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हिमाचल में महिलाओं को सुख सम्मान निधि, कांग्रेस का मास्टर स्ट्रोक या बैकफायर होगी स्कीम ?

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By ETV Bharat Himachal Pradesh Team

Published : Mar 14, 2024, 3:10 PM IST

Sukh Samman Nidhi Yojana: हिमाचल सरकार ने 18 से 59 साल की महिलाओं के लिए 1500 रुपये मासिक देने वाली योजना की नोटिफिकेशन जारी कर दी है. लेकिन इस योजना की नियम शर्तें लाखों महिलाओं को इस योजना से बाहर कर देंगी. जिसपर सियासत भी जारी है. सवाल है कि इस योजना से कांग्रेस को फायदा मिलेगा या नुकसान ?

Sukh Samman Nidhi Yojana
Sukh Samman Nidhi Yojana

शिमला: 4 मार्च 2024 को हिमाचल के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने प्रदेश में 18 साल से 59 साल की महिलाओं को 1500 रुपये मासिक देने का ऐलान किया है. इस योजना को इंदिरा गांधी प्यारी बहना सुख सम्मान निधि योजना का नाम दिया गया है. दरअसल हिमाचल में विधानसभा चुनाव 2022 के दौरान कांग्रेस ने हिमाचल की आधी आबादी से ये वादा किया था. सरकार बनने के करीब 15 महीने बाद योजना का ऐलान हुआ. सीएम सुक्खू के मुताबिक इस योजना का लाभ आगामी वित्त वर्ष में अप्रैल से मिलने लगेगा. बुधवार 13 मार्च को इस योजना की नोटिफिकेशन भी जारी हो गई है. जिसमें इस योजना से जुड़ी नियम शर्तें भी सामने आ गई है. जिसमें नियम और शर्तों का ऐसा फिल्टर लगाया गया है कि प्रदेश की लाखों महिलाओं को इस योजना का लाभ नहीं मिलेगा. ऐसे में देखना होगा कि विधानसभा चुनाव के एक वादे को लोकसभा चुनाव से ऐन पहले अमलीजामा पहनाना कांग्रेस के लिए सही दांव साबित होता है या फिर इस योजना की नियम शर्तें नुकसानदायक साबित होंगी ?

Sukh Samman Nidhi Yojana
हिमाचल की 10 गारंटी.

चुनावी वादा और योजना की हकीकत

गौरतलब है कि 2022 में हुए हिमाचल विधानसभा चुनाव के दौरान कांग्रेस के घोषणा पत्र में 10 गारंटियां दी थी. जिसमें 18 साल से 59 साल की महिलाओं को हर महीने 1500 रुपये देने का वादा भी शामिल था. कांग्रेस के केंद्रीय नेतृत्व से लेकर राज्य के नेताओं ने चुनावी मंचों पर इस वादे का कई बार जिक्र गया. मंचो से कहा गया कि जिस परिवार में दो या उससे अधिक महिलाएं होंगी, वहां सभी को इस योजना का फायदा मिलेगा.

दिसंबर 2022 में कांग्रेस की पूर्ण बहुमत वाली सरकार राज्य में बनी थी. 1500 रुपये वाली गारंटी को पूरा करने के लिए सब कमेटी भी गठित हुई थी. सरकार के कार्यकाल का पहला साल महिलाएं सिर्फ इंतजार ही करती रहीं. सरकार बनने के करीब 15 महीने बाद मार्च 2024 में सरकार ने गारंटी को वित्त वर्ष 2024 के अप्रैल से लागू करने का फैसला लिया गया. लेकिन इस योजना को लेकर जो नियम और शर्तें लगाई गई हैं, उस पर सियासी विरोधियों से लेकर आधी आबादी तक सवाल उठा रही है.

