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नदियों को चैनलाइज करने का मामला: आदेश की अवमानना याचिका पर हाईकोर्ट ने इन जिलों के डीएम से मांगा जवाब

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By ETV Bharat Uttarakhand Team

Published : Mar 19, 2024, 11:59 AM IST

Channelization of rivers
नैनीताल हाईकोर्ट समाचार

Hearing on contempt petition in Nainital High Court, Channelization of rivers हाईकोर्ट के आदेश की अवमानना मामले पर नैनीताल और हरिद्वार के जिलाधिकारियों को 4 हफ्ते में जवाब देना होगा. मामला नदियों को चैनलाइज करने से जुड़ा है. हाईकोर्ट के पूर्व के आदेश का पालन नहीं करने के खिलाफ दायर अवमानना याचिका के अनुसार अफसरों की लापरवाही से बाढ़ के कारण सरकार को 1 हजार करोड़ रुपए का नुकसान हुआ है. फिर से बरसात का मौसम आने वाला है लेकिन जल निकासी के प्रबंध नहीं करने का आरोप लगाया गया है.

नैनीताल: उत्तराखंड हाईकोर्ट ने पूर्व के आदेश का पालन नहीं करने के खिलाफ दायर अवमानना याचिका पर सुनवाई की. मामले की सुनवाई करते हुए न्यायमूर्ति पंकज पुरोहित की एकलपीठ ने नैनीताल और हरिद्वार के जिला अधिकारियों को अवमानना का नोटिस जारी करते हुए चार सप्ताह में जवाब पेश करने को कहा है.

मामले के अनुसार हल्द्वानी चोरगलिया निवासी भुवन चन्द्र पोखरिया ने अवमानना याचिका दायर कर कहा है कि उत्तराखंड में वर्षा के समय नदियां उफान में रहती हैं. नदियों के मुहाने अवरुद्ध होने के कारण बाढ़ और भूकटाव होता है. जिसके चलते आबादी क्षेत्र में जलभराव होता है. नदियों के उफान पर होने के कारण हजारों हैक्टेयर वन भूमि, पेड़, सरकारी योजनाएं बह जाती हैं.

नदियों का चैनलाइजेशन नहीं होने पर नदियां अपना रुख आबादी की तरफ कर कर देती हैं. इसकी वजह से उधमसिंह नगर, हरिद्वार, हल्द्वानी, रामनगर, रुड़की और देहरादून में बाढ़ की स्थिति उत्पन्न हो जाती है. पिछले साल बाढ़ से कई पुल बह गए थे. आबादी क्षेत्रों में बाढ़ आने का मुख्य कारण सरकार की लापरवाही है. सरकार ने नदियों के मुहानों पर जमा गाद, बोल्डर, मलबा को नहीं हटाया है. अवमानना याचिका में कहा गया कि सरकार ने उच्च न्यायालय के आदेश दिनांक 14 फरवरी 2023 का पालन नहीं किया. इसकी वजह से प्रदेश में बाढ़ जैसी स्थिति उत्पन्न हुई है.

याचिका में कहा गया कि उत्तराखंड सरकार को एक हजार करोड़ रुपया का नुकसान बाढ़ आपदा से हुआ है. उच्च न्यायालय ने अपने आदेश में कहा था कि राज्य सरकार सम्बंधित विभागों को साथ लेकर नदियों से गाद, मलबा और बोल्डर हटाकर उन्हें चैनलाइज करे, ताकि बरसात में नदियों का पानी बिना रुकावट के बह सके. लेकिन अभी तक सरकार ने कोर्ट के आदेश का पालन नहीं किया. जबकि कुछ महीनों के बाद बरसात का सीजन शुरू हो जाएगा. अवमानना याचिका में उनके द्वारा नैनीताल और हरिद्वार के वर्तमान जिलाधिकारियों को पक्षकार बनाया गया है. अपने केस की पैरवी उनके द्वारा स्वयं की गई.
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