकर प्रशासन और सीएसईबी के समक्ष अपने विचार व्यक्त किए. 11:15 में शुरू हुई जनसुनवाई लगभग तीन से चार घंटे चली. जिसके बाद बाद एडिशनल कलेक्टर ने समापन की घोषणा की.

इस तरह की रही आपत्तियां: जनसुनवाई में पर्यावरण एक्टिविस्ट लक्ष्मी चौहान भी पहुंचे थे. जिन्होंने बताया कि कंपनी ने नए संयंत्र के विस्तार के लिए काफी जानकारियों को छुपाया है. कई सूचनाओं को मैनिपुलेट किया गया है. नियमों के अनुसार, एनवायरमेंट एसेसमेंट रिपोर्ट की विस्तृत कॉपी वेबसाइट पर अपलोड की जानी चाहिए, लेकिन ऐसा नहीं किया गया है. केवल 10 पन्ने की समरी रिपोर्ट जनसुनवाई में मौजूद है. कुछ कार्यालय में इसके रखने की बात कही जा रही है, लेकिन यदि वेबसाइट पर उपलब्ध होता तो ज्यादा लोग इसे देख पाते. इसके अलावा मानसून के सीजन को लेकर भी कुछ भ्रामक जानकारी दी गई है. डीटेल्ड प्रोजेक्ट रिपोर्ट में कई खामियां हैं, जिन्हें पूरा किया जाना चाहिए. जिसे लेकर हमने आपत्ति दर्ज कराई है.

स्थानीय लोगों को रोजगार देने की मांग: इमलीडुग्गू क्षेत्र की पूर्व पार्षद राधाबाई महंत का कहना है कि सीएसईबी पावर प्लांट का विस्तार कर रहा है, जो अच्छी बात है. लेकिन यहां के स्थानीय मूल निवासी सदैव उपेक्षित रहते हैं. ठेकेदार बाहर से कर्मचारी लाकर काम पर रख लेते हैं, जिससे स्थानीय लोगों को रोजगार नहीं मिलता. कंपनी को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि स्थानीय लोगों को रोजगार दिया जाए.

कई लोगों की नहीं सुनी गई आपत्ति: सुपर क्रिटिकल पावर प्लांट के विस्तार में सिंचाई विभाग की साढे 3 एकड़ भूमि को भी अधिग्रहित किए जाने का प्रस्ताव है. हालांकि किसी भी तरह के निजी भूमि का अधिग्रहण नहीं होगा. सीएसईबी ने सिंचाई विभाग को पत्र लिखा है और यह कहा कि जितने सरकारी मकान प्रभावित होंगे. उनका एस्टीमेट प्रदान किया जाए. लेकिन समस्या यह भी है कि सिंचाई विभाग की भूमि पर बड़े पैमाने पर लोग झुग्गी झोपड़ी बनाकर सालों से निवासरत हैं. वह भी जनसुनवाई में अपनी बात रखने पहुंचे थे, लेकिन अधिकारियों ने उन्हें अतिक्रमणधारी बताकर उन्हें अनसुना कर दिया. इसलिए उनका निराकरण सिंचाई विभाग के आधिकारिक करेंगे. सीएसईबी ने सिंचाई विभाग को पत्र लिखा है.

पावर प्लांट से देश के कई इलाके होंगे रोशन: दरअसल, छत्तीसगढ़ स्टेट पावर जेनरेशन कंपनी के इस पावर प्लांट की क्षमता 1320 मेगावाट है. जिसे एचटीपीएस परिसर में ही खाली पड़ी 71 हेक्टेयर खाली पड़ी जमीन पर स्थापित किया जाएगा. जिससे 40 गांव प्रभावित होंगे. सब ठीक रहा तो 660×2 यानी 1320 मेगावाट का सुपरक्रिटिकल तकनीक पर आधारित पावर प्लांट से 2029 में उत्पादन शुरू होगा. जिससे छत्तीसगढ़ राज्य के साथ ही देश भर के कई अन्य इलाके भी रोशन होंगे.

करीब 13 हजार करोड़ की लागत से बनेगा पावर प्लांट: छत्तीसगढ़ स्टेट पावर जेनरेशन कंपनी लिमिटेड का पावर प्लांट पहले ही कोरबा के एचटीपीएस, वेस्ट कॉलोनी में संचालित है. अब इसका विस्तार किया जा रहा है. जहां 1320 मेगावाट का विद्युत संयंत्र लगाया जाना है. इसकी घोषणा पूर्व की कांग्रेस सरकार के दौरान हुई थी. जिसमें कुल मिलाकर 12 हजार 915 करोड़ रुपए की अनुमानित लागत आएगी.

छत्तीसगढ़ है जीरो पावर कट स्टेट: इस पावर प्लांट के अस्तित्व में आने के बाद छत्तीसगढ़ राज्य की स्थापना के बाद विद्युत छत्तीसगढ़ राज्य के विद्युत उत्पादन कंपनी की कुल बिजली उत्पादन क्षमता 4000 मेगावाट के पार पहुंच जाएगी. सन 2000 में छत्तीसगढ़ राज्य स्थापना के समय बिजली उत्पादन क्षमता 1360 मेगावाट थी. वर्तमान में यही 2978 मेगावाट है. फिलहाल छत्तीसगढ़ जीरो पावर कट स्टेट बना हुआ है. लेकिन जनसंख्या बढ़ाने के साथ ही राज्य में बिजली की डिमांड बढ़ती जा रही है. छत्तीसगढ़ में प्रति व्यक्ति बिजली की खपत देश में सर्वाधिक है. जिसे देखते हुए इस पावर प्लांट की जरूरत महसूस की गई.

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