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शिमला में महाशिवरात्रि की धूम, 400 साल पुराने शिव मंदिर में लगा भक्तों का तांता

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By ETV Bharat Himachal Pradesh Team

Published : Mar 8, 2024, 1:43 PM IST

Updated : Mar 8, 2024, 1:55 PM IST

Mahashivratri 2024
Mahashivratri 2024

Mahashivratri 2024 Special, Mahashivratri Celebration in Shimla: हिमाचल प्रदेश समेत राजधानी शिमला में भी आज महाशिवरात्रि पर्व धूमधाम से मनाया जा रहा है. शिमला के मिडिल बाजार स्थिर 400 साल पुराने मंदिर में सुबह से ही भक्तों का तांता लगा हुआ है. भक्त शिवलिंग का अभिषेक कर रहे हैं और राजधानी महादेव के उद्घोषों से गूंज उठी है.

शिमला: हिमाचल में आज शिवरात्रि के महापर्व की प्रदेशभर में धूम है. भक्तों द्वारा भोलेनाथ की भक्ति में पूजा अर्चना की जा रही है. महाशिवरात्रि पर्व पर आज राजधानी शिमला के शिव मंदिरों में सुबह से ही भक्तों की भीड़ लगी रही. श्रद्धालुओं ने सुबह से ही देवालयों में जा कर लंबी कतारों में लगकर भगवान शिव की पूजा अर्चना की. शहर के सभी शिव मंदिर महादेव के उद्घोष से गूंज उठे. हर आयु वर्ग के लोग मंदिर पहुंचे और भगवान शंकर का अभिषेक किया.

कैसे करें शिवरात्रि व्रत की पूजा?

पंडित प्रयागराज ने बताया कि शिवपुराण की कोटिरुद्र संहिता में बताया गया है कि शिवरात्रि व्रत का पालन करने से भोग और मोक्ष दोनों प्राप्त होते हैं. ब्रह्मा, विष्णु और माता पार्वती के पूछने पर भगवान सदाशिव ने बताया कि शिवरात्रि का व्रत करने से व्यक्ति को महान पुण्य की प्राप्ति होती है. मोक्ष प्रदान करने वाले चार संकल्पों का पालन करना चाहिए. शिवपुरी में मोक्ष के चार अनन्त मार्ग बताए गए हैं. इन चारों में भी शिवरात्रि व्रत का विशेष महत्व है.

ये चार संकल्प हैं-

  • भगवान शिव की पूजा
  • रुद्रों का जाप
  • शिव मंदिर में उपवास
  • काशी में देहत्याग
    Mahashivratri 2024 Special
    शिमला में शिवलिंग का अभिषेक

फाल्गुन मास की शिवरात्रि विशेष

पंडित प्रयागराज ने बताया कि शिवरात्रि का व्रत सभी के लिए धर्म का सबसे अच्छा साधन है. इस महान व्रत को सभी मनुष्यों, वर्णों, स्त्रियों, बच्चों और देवताओं के लिए बिना पाप के परम उपकारी माना गया है. हर महीने के शिवरात्रि व्रत में फाल्गुन कृष्ण चतुर्दशी को होने वाले महाशिवरात्रि व्रत का शिव पुराण में विशेष महत्व है. फाल्गुन मास की शिवरात्रि का विशेष महत्व है, क्योंकी इस दिन ही भगवान शिव का माता पार्वती संग विवाह हुआ था.

400 साल पुराना शिव मंदिर

शिमला के मिडिल बाजार में स्थित शिव मंदिर में भी आज सुबह से ही शिव भक्तों का तांता लगा हुआ है. महाशिवरात्रि पर भक्त भगवान शिव के दर्शनों और शिवलिंग का अभिषेक करने के लिए मंदिर पहुंच रहे हैं. शिव मंदिर के पुजारी वासुदेव ने बताया कि ये सदियों पुराना ऐतिहासिक शिव मंदिर है. कहा जाता है कि यह मंदिर 400 साल पुराना है. ब्रिटिश शासन काल में शिमला अंग्रेजों की राजधानी थी और ये शिव मंदिर मालरोड के पास स्थित है, इस कारण से अंग्रेज भी यहां आकर पूजा अर्चना करते थे.

Mahashivratri 2024 Special
मंदिर के बाहर लगा भक्तों का तांता

स्वयंभू हैं इस मंदिर में भगवान शिव

पुजारी वासुदेव ने बताया कि ऐसी मान्यता है कि मंदिर में जो शिवलिंग विराजमान है, वह स्वयंभू हैं यानि की जमीन से खुद प्रकट हुए थे. मंदिर में हर साल शिवरात्रि पर 4 पहर विशेष पूजा अर्चना होती है. महाशिवरात्रि के विशेष पर्व पर मंदिर को पूरी तरह से सजाया जाता है. पहले सुबह मंदिर में पूजा होती है, उसके बाद इसके कपाट भक्तों के लिए खोल दिए जाते हैं.

1842 में हुआ मंदिर का निर्माण

शिव मंदिर के पुजारी वासुदेव ने बताया कि इस मंदिर का निर्माण मदन गिरी नामक एक श्रद्धालु ने साल 1842 में करवाया था. उससे पहले यह शिवलिंग खुले आसमान के नीचे था. उसके बाद समय-समय पर मंदिर का जीर्णोद्धार होता रहा है और अब ये एक भव्य मंदिर बन गया है. पुजारी वासुदेव ने बताया कि यहां मान्यता है कि जो भी श्रद्धालु सच्चे मन और श्रद्धा से मंदिर में पूजा अर्चना करता है, भगवान शिव उसकी हर मनोकामना पूरी करते हैं. हर साल शिवरात्रि पर मंदिर में विशेष पूजा की जाती है. वहीं, मंदिर में सुरक्षा के भी पुख्ता इंतजाम रहते हैं. पुलिस द्वारा राजधानी के सभी मंदिरों में पहरा दिया जाता है, ताकि किसी भी तरह की कोई अप्रिय घटना न घटित हो.

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Last Updated :Mar 8, 2024, 1:55 PM IST
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