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भू-कानून समन्वय संघर्ष समिति ने धामी सरकार को घेरा, कहा- 'भूमि कानून लागू होता तो नहीं होती हल्द्वानी हिंसा'

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By ETV Bharat Uttarakhand Team

Published : Feb 13, 2024, 7:08 PM IST

Updated : Feb 13, 2024, 10:47 PM IST

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uttarakhand land law रुद्रप्रयाग में 'मूल निवास, भू- कानून समन्वय संघर्ष समिति' ने हल्द्वानी हिंसा को लेकर राज्य सरकार को घेरा है. समिति के पदाधिकारियों का कहना है कि अगर प्रदेश में मजबूत भूमि कानून और मूल निवास लागू होता, तो हल्द्वानी हिंसा नहीं होती.

भू-कानून समन्वय संघर्ष समिति ने धामी सरकार को घेरा

रुद्रप्रयाग: हल्द्वानी हिंसा को लेकर 'मूल निवास, भू- कानून समन्वय संघर्ष समिति' ने राज्य सरकार पर निशाना साधा है. समिति के संयोजक मोहित डिमरी ने कहा कि अगर प्रदेश में मजबूत भूमि कानून और मूल निवास लागू होता, तो इस तरह की अप्रिय घटना नहीं होती. उन्होंने हल्द्वानी घटना की निंदा करते हुए कहा कि देवभूमि की पहचान शांति की है, इसलिए हल्द्वानी हिंसा के जिम्मेदार अधिकारियों और उपद्रवियों के खिलाफ कड़ी से कड़ी कार्रवाई होनी चाहिए.

भूमि कानून बाहरी तत्व के खिलाफ असरदार हथियार : मूल निवास आंदोलन के संयोजक मोहित डिमरी ने कहा कि मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी जिन बाहरी तत्वों को प्रदेश की शांति के लिए खतरा बताते हैं, उन बाहरी तत्वों की पहचान वह कैसे करेंगे. उन्होंने कहा कि मूल निवास और मजबूत भूमि कानून किसी भी बाहरी तत्व के खिलाफ सबसे असरदार हथियार है. सत्ताधारी भाजपा हल्द्वानी के बहाने ध्रुवीकरण की कोशिश कर रही है, जिससे मूल निवास और भू-कानून जैसे मुद्दों से जनता का ध्यान भटकाया जा सके.

बुलडोजर नहीं मजबूत भू-कानून की जरूरत: मोहित डिमरी ने कहा कि प्रदेश में न केवल हल्द्वानी, बल्कि तमाम दूसरे इलाकों में भी अवैध अतिक्रमण मौजूद है, जिनके खिलाफ सरकार बुलडोजर चलाने की बात कहती है, लेकिन असल समाधान बुलडोजर नहीं बल्कि मजबूत भू-कानून है. उन्होंने कहा कि सरकार को चाहिए कि प्रदेश में मजबूत भू-कानून सख्ती से लागू कर समस्त भूमि का ब्यौरा जुटाए और उसके आधार पर आगे की कार्रवाई करे.

मूल निवास स्वाभिमान महारैली का होगा आयोजन: मोहित डिमरी ने कहा कि धामी सरकार हल्द्वानी के मुद्दे पर मूल निवास और भू कानून के नजरिए से सोचने की बजाय सांप्रदायिक ध्रुवीकरण का एजेंडा चला रही है, ताकि 2024 की चुनावीं नैया पार हो सके. अतिक्रमण के बहाने पहाड़ी क्षेत्रों में कई लोगों की दुकानें और मकान तोड़े गए. वहीं देहरादून में बसी अवैध बस्तियों को हटाने की बजाय उन्हें राहत देते हुए रातों-रात अध्यादेश लाया गया. उन्होंने कहा कि 18 फरवरी को कोटद्वार में मूल निवास स्वाभिमान महारैली निकाली जाएगी.

सरकार जनता की हितैषी है, तो मूल निवास 1950 विधेयक करे पारित: यूकेडी जिलाध्यक्ष बुद्धिबल्लभ ममगाई, केंदीय मंत्री जितार सिंह जगवाण और समिति के कोर मेंबर प्रांजल नौडियाल ने कहा कि उत्तराखंड की अस्मिता तभी बचेगी, जब मूल निवास और मजबूत भू कानून लागू होगा. अभी हल्द्वानी में इस तरह की घटना हुई, आगे भी ऐसी घटनाओं की संभावना बनी रहेगी. डबल इंजन की सरकार होने के बावजूद मूल निवास 1950 लागू न होना भाजपा सरकार को सवालों के घेरे में लाती है. उन्होंने कहा कि अगर सरकार जनता की हितैषी है, तो विधानसभा में मूल निवास 1950 का विधेयक पारित करे.

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Last Updated :Feb 13, 2024, 10:47 PM IST
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