कुल्लू: अंतरराष्ट्रीय दशहरा उत्सव 13 से 19 अक्टूबर तक कुल्लू में मनाया जाएगा. ऐसे में दशहरा उत्सव के पहले दिन भगवान रघुनाथ की रथ यात्रा सबसे आकर्षण का केंद्र रहती है और घाटी भर के देवी देवता भगवान रघुनाथ की रथ यात्रा में शामिल होते हैं. वहीं, रथ यात्रा को देखने के लिए कुल्लू जिले समेत प्रदेशभर के लोग ढालपुर पहुंचते हैं. जिससे यहां पर काफी ज्यादा भीड़ हो जाती है. दशहरा उत्सव में भीड़ को नियंत्रित किस तरीके से किया जाए. इन सब व्यवस्थाओं को लेकर कुल्लू के रघुनाथ मंदिर में बैठक का आयोजन किया गया.
घाटी के लोगों से महेश्वर सिंह की अपील
इसमें भगवान रघुनाथ के मुख्य छड़ीबरदार महेश्वर सिंह विशेष तौर पर मौजूद रहे. वहीं, भगवान रघुनाथ के कारदार दानवेन्द्र सिंह ने भी इस दौरान अपने सुझाव साझा किए. वहीं, दशहरा उत्सव के दौरान रघुनाथ की यात्रा को कैसे समय अवधि के दौरान पूरा करना है, इसको लेकर चर्चा हुई. घाटी के अधिष्ठाता देवता भगवान रघुनाथ के मुख्य छड़ीबरदार महेश्वर सिंह ने घाटी की जनता से अपील करते हुए कहा कि देवी हडिंबा दशहरे की रथ यात्रा में पहुंचने के लिए मनाली से कुल्लू आती हैं. ऐसे में बहुत से लोग जगह उनका स्वागत करने के लिए रुकते हैं. जिस वजह से रथ यात्रा में विलंब हो जाता है. उन्होंने लोगों से अपील की है कि दशहरे के दौरान 7 दिन तक माता हडिंबा अपने अस्थाई शिविर में होती हैं. इसलिए घाटी के लोग वहां पर जाकर उनके दर्शन कर सकते हैं. माता को जगह-जगह रोकने से रघुनाथ की यात्रा में देरी होती है.
'12 तारीख को ही भगवान रघुनाथ से मिल लें देवता'
वहीं, महेश्वर सिंह ने कहा कि सभी लोग दशहरा के दौरान आवश्यक दिशा निर्देशों का पालन करें, ताकि रथ यात्रा शांतिपूर्ण तरीके से संपन्न हो. भगवान रघुनाथ के कारदार दानवेन्द्र सिंह ने दशहरा उत्सव में आने वाले देवी-देवताओं से भी आग्रह किया कि अगर वह 12 तारीख को ढालपुर पहुंच जाते हैं, तो वह रघुनाथ के दर्शन करने के लिए मंदिर 12 तारीख को ही आ जाएं. 13 तारीख का इंतजार ना करें, इससे समय भी बचेगा और रघुनाथ के दर्शन भी देवी-देवता कर सकेंगे और देवलुओं को भी अधिक परेशानी का सामना नहीं करना पड़ेगा. इस दौरान नगर परिषद के कार्यकारी अधिकारी और पुलिस विभाग के कर्मचारी भी बैठक में मौजूद रहे.