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जान बचाने वाली दवाएं कहीं जान न ले लें, ऐसे समझें असली और नकली का खेल - Fake medicine Alert

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By ETV Bharat Madhya Pradesh Team

Published : Apr 2, 2024, 8:51 PM IST

FAKE MEDICINE ALERT
जान बचाने वाली दवाएं कहीं जान न ले लें

हृदय रोग, डायबिटीज, ब्लड प्रेशर जैसी बीमारियों में उपयोग होने वाली दवाओं के बाजार में अब नकली नकली दवा की भी एंट्री हो चुकी है.

जान बचाने वाली दवाएं कहीं जान न ले लें

इंदौर. यदि आप हृदय रोग या डायबिटीज की दवा ले रहे हैं और आपने यह दवा ऑनलाइन या 25 परसेंट से ज्यादा के डिस्काउंट पर ली है तो सावधान हो जाइए. आपकी असली पैकिंग वाली ब्रांडेड दवा नकली भी हो सकती है. हाल ही में गाजियाबाद मुंबई और जयपुर में ऐसे कई मामले सामने आए हैं जिसमें मरीज को डिस्काउंट पर दी गई दवाइयां नकली पाई गईं. इस स्थिति को देखते हुए ऑल इंडिया ऑर्गनाइजेशन ऑफ केमिस्ट एंड ड्रगिस्ट ने देश भर के दवा विक्रेताओं के लिए चेतावनी जारी की है.

क्या है पूरा मामला?

दरअसल, हृदय रोग, डायबिटीज, ब्लड प्रेशर जैसी बीमारियों में उपयोग होने वाली दवाओं के बाजार में अब नकली नकली दवा की भी एंट्री हो चुकी है. सबसे चिंताजनक बात यह है कि नकली दवा भी असली दवा कंपनियों के नाम से ही हूबहू पैकिंग और प्रिंटिंग के साथ बेची जा रही हैं. हाल ही में ऐसा मामला गाजियाबाद के साहिबाबाद थाना क्षेत्र से आया है, जहां ड्रग डिपार्टमेंट के छापे के बाद नकली दवा की फैक्ट्री से एक करोड़ 10 लख रुपए की नकली दवाएं बरामद की गई थीं.

दवाओं को लेकर जारी की गई चेतावनी

देशभर में दवा विक्रेताओं की सबसे बड़ी संस्था ऑल इंडिया ऑर्गेनाइजेशन ऑफ केमिस्ट एंड ड्रगिस्ट ने ऑनलाइन और नकली दबाव की बिक्री का विरोध करते हुए सभी दवा विक्रेताओं के लिए चेतावनी जारी की है. इस चेतावनी में कहा गया है कि नकली और डुप्लीकेट ब्रांडेड दवाएं मुख्य रूप से अत्यधिक डिस्काउंट की पेशकश करने वाले अवैध व्यापारियों या ऑनलाइन दवा विक्रेताओं के माध्यम से सप्लाई हो रही हैं. इन दवाओं में ब्रांडेड नाम वाली प्रमुख दवाएं एक जैसी पैकिंग के साथ भारी डिस्काउंट में उपलब्ध कराई जा रही है, जिससे मरीजों की जान से खिलवाड़ हो रहा है.

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ज्यादा डिस्काउंट मिले तो हो जाएं सतर्क

ऑल इंडिया ऑर्गनाइजेशन ऑफ केमिस्ट एंड ड्रगिटेस्ट के महासचिव राजीव सिंघल बताते हैं कि नकली दवा विक्रेता 25 परसेंट से ज्यादा के डिस्काउंट पर लोगों को दवा उपलब्ध कराने का लालच देकर फंसाते हैं. उन्होंने कहा, ' दवाओं का मूल्य निर्धारण भारत सरकार द्वारा किया जाता है, जिसमें 16 परसेंट मार्जिन रीटेलर कैटेगरी में जबकि 8% मार्जिन थोक व्यापारी को है. पूरे दवा मार्केट में ही कुल 24 प्रतिशत का ट्रेड मार्जिन होता है. ऐसी स्थिति के बावजूद कोई भी असली दवा 25 परसेंट या 30 परसेंट डिस्काउंट पर नहीं मिल सकती. अगर कोई इससे ज्यादा डिस्काउंट दे रहा है तो वह नकली हो सकती है.

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