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झारखंड में लोकतंत्र की शानदार जीत, पहाड़ और नक्सल प्रभावित इलाकों में जमकर हुई वोटिंग - lok sabha election 2024

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By ETV Bharat Jharkhand Team

Published : May 14, 2024, 7:37 AM IST

Updated : May 14, 2024, 7:53 AM IST

Voting in jharkhand. झारखंड में इस बार लोकतंत्र की पूरी तरह से जीत हुई है. नक्सल प्रभावित इलाकों में भी लोगों ने गर्मजोशी से मतदान किया है. राज्य के अलग-अलग हिस्सों में लोगों का उत्साह देखते ही बन रहा था. कई इलाकों में तो दशकों बाद वोटिंग हुई.

LOK SABHA ELECTION 2024
पलामू, चाईबासा और लोहरदगा की चुनाव के दौरान की कोलाज तस्वीर (ETV BHARAT)

लोहरदगा के दुर्गम नक्सल प्रभावित इलाकों में जमकर वोटिंग (ETV BHARAT)

लोहरदगा/चाईबासा/पलामूः झारखंड में चुनाव आयोग की कोशिश और सुरक्षा बलों की मौजूदगी की वजह से सालों बाद नक्सल प्रभावित इलाकों में लोगों ने बेखौफ होकर मतदान किया. दुर्गम पहाड़ी क्षेत्र, सुदूर ग्रामीण इलाकों में लोग घरों से बाहर निकले और दिल खोलकर वोटिंग की. लोगों में काफी उत्साह दिखा.

लोहरदगा लोकसभा सीट में लंबे समय के बाद ऐसा हुआ है कि मतदाताओं में नक्सलवाद का डर नहीं दिखा. लोहरदगा लोकसभा क्षेत्र के गुमला और लोहरदगा जिला के पहाड़ी इलाकों में नक्सलियों का खौफ इस बार नजर नहीं आया. बिना किसी डर के मतदाता मताधिकार का उपयोग करने को लेकर बाहर निकले. पहाड़ों में भी लोकतंत्र जमकर मुस्कुराया है.

कई किलोमीटर पैदल चलकर पहुंचे मतदान करने

लोहरदगा लोकसभा सीट के लोहरदगा जिला के सुदूरवर्ती नक्सल प्रभावित और घने जंगलों के बीच स्थित मतदान केंद्रों में भी मतदाताओं की लंबी कतार देखी गई. मतदाता कई किलोमीटर जंगली और पहाड़ी सफर तय कर मतदान के लिए पहुंचे हुए थे. सुरक्षा व्यवस्था के कड़े इंतजाम के बीच मतदाताओं ने अपने मताधिकार का उपयोग किया. इस क्षेत्र में नक्सलवाद के खात्मे के बाद कई दशक के उपरांत ऐसा हुआ है, जब बिना किसी डर के मतदाता अपने मताधिकार के उपयोग को लेकर पहुंचे हुए थे.

इससे पहले तक के चुनाव में नक्सली फरमान जारी करते थे और उसके बाद कोई भी वोट देने के लिए घर से बाहर नहीं निकलता था. इस बार ऐसी स्थिति नहीं दिखी. नक्सली लगभग खत्म हो चुके हैं. नक्सलियों का डर लगभग खत्म हो गया है. मतदाता बिना किसी डर के अपने घर से निकले और उन्होंने वोट डाला. युवा मतदाताओं के साथ-साथ महिलाओं में भी अपने मताधिकार के उपयोग को लेकर एक उत्साह दिखाई दिया है. पहाड़ी इलाकों में भी लोकतंत्र का झंडा बुलंद नजर आया है.

लोहरदगा जिला के सुदूरवर्ती पेशरार के पहाड़ी इलाकों में भी जमकर मतदान हुआ है. ग्रामीण कई किलोमीटर पैदल चलकर मतदान केंद्र तक पहुंचे थे. जहां पर सुरक्षा व्यवस्था के भी बेहतर इंतजाम किए गए थे. मतदाताओं ने खुले दिल से अपने मताधिकार का उपयोग किया. कई साल के बाद नक्सलवाद का डर नजर नहीं आया.

चाईबासा के बीहड़ में पड़े वोट

सिंहभूम लोकसभा सीट के चाईबासा विधानसभा के बीहड़ नक्सल प्रभावित टोंटो के रेंगड़ाहातु में बनाए गए बूथ पर ग्रामीणों ने जमकर वोट डाले. कारण यह है कि यह क्षेत्र पिछले 20 वर्षों से नक्सलियों के कब्जे में था. बता दें कि विगत 20 वर्षों से इस क्षेत्र पर नक्सलियों का कब्जा होने के कारण रेंगड़ाहातु की बूथ को रिलोकेट कर अन्य स्थानों पर मतदान करवाया जाता था. लेकिन इस बार पुलिस प्रशासन ने इस बीहड़ नक्सल प्रभावित क्षेत्र में सीआरपीएफ के कैंप स्थापित करवा कर लगातार नक्सलियों के खिलाफ अभियान चलाया. जिससे पुलिस जवानों को कई बार सफलता भी मिली हैं और नक्सली बैकफुट पर आए.

