ETV Bharat / state

इंदौर लॉ कॉलेज के प्राचार्य पर ‘देश विरोधी' होने के आरोप गलत साबित, सुप्रीम कोर्ट ने दिए FIR निरस्त करने के आदेश - law college controversial book case

author img

By ETV Bharat Madhya Pradesh Team

Published : May 15, 2024, 1:04 PM IST

Updated : May 21, 2024, 4:24 PM IST

दिसंबर 2022 में इंदौर के शासकीय लॉ कॉलेज के प्राचार्य व शिक्षकों के खिलाफ धार्मिक कट्टरता फैलाने के आरोप में भंवरकुआं थाना में एफआईआर दर्ज की गई थी. इस मामले की सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को प्राचार्य के खिलाफ दर्ज की गई एफआईआर को निरस्त करने के आदेश दिए हैं.

law college controversial book case
इंदौर लॉ कॉलेज के निलंबित प्राचार्य को सुप्रीम कोर्ट से राहत (Etv Bharat)

इंदौर। मध्यप्रदेश के इंदौर जिले के शासकीय नवीन विधि कॉलेज के निलंबित प्रचार्य प्रो. इनामुर्रहमान को सुप्रीम कोर्ट ने राहत दी है. इनामुर्रहमान के खिलाफ धार्मिक कट्टरता फैलाने के आरोप में दर्ज की गई एफआईआर को निरस्त करने के आदेश दिए गए हैं. न्यू गवर्नमेंट लॉ कॉलेज की लाइब्रेरी में कुछ किताबें मिली थीं. जिसके जरिए निलंबित प्राचार्य पर हिंदूफोबिया और भारत विरोधी प्रचार को बढ़ावा देने का आरोप लगा था.

भंवरकुआं थाना में दर्ज हुआ था मामला

जानकारी के मुताबिक दिसंबर 2022 में शासकीय लॉ कॉलेज के प्राचार्य व शिक्षकों पर आरोप लगा था कि लॉ कालेज में ऐसी किताबें पढ़ने के लिए छात्रों को दी जाती हैं, जो धार्मिक कट्टरता फैलाने में सहायक हैं. इस मामले को लेकर इंदौर के भंवरकुआं थाना में अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के छात्रों की शिकायत पर किताब के लेखक डॉ. फरहत खान, लॉ कॉलेज के तत्कालीन प्राचार्य इनामुर्रहमान, कालेज के प्रोफेसर डॉ. मिर्जा मोईज के खिलाफ एफआइआर दर्ज की गई थी. आरोप था कि किताब में लेखक द्वारा जानबूझकर असत्य व बिना किसी साक्ष्य के हिंदू धर्म के विरुद्ध असत्य टिप्पणियां की हैं. लेखक ने राष्ट्र विरोधी मुहिम के तहत पुस्तक में हिंदू धर्म और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के विरुद्ध झूठे तथ्यों को लिखा.

ये भी पढ़ें:

उतावले नेताजी! चुनाव परिणाम से पहले ही शुरु किया कामकाज, अधिकारियों को लेकर पहुंच गए...

चुनिंदा दवाइयों का बिक्री लाइसेंस फ्री करने की तैयारी में सरकार, तो क्या पंचर,किराना और सब्जी की दुकान पर मिलेंगी मेडिसिन

इस वजह से रद्द की गई एफआईआर

इस मामले की सुनवाई SC के जस्टिस बीआर गवई और जस्टिस संदीप मेहता ने की. सुप्रीम कोर्ट ने कार्यवाई रोकने और एफआईआर रद्द करते हुए कहा कि यह मामला सिलेबस के बारे में है. राज्य ऐसे मामले में उत्पीड़न करने के लिए इतना उत्सुक क्यों है? यह पुस्तक तो सुप्रीम कोर्ट की लाइब्रेरी में भी मिल सकती है. दरअसल, इस मामले में शासन ने प्राचार्य इनामुर्रहमान को निलंबित करते हुए उनके खिलाफ विभागीय जांच भी बैठा दी थी. इसके बाद से इनामुर्रहमान जमानत पर थे. इसके बाद इनामुर्रहमान ने मध्यप्रदेश की इंदौर खण्डपीठ से एफआईआर पर रोक लगाने की मांग की थी. लेकिन कोर्ट ने रोक लगाने से इनकार कर दिया था. इसके बाद निलंबित प्राचार्य ने सुप्रीम कोर्ट का रुख किया था. जहां उन्हे सुप्रीम कोर्ट ने राहत देते हुए एफआईआर को निरस्त करने के आदेश दिए.

Last Updated : May 21, 2024, 4:24 PM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.