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बड़ी ख़बर: निर्दलीय विधायकों के इस्तीफे से जुड़े मामले में हाईकोर्ट ने फैसला रखा सुरक्षित, MLA हरीश जनारथा की याचिका खारिज - Himachal Independent MLAs Case

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By ETV Bharat Himachal Pradesh Team

Published : Apr 30, 2024, 6:27 PM IST

Updated : Apr 30, 2024, 7:09 PM IST

Himachal Independent MLAs Case
Himachal Independent MLAs Case

Himachal Independent MLAs Case: हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट ने तीन निर्दलीय विधायकों के इस्तीफा मामले में फैसला सुरक्षित रख लिया है. वहीं, कांग्रेस विधायक हरीश जनारथा की याचिका कोर्ट ने खारिज कर दी है.

शिमला: 3 निर्दलीय विधायकों के इस्तीफे से जुड़े मामले को लेकर हिमाचल प्रदेश हाई कोर्ट में मुख्य न्यायधीश न्यायमूर्ति एम.एस. रामचंद्र राव और न्यायमूर्ति ज्योत्सना रेवाल दुआ की खंडपीठ ने फैसला सुरक्षित रख लिया है. वादी और प्रतिवादी पक्ष को सुनने के बाद चीफ जस्टिस ने फैसला सुरक्षित रख लिया है. इस मामले में कांग्रेस विधायक हरीश जनारथा ने भी अपना पक्ष रखने के लिए याचिका दायर की थी, जिसे कोर्ट ने खारिज कर दिया.

दरअसल पिछली सुनवाई के दौरान निर्दलीय विधायकों ने कोर्ट में अपना पक्ष रखा था. निर्दलीयों ने अदालत से आग्रह किया था कि इस मामले में विधानसभा स्पीकर कुलदीप सिंह पठानिया को इस्तीफा स्वीकार करने के निर्देश जारी किए जाएं. तीनों विधायकों की दलील थी कि वो विधानसभा की सदस्यता से इस्तीफा दे चुके हैं. स्पीकर को इस्तीफा देने के साथ-साथ राजभवन को भी जानकारी दी गई है. लेकिन स्पीकर ने उनका इस्तीफा स्वीकर नहीं किया है. जिसके बाद कोर्ट ने स्पीकर से भी जवाब मांगा था. जो स्पीकर कुलदीप सिंह पठानिया की ओर से दाखिल भी कर दिया गया था. मंगलवार को विधानसभा अध्यक्ष कुलदीप सिंह पठानिया और तीनों निर्दलीय विधायकों के वकील की ओर से कोर्ट में अपना-अपना पक्ष रखा गया. जिसके बाद कोर्ट ने फैसला सुरक्षित रख लिया.

पूरा मामला हिमाचल में हुए राज्यसभा चुनाव के बाद से शुरू हुआ है. इसी साल 27 फरवरी को हिमाचल की एक विधानसभा सीट पर राज्यसभा चुनाव की वोटिंग हुई थी. जहां कांग्रेस के 6 और 3 निर्दलीय विधायकों ने बीजेपी उम्मीदवार हर्ष महाजन को वोट दिया था. प्रदेश में कांग्रेस की सरकार होने के बावजूद पार्टी के उम्मीदवार अभिषेक मनु सिंघवी की हार हुई थी. इसके बाद तीनों निर्दलीय विधायकों ने 22 मार्च को विधानसभा की सदस्यता से इस्तीफा दे दिया. अगले ही दिन 23 मार्च को राज्यसभा चुनाव में क्रॉस वोटिंग करने वाले कांग्रेस के 6 और तीनों निर्दलीय विधायकों ने बीजेपी ज्वाइन कर ली थी. गौरतलब है कि 6 कांग्रेस विधायकों को स्पीकर ने पहले ही अयोग्य घोषित कर दिया था. जिसके कारण हिमाचल में 6 विधानसभा सीटें खाली हो गईं और चुनाव आयोग ने 1 जून को हिमाचल में लोकसभा चुनाव के साथ विधानसभा उपचुनाव की तारीख भी तय कर दी.

इस सब के बीच निर्दलीय विधायकों ने इस्तीफा तो दे दिया लेकिन करीब एक महीने बाद भी स्पीकर ने इस्तीफा स्वीकार नहीं किया है. जिसे लेकर तीनों निर्दलीय विधायकों ने विधानसभा में धरना भी दिया. इसके बाद तीनों निर्दलीय विधायकों ने हाइकोर्ट का रुख भी किया था. इस बीच स्पीकर ने तीनों निर्दलीय विधायकों को कारण बताओ नोटिस जारी किया और समय से पहले इस्तीफे की वजह पूछी थी. तीनों विधायकों ने विधानसभा स्पीकर को अपना जवाब भी दे दिया है. अब इस मामले में हाइकोर्ट ने भी निर्दलीय विधायकों से लेकर स्पीकर का पक्ष सुनने के बाद फैसला सुरक्षित रख लिया है. अब सबकी नजरें हाइकोर्ट के फैसले पर टिकी हैं.

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Last Updated :Apr 30, 2024, 7:09 PM IST
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