इन महिलाओं को नहीं मिलेंगे 1500

योजना की अधिसूचना के मुताबिक लाभ लेने की इच्छुक महिलाओं की उम्र 18 से 59 साल और हिमाचल की स्थाई निवासी होना पहली शर्त है. इसके अलावा अधिसूचना के मुताबिक केंद्रीय, राज्य सरकार के कर्मचारी, पेंशनर, कॉन्ट्रैक्ट, आउटसोर्स, दैनिक वेतन भोगी, अंशकालीन कर्मचारी , भूतपूर्व सैनिक व सैनिक विधवाएं, आंगनबाड़ी कार्यकर्ता, सहायिका, आशा वर्कर, मिड-डे मील वर्कर, मल्टी टास्क वर्कर, सामाजिक सुरक्षा पेंशन लाभार्थी, पंचायती राज संस्थाओं, शहरी निकायों के कर्मचारी, सार्वजनिक उपक्रमों बोर्ड, निगम, काउंसिल या एजेंसी के कर्मियों, पेंशन भोगियों वाले परिवार की किसी भी महिला को इस सुविधा का लाभ नहीं मिलेगा.

सरकार की ओर से जारी अधिसूचना के मुताबिक परिवार" से अर्थ पति, पत्नी, व्यस्क या अव्यस्क पुत्र और अविवाहित पुत्रियां जिनका नाम प्रार्थी के साथ परिवार रजिस्टर (ग्रामीण क्षेत्र) व राशन कार्ड (शहरी क्षेत्र) में 31 मार्च 2023 को दर्ज हों को माना जाएगा.

कैसे मिलेगा योजना का लाभ ?

इस स्कीम के तहत आवेदन फॉर्म भरकर तहसील कल्याण अधिकारी के पास जमा करवाना होगा और वहीं इन आवेदनों की स्क्रीनिंग करेंगे. आवेदन के साथ आयु प्रमाण पत्र, हिमाचली बोनाफाइड या मूल निवासी प्रमाण पत्र, बैंक या डाकघर खाता संख्या के लिए पासबुक की फोटो कॉपी, आधार कार्ड की फोटो कॉपी, राशन कार्ड की फोटो कॉपी लगानी होगी. तहसील कल्याण अधिकारी यह सुनिश्चित करेंगे कि आवेदन नियम अनुसार सभी और औपचारिकताओं सहित पूर्ण है. अधूरे या अपात्र श्रेणी के आवेदनों को 15 दिन के भीतर आवेदिका को टिप्पणी सहित वापस भेज दिया जाएगा.

योजना पर सियासत

हिमाचल सरकार की इस योजना को लेकर प्रदेश में सियासत भी शुरू हो गई है. कांग्रेस एक और गारंटी पूरी होने पर अपनी पीठ थपथपा रही है और बीजेपी इस योजना की टाइमिंग और नियम शर्तों पर सवाल उठा रही है. मुख्यमंत्री की ओर से 4 मार्च 2024 को इस योजना की घोषणा की गई थी.

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मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू.

"हम अपनी एक और गारंटी पूरी कर रहे हैं और महिलाओं को अप्रैल 2024 से इस योजना का लाभ मिलेगा. प्रदेश की करीब 2.45 लाख महिलाएं जिन्हें 1100 और 1150 प्रति माह पेंशन मिल रही है उन्हें 1 फरवरी 2024 से 1500 रुपये दिए जा रहे हैं. इस योजना के अंतर्गत 5 लाख से अधिक महिलाओं को लाभ मिलेगा और हर साल इस योजना पर करीब 800 करोड़ रुपये खर्च होंगे. - सुखविंदर सिंह सुक्खू, मुख्यमंत्री, हिमाचल प्रदेश

"ये कांग्रेस सरकार का एक और झूठ है क्योंकि चुनाव के दौरान 18 साल से 59 साल की हर महिला को 1500 रुपये देने का वादा था. प्रदेश में इस उम्र की महिलाओं की संख्या 22 लाख के करीब है जबकि सरकार के मुताबिक सिर्फ 5 लाख महिलाओं को ही 1500 रुपये देने की बात हो रही है. जो प्रदेश की महिलाओं के साथ धोखा है. इस योजना को भी सरकार ने लोकसभा चुनाव की आचार संहिता लगने से कुछ दिन पहले ही घोषित किया है." - जयराम ठाकुर, नेता विपक्ष

