ETV Bharat / state

चुनिंदा दवाइयों का बिक्री लाइसेंस फ्री करने की तैयारी में सरकार, तो क्या पंचर,किराना और सब्जी की दुकान पर मिलेंगी मेडिसिन - Selected Medicine Sale License Free

author img

By ETV Bharat Madhya Pradesh Team

Published : May 14, 2024, 10:47 PM IST

देश भर में दर्द समेत खांसी और अन्य बीमारियों में उपयोग होने वाली सामान्य दवाओं को लाइसेंस फ्री करने की तैयारी में सरकार दिखाई दे रही है. हाल ही में सरकार ने 3 डॉक्टरों की कमेटी बनाई है. ऑल इंडिया ऑर्गेनाइजेशन ऑफ केमिस्ट एंड ड्रगिस्ट ने सरकार के इस निर्णय का विरोध जताया है.

AIOCD OPPOSED POSSIBLE DECISION
कुछ दवाइयों को लाइसेंस फ्री करना चाहती है सरकार (ETV Bharat)

केमिस्ट एंड ड्रगिस्ट ऑर्गेनाइजेशन ने जताया विरोध (ETV Bharat)

इंदौर। बीमारियों के लिहाज से दवा जितनी उपयोगी है उतनी ही डॉक्टर की सलाह के बिना मनमाने प्रयोग के कारण घातक भी है. यह बात और है कि भारत सरकार अब आसानी से दवाइयों की उपलब्धता के नाम पर कुछ चुनिंदा दवाइयों की बिक्री लाइसेंस फ्री करने की तैयारी में है. यदि भारत सरकार का यह निर्णय लागू हुआ तो कई तरह की दवाइयां मेडिकल स्टोर के अलावा पंचर, किराना, सब्जी और मिठाई की दुकानों पर भी बिकती नजर आएंगी. जो गलत तरीके से उपयोग और ओवरडोज के कारण जानलेवा साबित होंगी. इन हालातों के मद्देनजर ऑल इंडिया ऑर्गेनाइजेशन ऑफ़ केमिस्ट एंड ड्रगिस्ट ने इस संभावित फैसले का विरोध किया है.

कुछ दवाइयों को लाइसेंस फ्री करना चाहती है सरकार

देश भर में दर्द समेत खांसी और अन्य बीमारियों में उपयोग होने वाली सामान्य दवाओं को लाइसेंस फ्री करने की तैयारी में सरकार दिखाई दे रही है. ओवर द काउंटर बिक्री की श्रेणी में जो दवाएं आती हैं उन्हें बिक्री के लिहाज से लाइसेंस फ्री करने के लिए हाल ही में सरकार ने तीन डॉक्टरों की कमेटी बनाई है. ऑल इंडिया ऑर्गेनाइजेशन ऑफ केमिस्ट एंड ड्रगिस्ट के मुताबिक यह कमेटी OTC (ओवर द काउंटर) श्रेणी की दवाई को लाइसेंस फ्री करने को लेकर सर्वे के बाद रिपोर्ट भारत सरकार को प्रस्तुत करेगी.

सामान्य दवाई हर कहीं उपलब्ध होना जरूरी

दरअसल इस सर्वे की वजह है यह भी है कि सरकार आम आदमी को दवाइयां की सुलभ उपलब्धता के लिहाज से कुछ दवाइयों को लाइसेंस फ्री करना चाहती है. सरकार की मंशा है की जरूरत के समय लोगों को सामान्य तौर पर उपयोग होने वाली दवाई हर कहीं उपलब्ध हो सके.

केमिस्ट एंड ड्रगिस्ट ऑर्गेनाइजेशन ने जताया विरोध

हालांकि ऑल इंडिया ऑर्गेनाइजेशन ऑफ केमिस्ट एंड ड्रगिस्ट के मुताबिक सरकार का यह फैसला विभिन्न कारण से मरीजों के लिए जानलेवा साबित हो सकता है. इसके अलावा देश में मौजूद दवा कानून फार्मेसी विनियमों और माननीय सर्वोच्च न्यायालय के निर्देशों के तहत कानूनी व्यवस्था का उल्लंघन भी करेगा. लिहाजा संगठन ने सरकार के संभावित फैसले के खिलाफ केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री के अलावा भारत के औषधि नियंत्रक और स्वास्थ्य सेवाओं के महानिदेशक समेत राष्ट्रीय औषधि मूल्य निर्धारण प्राधिकरण को विस्तृत ज्ञापन भेजा है.

ये भी पढ़ें:

MP News: प्रतिबंधित दवाओं की बाजार में धड़ल्ले से बिक्री, ईटीवी भारत की रिपोर्ट में खुलासा

अब इंदौर में होगी दवाइयों की जांच परख, खुलने जा रही है प्रदेश की पहली ड्रग टेस्टिंग लैब

सरकार के फैसले से संभावित खतरे

दरअसल किसी भी बीमारी में लोगों द्वारा खुद ही अपने इलाज करने और पेन किलर समेत नशीली दावों का दुरुपयोग का खतरा बढ़ेगा. इसके अलावा फार्मासिस्ट परामर्श सेवाओं के अभाव में गलत और जरूरत से ज्यादा दवाई के रिएक्शन का जोखिम मरीज को उठाना पड़ सकता है. संगठन के महासचिव राजीव सिंघल बताते हैं कि "देश में 12 लाख 40000 केमिस्ट के साथ करीब साढ़े 14 लाख फार्मासिस्ट मौजूद हैं जो हर स्थिति में देश के किसी भी हिस्से में दवाइयां की उपलब्धता करते आए हैं. कोरोना के समय भी कभी भी दवाइयां की कमी किसी क्षेत्र में नहीं हुई. इसके बावजूद सरकार द्वारा दवाइयां को लाइसेंस फ्री करने से फायदे के स्थान पर मरीज को नुकसान का ज्यादा खतरा है. यही वजह है कि इस फैसले का देश भर में विरोध किया जा रहा है."

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.