लोकसभा चुनाव को लेकर मतदान के लिए रेंगड़ाहातु, मुरमुरा, टेंसरा, सुईअम्बा के ग्रामीणों ने रेंगड़ाहातु में बनाये गए मतदान केंद्र में जमकर वोट डाले. मतदान के लिए सुबह से ही मतदान केंद्र में मतदाताओं की लंबी लंबी कतार लगी हुई थी. महिलाएं पुरुष मतदान करने पहुंचे थे. इधर, सीआरपीएफ के जवान चप्पे चप्पे पर तैनात रहे. सभी नक्सल प्रभावित क्षेत्र में कड़ी सुरक्षा के बीच चुनाव संपन्न कराया गया. रेंगराहातू के चार मतदान केंद्र बना गया थे. रेंगड़ाहातु में 1029, मुरमुरा में 825, टेंसरा में 1130, सुईअंबा में 1340 मतदाता हैं, जहां सीआरपीएफ के सहायक कमांडेंट जगन्नाथ जेना और 40 सीआरपीएफ के जवानों ने कड़ी सुरक्षा के बीच मतदान संपन्न कराया गया है.

सीआरपीएफ सहायक कमांडेंट जगन्नाथ जेना ने बताया कि नक्सल प्रभावित इस क्षेत्र में लगभग 20 वर्षों के बाद बूथ बना और मतदान हुआ. पूर्व में नक्सल प्रभावित क्षेत्र होने ने कारण यहां का बूथ दूसरे स्थान पर बनाकर मतदान कराया जाता था. जो काफी दूर होता थी और लोगों को मतदान करने वहां जाना पड़ता था. सुरक्षाबलों द्वारा नक्सलियों के खिलाफ लगातार अभियान चलाया जाने के बाद नक्सली कमजोर हुए हैं. उन्होंने कहा कि पालीसाई में सीआरपीएफ कैंप में बनाया गया है, कड़ी सुरक्षा और भयमुक्त वातावरण में लोगों ने लोकतंत्र के महापर्व में अपने मताधिकार मतदान का उपयोग किया और मतदान को लेकर मतदाताओं में काफी उत्साह देखा गया.

जानकारी देते संवाददाता नीरज (ETV BHARAT)

पलामू में लोकसभा चुनाव शांतिपूर्ण संपन्न हो गया. विभिन्न मामलो में पांच एफआईआर दर्ज किए गए हैं. पलामू के बिश्रामपुर में कुछ लोगों द्वारा वोटिंग रोकने के मामले में एक, डालटनगंज में एक पार्टी के द्वारा पर्ची पर सिंबल बांटने पर तीन और बिश्रामपुर में एक एफआईआर दर्ज की गई है. पलामू में 60.59 प्रतिशत वोटिंग हुई है. पलामू में 2427 मतदान केंद्र है, जिसमें से 213 मतदान केंद्र के कर्मी आज वापस लौटेंगे. बूढ़ापहाड़ के इलाके से भी मतदानकर्मी मंगलवार को वापस लौटेंगे.

पलामू के इलाके में पहली बार सुबह सात से शाम पांच बजे तक वोटिंग हुई है. पलामू में 2243034 मतदाताओं नौ प्रत्याशियों के भाग्य का फैसला किया. सभी प्रत्याशियों के भाग्य का फैसला ईवीएम में कैद हो गया है. वोटिंग के दौरान पलामू के छतरपुर के मुनकेरी में पर्चा को लेकर राजद और भाजपा कार्यकर्ता आपस में भिड़ गए थे. बूढ़ापहाड़ के हेसातू में 30 वर्षो के बाद मतदान केंद्र बनाया गया था. हेसातू में 70 प्रतिशत से अधिक मतदान हुआ. लोकसभा चुनाव के दौरान ऑनलाइन वेबकास्टिंग के माध्यम से निगरानी रखी जा रही थी.

सुरक्षबलों की 40 कंपनी को किया गया था तैनात, सील किया गया था इंटरस्टेट बॉर्डर

लोकसभा चुनाव को पलामू के इलाके में 40 कंपनी से अधिक सुरक्षाबलों की तैनाती की गई थी. बिहार, यूपी और छत्तीसगढ़ सीमा को सील किया गया था. बिहार और छत्तीसगढ़ सीमा पर नक्सलियों के खिलाफ अभियान चलाया जा रहा था. वोटिंग को लेकर पलामू डीसी शाशिरंजन और एसपी रीष्मा रमेशन ने कई इलाकों का दौरा किया. एसपी ने हुसैनाबाद, हैदरनगर, पांडु समेत कई इलाकों का जायजा लिया.

सबसे अधिक गढ़वा जबकि सबसे कम हुसैनाबाद में हुआ मतदान

पलामू लोकसभा क्षेत्र में सबसे अधिक गढ़वा जबकि सबसे कम हुसैनाबाद विधानसभा क्षेत्र में वोटिंग हुई है. डालटनगंज में 60.62, बिश्रामपुर में 58.60, छतरपुर में 59.20, हुसैनाबाद में 55.03, गढ़वा 62.74 जबकि भवनाथपुर 62.11 प्रतिशत मतदान हुआ.

नौ जगहों पर ईवीएम रिप्लेस किया गया है, जबकि 35 जगहों पर वीवीपीएटी रिप्लेस हुआ है. 2206 सोमवार जबकि 230 मतदानकर्मी मंलवार को वापस लौटेंगे. कुल पांच एफआईआर दर्ज किए गए हैं. - शाशिरंजन, डीसी, पलामू

शांतिपूर्ण चुनाव हुआ है, पोलिंग पार्टी वापस लौट रही है. इलाके में कड़ी सुरक्षा व्यवस्था की गई है. - रीष्मा रमेशन, एसपी, पलामू

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Last Updated : May 14, 2024, 7:53 AM IST
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