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PFI सदस्यों को नहीं मिली अग्रिम जमानत, HC ने याचिका की खारिज, PM मोदी के दौरे के दौरान सांप्रदायिक सौहार्द बिगाड़ने का मामला - PFI members did not get bail

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By ETV Bharat Bihar Team

Published : May 7, 2024, 9:41 PM IST

Patna High Court: पटना हाईकोर्ट ने पांच पीएफआई सदस्यों की अग्रिम जमानत की याचिका को खारिज कर दिया है. पटना हाईकोर्ट के जस्टिस विपुल पंचोली की खंडपीठ ने सुनवाई की. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के पटना दौरे के दौरान सांप्रदायिक सौहार्द बिगाड़ने के मामले में पांच आरोपियों ने अग्रिम जमानत की याचिका दी थी.

पटना हाईकोर्ट
पटना हाईकोर्ट (ETV Bharat)

पटन : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के पटना दौरे के दौरान सांप्रदायिक सौहार्द बिगाड़ने और भारत के संविधान को पलटने के मामले में पांच आरोपियों को अग्रिम जमानत देने के लिए अपीलों को पटना हाईकोर्ट ने याचिका खारिज कर दी है. मंगलवार को पटना हाईकोर्ट के जस्टिस विपुल पंचोली की खंडपीठ ने मंजर आलम और अन्य चार अभियुक्तों की ओर से दायर आपराधिक अपीलों पर सुनवाई कर खारिज कर दी.

पटना हाईकोर्ट ने पीएफआई सदस्यों नहीं दी जमानत: खंडपीठ ने माना कि एनआईए ने इस साजिश की घटना की जांच में पर्याप्त सबूत पाएं हैं. न्यायिक हिरासत में बंद इस साजिश कांड के दो मुख्य अभियुक्त मो. जलालुद्दीन और अतहर परवेज के खिलाफ एजेंसी ने जो आरोप पत्र दायर किया था. उसके हवाले से कई सनसनीखेज सबूत का जिक्र हाईकोर्ट ने अपने फैसले में किया है.

पीएफआई फैलाना चाहते थे उन्माद: प्रतिबंधित संगठन पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया एवं स्टूडेंट इस्लामिक मूवमेंट ऑफ इंडिया (पीएफआई) से जुड़े लोगों को संगठित कर पूरे देश में धार्मिक उन्माद चार चरणों में फैलाना था. भारतीय संविधान को पलट कर पूरे भारत में इस्लामिक कानून स्थापित किया जाये. गौरतलब है कि पटना पुलिस ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के सभा में गड़बड़ी फैलाने की साजिश गुप्त सूचना पर 11 जुलाई 2022 को फुलवारीशरीफ में मो जलालुद्दीन के घर छापेमारी की.

छापेमारी में मिले थे सनसनीखेज दस्तावेज: छापेमारी उसके किरायेदार ताहिर परवेज के पास से कई सनसनीखेज दस्तावेज और उपकरण बरामद किया था. जिससे देश में सांप्रदायिक तनाव और देश की अखंडता के खिलाफ एक साजिश पनपने की घटना को थाने में दर्ज किया था. इस मामले की गंभीरता को देखते हुए एनआईए से जांच कराने का निर्णय केंद्री सरकार ने 22 जुलाई 2022 को लिया था. गिरफ्तार हुए जलालुद्दीन और अतहर ने अपने स्वीकारोक्ति बयान में अन्य लोगों का भी नाम लिया था. जिनमें इन पांच अग्रिम जमानत अर्जीदारों के नाम भी शामिल थे.

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