झाबुआ. एक समय गांवों में लगने वाली खाटला चौपाल (Khatla chaupal) में ग्रामीण गांव की समस्याओं पर चर्चा कर सामूहिक रूप से उनका समाधान निकालते थे. झाबुआ कलेक्टर नेहा मीणा ने इसी परंपरा को पुनर्जीवित कर उसके जरिए ग्रामीणों की शिकायत और समस्या को दूर करने की पहल की है. कलेक्टर की इस पहल की पूरे जिले में जमकर चर्चा हो रही है.
यहां हुआ खाटला चौपाल का आयोजन
पश्चिमी मप्र के आदिवासी अंचल झाबुआ में गांव की समस्याओं का गांव में ही समाधान करने के उद्देश्य से रात्रिकालीन खाटला चौपाल आयोजित की गई. ग्राम पंचायत खरड़ू बड़ी में आयोजित इस खाटला चौपाल में कलेक्टर नेहा मीणा ने ग्रामीणों और खासकर महिलाओं से सीधे संवाद किया. इस दौरान कलेक्टर का फोकस जल संकट के समाधान और संरक्षण पर भी रहा. चौपाल में कलेक्टर ने ग्रामीणों को आश्वासन दिया कि गांव में पानी की समस्या को लेकर उनका सतत प्रयास जारी रहेगा, जिससे गर्मी के दिनों में जलसंकट की स्थिति निर्मित न हो.
कलेक्टर ने सुनी छोटी-बड़ी हर समस्या
कलेक्टर ने चौपाल में गांव के जल स्रोतों के बारे में जानकारी भी ली, साथ ही जल संरक्षण की योजनाओं पर चर्चा की. कलेक्टर ने विद्युत विभाग से गांव में व्याप्त बिजली की समस्या के निराकरण के निर्देश भी दिए। इसके साथ ही आंगनबाड़ी कार्यकर्ता से दर्ज उपस्थिति बच्चों और कुपोषित बच्चों की संख्या की जानकारी लेकर उनके वेट चार्ट को व्यवस्थित करने को कहा. कलेक्टर ने पंचायत में सीसी रोड, तालाब, पुलिया और आवास योजना के सारे अधूरे काम जल्द से जल्द पूरा करने के निर्देश दिए.
चौपाल की परंपरा को पुनर्जीवित करने की जरूरत क्यों पड़ी?
कलेक्टर नेहा मीणा ने इसपर कहा, ' झाबुआ इस तरह का जिला है, जहां ग्रामीण महिला और पुरुष दिन में मजदूरी पर चले जाते है या फिर अपने खेत में काम करते हैं. इस वजह से मुझे लगा कि यहां पुनः खाटला चौपाल का कॉन्सेप्ट लागू किया जाना चाहिए. इससे न केवल ग्रामीण और प्रशासन के बीच जो दूरी है उसे खत्म किया जा सकता है, बल्कि गांव के वरिष्ठ नागरिक, महिला और यूवाओं से संवाद करने पर बहुत सारी समस्या हमें सीधी पता लग जाएगी. वैसे भी हर व्यक्ति अपनी समस्या बताने के लिए कलेक्ट्रेट तो नहीं आ सकता है. इससे ज्यादा बेहतर है कि हम ही हमारे पूरे प्रशासनिक अधिकारियों के साथ यहां आए और उनसे बात कर जाने कि क्या दिक्कत है और उनका समाधान करें. इस तरह की चौपाल सप्ताह में एक दिन किसी भी पंचायत में लगाई जाएगी.
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ग्रामीणों ने खाटला चौपाल में इस तरह बताई अपनी परेशानी
- युवाओं ने बताया गांव में पुराने प्रधानमंत्री आवास अधूरे पड़े हैं. इस वजह से नए प्रधानमंत्री आवास की मंजूरी नहीं मिल पा रही है. इस पर कलेक्टर ने तत्काल ग्राम पंचायत को बचे हुए कार्य जल्द से जल्द पूर्ण करने के लिए कहा, इसके अलावा गांव में स्ट्रीट लाइट लगाकर उन्हें तुरंत फोटो भेजने के भी निर्देश दिए.
- चौपाल में ग्रामवासियों द्वारा प्रसव की सुविधा गांव में उपलब्ध कराए जाने की मांग भी रखी गई.
- एक महिला अपनी दो पोते पोतियों को लेकर कलेक्टर के पास आई. उन्होंने बताया दो साल पहले उनके पुत्र की मृत्यु हो गई थी और उसे आज तक भरण पोषण के लिए आर्थिक सहायता नहीं मिली. कलेक्टर ने संबंधित अधिकारी से प्रतिवेदन प्रस्तुत करने को कहा और बच्चों को रेड क्रॉस कलेक्टर फंड की ओर से 10 हजार की सहायता राशि दिए जाने को कहा.