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पलाश के फूलों से बनाएं इस बार होली में गुलाल, इसके फायदे जानकर आप भी रह जाएंगे दंग

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By ETV Bharat Chhattisgarh Team

Published : Mar 16, 2024, 9:40 PM IST

Updated : Mar 17, 2024, 6:13 AM IST

Palash Flower होली रंगों और खुशियों का त्योहार है. त्योहार में मस्ती का तड़का तब और बढ़ जाता है जब इसमें हर्बल रंगों का मेल हो जाता है. छत्तीसगढ़ में पलाश के पेड़ों की भरमार है. पलाश के फूलों से न सिर्फ प्राकृतिक रंग बनाए जाते हैं बल्कि आयुर्वेद के रुप में इसका बेहतरीन इस्तेमाल भी होता है. होली से पहले इसके गुणों को आपको जरुर जानना चाहिए.

Palash Flower Remedies
फागुन में जानिए पलाश के गुण

फागुन में जानिए पलाश के गुण

मनेन्द्रगढ़ चिरमिरी भरतपुर: होली से करीब एक महीने पहले पलाश के फूल अपनी लालिमा भरे रंगों से लोगों को लुभाने लगते हैं. पलाश के फूल प्रकृति का श्रृंगार तो करते ही हैं मन को खुशियों से भी भर देते हैं. वैसे तो छत्तीसगढ़ में पलाश के पेड़ों की संख्या काफी है, लेकिन मनेन्द्रगढ़ चिरमिरी भरतपुर में पलाश के पेड़ों का एक पूरा जंगल ही मौजूद है. गांव के लोग आज भी पलाश के फूलों से रंग तैयार कर नेचुरल कलर बनाते हैं. होली में इन प्राकृतिक रंगों से खेलने का तो आनंद आता ही है साथ ही साथ इसके आयुर्वेदिक गुण आपके रुप को भी निखारते हैं.

Palash Flower Remedies
फागुन में जानिए पलाश के गुण

फागुन मास में पलाश दे रहा खुशी का पैगाम: होली से पहले पलाश के फूल पूरी तरह से गुलजार हो जाते हैं. होली में अगर पलाश का फूल दिख जाए तो मन खुशियों से भर जाता है. पलाश के फूल होली के मतवाले मन और रंगों से सराबोर कर देते हैं. फागुन के सीजन में आने वाले ये पलाश के फूल छत्तीसगढ़िया संस्कृति के बेहद करीब रहा है.

Palash Flower Remedies
फागुन में जानिए पलाश के गुण


पलाश से बनाते हैं नेचुरल कलर: सुदूर गांवों में रहने वाले ग्रामीण और आदिवासी आज भी पलाश के फूलों से रंग बनाते हैं. होली में पलाश के फूलों से बने रंग को भी इस्तेमाल में लाते हैं. गांव वालों का मानना है कि फूलों से बने कलर शरीर के लिए फायदेमंद होते हैं. पलाश के चटक फूलों से बने सुर्ख रंग स्कीन का पूरा ख्याल रखते हैं. औषधीय गुणों से भरपूर होने के चलते चर्च रोग जैसी बीमारियों में भी काम आते हैं.

Palash Flower Remedies
फागुन में जानिए पलाश के गुण

कैसे बनते हैं पलाश के फूलों से नेचुरल रंग: पलाश के फूलों को रात भर पानी में भिगो कर रखा जाता है. सुबह के वक्त पानी का रंग नारंगी रंग में बदल जाता है. मान्यता है कि पलाश जिसे कई लोग टेसू के फूल के नाम से भी जानते हैं श्रीकृष्ण को बड़े प्यारे हैं. कहा जाता है श्री कृष्ण होली में टेसू के फूलों से बने रंगों से ही होली खेलते थे. पलाश के फूल को पानी में उबालकर नहाने से कई बीमारी दूर होती है.

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फागुन में जानिए पलाश के गुण

केमिकल वाले रंग होते हैं हमारे लिए खतरनाक: केमिकल वाले रंग घातक बीमारियों को जन्म देते हैं. स्कीन की एलर्जी, चर्म रोग और आंखों में जलन पैदा करती हैं. केमिकल वाले रंगों को शरीर से हटाना काफी मुश्किल होता है. कई बार तो ये रंग हफ्तों तक रहता है. अगर इनको ज्यादा रगड़ कर छुड़ाने की कोशिश की जाए तो स्कीन खुश्क भी हो जाती है.



''होली में पलाश के फूल से रंग बनाते हैं. यह चर्म रोगों में भी काम आता है. पेट का रोग भी ठीक करता है. आंखों के लिए भी फायदेमंद है.'' - हीरा सिंह, ग्रामीण

''पलाश के फूल का उपयोग रंग गुलाल बनाने में किया जाता है. शरीर में कटी फटी जगह पर इसका रस लगाने से फायदा होता है.'' - हीरा यादव, ग्रामीण

''यह पौधा बहुत काम का है. वनांचल में पलाश के फूल का रंग ही इस्तेमाल होता है. गर्मी लगने पर पलाश के फूल को पानी में मिलाकर नहाने से फायदा होता है. गर्मी में पलाश की छाल को पीसकर और गाय के दूध में मिलाकर देने पर यह पेट का रोग दूर करता है. इसका पेड़, पत्ता, जड़, फूल सभी काम का है.''-फूलचंद बैगा, सरपंच, कुदरा

पलाश का पेड़ और उसके फूल सेहत के लिए काफी फायदेमंद हैं. होली मेंं इससे बने रंग को खेलने से स्कीन के रोग दूर होते हैं. स्कीन चमकदार होती है. गर्मी में जब किसी को लू लग जाए तो इसके फूल को पीसकर नहाने से गर्मी उतर जाती है. पेचिस में अगर इसके छाल को पानी में या दूध में छानकर पीया जाए तो पांच मिनट में ही आराम मिलना शुरु हो जाता है. किसान भाई तो तेंदू पत्ता को बांधने के लिए इसके पत्तों का इस्तेमाल सालों से करते आ रहे हैं. पलाश के पत्तों से खाद भी बहुत बढ़िया बनता है. गोबर के खाद की तरह इसके पत्ते का खाद होता है. - गोविंद सिंह,सरपंच पति

पलाश के फूल सिर्फ सुंदर ही नहीं होते बल्कि आयुर्वेद के गुणों से भरपूर होते हैं. चिकित्सा के क्षेत्र में इसका खूब इस्तेमाल गांव के लोग और आदिवासी परिवार करते हैं. पेट में कीड़े होने पर इसके फूलों का पेस्ट बनाकर पीने से कीड़े मर जाते हैं. चर्म रोग होने पर इसके फूलों का पेस्ट लगाने से चर्म रोग दूर हो जाता है. महिलाओं को इसके फूलों का शरबत अगर पिलाया जाए तो उनकी कई दिक्कतों का समाधान हो जाता है. जख्म को भरने में भी पलाश के फूल बेजोड़ साबित होते हैं. - डॉ आर एस यादव,आयुष चिकित्सा अधिकारी

पलाश के फूलों से खेलिए इस बार होली: होली आने वाली है और पलाश के फूल भी इस बार अपने चटख रंगों से लोगों को अपनी ओर आकर्षित कर रहे हैं. पलाश के फूलों के गुण जानने के बाद आप भी इसके रंगों से इस बार होली का आनंद लें. त्योहार का मजा तो दोगुना होगा ही आपकी सेहत भी शानदार बनी रहेगी.

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Last Updated : Mar 17, 2024, 6:13 AM IST
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