ETV Bharat / state

महाराजगंज का चुनाव हुआ दिलचस्प, MLC सच्चिदानंद राय भी उतरे मैदान में, कहा- 'PK के साथ हूं और आगे भी रहूंगा' - lok sabha election 2024

author img

By ETV Bharat Bihar Team

Published : Apr 12, 2024, 5:40 AM IST

Updated : Apr 12, 2024, 6:20 AM IST

सच्चिदानंद राय, एमएलसी.
सच्चिदानंद राय, एमएलसी.

जैसे-जैसे चुनाव की तारीख नजदीक आ रही है मुकाबला रोचक होता जा रहा है. 10 अप्रैल को भोजपुरी स्टार पवन सिंह ने काराकाट से निर्दलीय चुनाव लड़ने की घोषणा कर एनडीए खेमे में तापमान बढ़ा दिया था. आज 11 अप्रैल को एमएलसी सच्चिदानंद राय ने महाराजगंज से निर्दलीय चुनाव लड़ने की घोषणा की. सच्चिदानंद राय कभी बीजेपी के कद्दावर नेता रहे हैं. इसलिए उनके मैदान में आने से माना जा रहा है कि वह बीजेपी का खेल बिगाड़ सकते हैं.

सच्चिदानंद राय, एमएलसी.

पटनाः महाराजगंज लोकसभा क्षेत्र सारण और सिवान जिला के कुछ इलाकों को मिलाकर बना है. यहां छठे फेज में 25 मई को मतदान होना है. एनडीए की ओर से भाजपा ने निर्वतमान सांसद जनार्दन सिंह सिग्रीवाल पर दांव लगाया है. कांग्रेस में अभी माथापच्ची चल रही है. इस बीच सारण स्थानीय निकाय से चुने गये एमएलसी सच्चिदानंद राय ने निर्दलीय चुनाव लड़ने की घोषणा कर दी. इसके बाद अब त्रिकोणीय लड़ाई होने के कयास लगाये जा रहे हैं.

त्रिकोणीय हुआ मुकाबलाः अब तक प्रशांत किशोर के साथ जन सुराज आंदोलन में शामिल एमएलसी सच्चिदानंद राय के महाराजगंज सीट से लोकसभा चुनाव लड़ने की घोषणा के बाद काराकाट लोकसभा की तरह यहां भी मुकाबला दिलचस्प हो गया है. इस मौके पर सच्चिदानंद राय ने ईटीवी भारत से खास बातचीत की. उन्होंने कहा कि 'मैं जब भी चुनाव लड़ता हूं तो एक नए रिकॉर्ड के साथ चुनाव लड़ता हूं और इसमें भी नया रिकॉर्ड बनेगा.'

जनता लड़ा रही चुनावः सच्चिदानन्द राय से पूछा गया कि आप चुनाव लड़ रहे हैं इस चुनाव का क्या प्रारूप होगा? कैसे चुनाव लड़ेंगे? तो उन्होंने बताया कि ''जैसे चुनाव लड़ा जाता है वैसे चुनाव लड़ने जा रहा हूं. वहां की जनता का समर्थन है और वहां की जनता मुझे चुनाव लड़ा रही है. और ऐसा ही होता रहा है वहां के लोग मुझे चुनाव लड़ाते हैं और और वोट देकर जिताते हैं. मैं निश्चित रूप से यह कोशिश करता हूं कि एक-एक वोटर से जाकर मिलूं, उनकी समस्या को समझू ताकि जब मेरा कार्यकाल शुरू हो उन समस्याओं का निदान कर सकूं.''

पीके का सहयोग नहींः उनसे पूछा गया कि क्या आप प्रशांत किशोर के समर्थित उम्मीदवार होंगे? उन्होंने कहा कि कहा कि किसी को भी प्रशांत किशोर या फिर जनसुरज कोई समर्थन देने नहीं जा रहा है. वह दल है ही नहीं. तो समर्थन का कोई प्रश्न नहीं उठाता है. लेकिन, मैं जब उस परिवार का हूं. उन्होंने कहा कि जनसुरज एक अभियान है. अभी दल में परिवर्तित होना बाकी है. हो सकता है विधानसभा चुनाव से पहले हो जाए. जब बिहार के कई लोग इकट्ठा होकर पार्टी बनाएंगे. सच्चिदानंद राय ने कहा कि इस लोकसभा चुनाव में प्रशांत किशोर का कोई योगदान नहीं होने वाला है.

