सीतामढ़ी: पटना हाईकोर्ट में सोनबरसा प्रखंड क्षेत्र के ग्राम पंचायत भालुआहा के मुखिया बिल्टू राय उर्फ बिलट प्रसाद यादव को नेपाल में दोहरी नागरिकता मामले पर सुनवाई हुई. पटना हाईकोर्ट के न्यायमूर्ति राजेश कुमार वर्मा की एकलपीठ ने मुखिया बिल्टू राय के अधिवक्ता धनंजय कुमार और कुंदन कुमार ओझा के दलील को सही माना. कोर्ट ने राज्य आयोग के आदेश पर तत्काल प्रभाव से रोक लगा दी.
2016 में नेपाली नागरिकता रद्द: हाईकोर्ट में सुनवाई के दौरान मुखिया के अधिवक्ता ने न्यायालय को बताया कि सन 2016 में ही उनकी नेपाली नागरिकता रद्द कर दी गयी थी, जबकि उन्होंने ने मुखिया के चुनाव के लिए नामांकन अक्टूबर 2021 में किया था. अधिवक्ता के दलील सुनने के बाद कोर्ट ने मुख्य शिकायतकर्ता मुकेश कुमार शाह प्रतिवादी संख्या-6 को नोटिस जारी किया है.
क्या था मामला : दरअसल, बिल्टू राय उर्फ बिलट प्रसाद यादव साल 2021 में बिहार पंचायत चुनाव के दौरान भलुआहा पंचायत के मुखिया पद के लिए चुने गए थे. उन पर आरोप है कि जिस वक्त वह मुखिया का चुनाव जीते, उस समय उनके पास नेपाल की नागरिकता थी. वर्ष 2007 से ही वह नेपाली नागरिक हैं. हालांकि बाद में उन्होंने नेपाली नागरिकता का त्याग किया.
राज्य निर्वाचन आयोग से की थी शिकायत: पंचायत भलुआहा के मुखिया बिल्टू राय के विरुद्ध उनके निकटतम प्रतिद्वंदी परसा खुर्द गांव निवासी पूर्व मुखिया मुकेश कुमार शाह ने राज्य चुनाव आयोग में शिकायत दर्ज करवाई थी. जिसके सुनवाई के पश्चात आयोग ने उन्हें नेपाली नागरिक मानते हुए मुखिया बिल्टू राय को भारत में मुखिया बनने के लिये अयोग्य घोषित कर दिया था और उन्हें मुखिया पद से हटाने का आदेश पारित किया था. मुखिया पद से हटाने का आदेश 1 अप्रैल 2024 को जारी कर दिया था.
हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया: मुखिया बिल्टू राय ने उक्त आदेश को पटना उच्च न्यायालय में अपने अधिवक्ता धनंजय कुमार एवं कुंदन कुमार ओझा ने चुनौती दिया था. उन्होंने कभी भी अपनी स्वेच्छा से नेपाल का नागरिकता नहीं प्राप्त की थी. जैसे ही उन्हें अपने नेपाल में जारी नागरिकता के बारे में जानकारी प्राप्त हुई तो उसे रद्द करने के लिये नेपाल के सक्षम विभाग को आवेदन भी दे दिया था. वहीं बीडीओ सत्येन्द्र कुमार यादव ने बताया कि मुझे अभी तक कोई पत्र नहीं प्राप्त है. पत्र आने पर अग्रतर कार्रवाई की जाएगी.
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