"सरकार आनन फानन में गारंटियों को पूरा करने का फैसला ले रही है. कांग्रेस ने महिलाओं को 1500 रुपए देने का वादा किया था, लेकिन अब शर्तें लगाने से लाखों महिलाएं इस योजना से वंचित रह जाएंगी. प्रदेश में करीब 22 लाख महिलाएं इस योजना की राह देख रही थीं लेकिन सिर्फ 5 लाख महिलाओं को ही लाभ मिलेगा. इसमें पहले ही बहुत सी महिलाएं सामाजिक सुरक्षा के तहत पेंशन ले रही हैं." - बिहारी लाल शर्मा, प्रदेश महामंत्री, बीजेपी

लोकसभा चुनाव पर असर

लोकसभा चुनाव की तारीखों का ऐलान कभी भी हो सकता है. इससे पहले हिमाचल की कांग्रेस सरकार सियासी संकट भी झेल रही है. ऐसे में इस योजना के जरिये चुनावी लाभ कांग्रेस के हिस्से आएगा, ये कहना जल्दबाजी होगी. पत्रकार धनंजय शर्मा के मुताबिक कांग्रेस चुनावी वादा पूरा करने की बात तो कह रही है लेकिन आगामी लोकसभा चुनाव में इस वादे को भुनाना कांग्रेस के लिए चुनौती साबित हो सकता है. क्योंकि विधानसभा चुनाव से पहले कांग्रेस से 18 साल से अधिक की हर महिला को 1500 रुपये देने का वादा किया था. कांग्रेसियों ने वादा किया था कि परिवार में 4 महिलाएं होंगी तो चारों को 1500-1500 रुपये मिलेंगे. उस वक्त भी इस योजना को पूरा करने के लिए आर्थिक संसाधनों पर सवाल उठे थे. अब कांग्रेस सरकार ने ऐसे वक्त में इस योजना को पूरा करने की घोषणा की है जब राज्यसभा चुनाव के बाद सुक्खू सरकार सियासी संकट के जूझ रही है. मध्यावधि चुनाव भले दूर की कौड़ी लग रहे हैं लेकिन इसका भी डर कहीं ना कहीं कांग्रेस को है. इसलिये चुनावी गारंटियां पूरी की जा रही हैं. लेकिन इस योजना में कांग्रेस की सबसे बड़ी मुश्किल वो फिल्टर या नियम-शर्तें हैं जिसके कारण आधी आबादी का बड़ा हिस्सा इस योजना के दायरे से बाहर हो जाएगा. सरकार 5 लाख महिलाओं को योजना का लाभ देने की बात कह रही है जबकि चुनावी वादा कुछ और था. इसे बीजेपी भी मुद्दा बना रही है.

धनंजय शर्मा के मुताबिक अभी तो सिर्फ नोटिफिकेशन जारी हुई है. योजना के लिए लाभार्थियों की सूची तैयार करना भी एक प्रोसेस है. पात्र महिलाओं के अप्लाई करने से लेकर आवेदन की स्क्रूटनी, लाभार्थी की पात्रता के मानदंड तय करने और फाइनल लिस्ट तैयार करने में वक्त लगेगा. इसके बाद लाभार्थियों का आंकड़ा सामने आएगा. साथ ही इस योजना का लाभ किसे और कितनी महिलाओं को मिलेगा इसे लेकर कन्फ्यूजन बरकरार है.

दरअसल विधानसभा चुनाव के दौरान कांग्रेस ने महिलाओं को लेकर किए इस वादे ने सरकार बनाने में अहम भूमिका निभाई थी. अब लोकसभा चुनाव में भी इस मुद्दे को भुनाने की कोशिश कांग्रेस की ओर से की गई है. सरकार के मुताबिक अब प्रदेश में 18 साल से अधिक की महिलाएं पेंशन के दायरे में होंगी. क्योंकि 1500 रुपये की योजना के तहत 18 से 59 साल की महिलाएं आएंगी जबकि इसके बाद सामाजिक सुरक्षा पेंशन का दायरा आ जाएगा. महिलाओं को हर महीने 1500 रुपये देने वाली योजना की नोटिफिकेशन भी जारी हो गई है. लेकिन योजना की नियम और शर्तों में ज्यादार महिलाओं को इस योजना से बाहर कर दिया है. जो इस तबके में सरकार के खिलाफ नाराजगी को बढ़ाने के लिए काफी है. ऐसे में लोकसभा चुनाव को देखते हुए ये फैसला कांग्रेस की सेहत के लिए खतरे की घंटी साबित हो सकता है.

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