जन सुराज की मुहिम बहुत बड़ीः उनसे जब पूछा गया कि सच्चिदानंद राय को तो उसी रूप में देखा जाएगा, क्योंकि हर बार आप प्रशांत किशोर के साथ दिखे हैं. मंच पर दिखे हैं. तो सचिदानन्द राय ने कहा कि मैं इस छवि को तोड़ना भी नहीं चाहूंगा. जा की जैसी भावना, मूरत जिन देखी जैसी भाव से मुझे लोग जिस रूप में पसंद करेंगे, मुझे स्वीकार है. जनता जनार्दन के अलावा मुझे किसी से मतलब नहीं है. निश्चित रूप से प्रशांत किशोर के साथ मैं कदम से कदम मिलाकर चल रहा हूं, मैं हूं, रहूंगा. जब तक बिहार के व्यवस्था परिवर्तन को हम लोग जमीन पर उतारने का काम नहीं करेंगे, तब तक हम लोग इस आंदोलन से जुड़े रहेंगे.

रिकॉर्ड मतों से जीत का दावाः सवाल किया गया कि आपका एक रिकॉर्ड रहा है कि आप पार्टी छोड़कर निर्दलीय चुनाव लड़ते हैं तो भारी मतों से जीते हैं, क्या इस चुनाव में भी रिकॉर्ड बनेगा. तो सचिदानन्द राय ने कहा कि हर बार पिछले चुनाव से बेहतर परिणाम देता हूं. पहली बार मैंने 52% वोट पाया था. दूसरी बार 56% वोट पाया और इस बार लगता है कि यदि ऐसा ही कुछ रहा तो 60 फीसदी वोट पाकर विजयी रहूंगा.

जनता को सही विकल्प देना हैः उनसे सवाल था कि महाराजगंज से चुनाव लड़ने का एक उद्देश्य बता दीजिए? तो उन्होंने कहा एक सही विकल्प देना. जब मैं चुनाव निर्दलीय पहली बार लड़ा था दो विकल्प आए थे. दो गठबंधन बना था. पता नहीं किस किस तरह का समीकरण बैठे थे. जाति और सब कुछ समीकरण बैठाई जाती है. किसी को भी प्रत्याशी बनाकर भेज देते हैं. जनता के पास विकल्प का अभाव रहता है. दोनों में से किसी एक को चुना पड़ जाता है. पिछली बार मैंने तय किया कि जब लोगों का डिमांड था. तब मैं एक बार फिर से प्रत्याशी बना. मुझे 56% वोट मिला.

मजहब का खेल, जनता नहीं नेता खेलताः पिछली बार केदारनाथ पांडे जी का निधन हो गया उस सीट पर जब चुनाव आया तो दिमाग में आया कि एक और बढ़िया प्रतिनिधि हम लोग दें. हम लोगों ने अफाक अहमद साहब जो एक शिक्षक हैं उनको चुनाव लड़ाया फिर, हम लोगों ने साथ दिया. सारण शिक्षक निर्वाचित क्षेत्र से जीते. इससे समझ में आया कि बिहार की जनता, सारण की जनता, महाराजगंज की जनता, कहीं की भी जानता, जाति, पार्टी, मजहब नहीं करती है. यह सब कुछ नेता करते हैं. यह मजहब का खेल नेता करते हैं. जनता के पास यदि सही विकल्प आता है तो वह सही कैंडिडेट को वोट देते हैं.

प्रशांत किशोर से नहीं हुई बातः जब उनसे पूछा गया कि एक रिकॉर्ड प्रशांत किशोर का भी रिकॉर्ड रहा है वह जिस चुनाव में हाथ लगा देते हैं तो जीत दिला देते हैं. क्या उनके प्रयोग के तौर पर आप लोकसभा चुनाव लड़ रहे हैं? सचिदानन्द राय ने कहा कि नहीं बिल्कुल नहीं, प्रशांत जी से मेरी चर्चा भी नहीं हुई है. मैंने आज दोपहर 2:00 बजे यह निर्णय लिया. प्रशांत किशोर जी से मेरी कोई चर्चा नहीं हुई है. उनसे पूछा गया कि क्या चुनाव प्रचार में प्रशांत किशोर की मदद लेंगे? तो उन्होंने कहा कि नहीं बिल्कुल नहीं. महाराजगंज की जनता चुनाव प्रचार करेंगी. मैं कोई स्टार प्रचारक नहीं उतारने वाला हूं.

इसे भी पढ़ेंः MLC का टिकट कटने पर निर्दलीय मैदान में उतरे सच्चिदानंद राय, बोले- याचना नहीं अब रण होगा

इसे भी पढ़ेंः BJP ने की बागियों पर कार्रवाई, सच्चिदानंद राय और MP छेदी पासवान के बेटे को पार्टी से निकाला

इसे भी पढ़ेंः कौन होगा महाराजगंज से कांग्रेस का उम्मीदवार, सिग्रीवाल को पटखनी देने की रेस में कन्हैया भी! - Lok Sabha Election 2024

Last Updated :Apr 12, 2024, 6:20 AM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.