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परदे के पीछे रहकर भी ज्योतिरादित्य की ताकत बनी रहीं उनकी मां, माधव राव सिंधिया के बाद बनी थीं परिवार की ढाल

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By ETV Bharat Madhya Pradesh Team

Published : Mar 6, 2024, 10:48 PM IST

Updated : Mar 7, 2024, 8:51 AM IST

Madhavi Raje Always Support Scindia: केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया के लिए उनकी मां हमेशा ढाल बनकर साथ खड़ी रही हैं. हर मौके पर माधवी राजे सिंधिया ने बेटे ज्योतिरादित्य का साथ दिया. बता दें कि माधवी राजे सिंधिया की तबीयत खराब होने के बाद उन्हें दिल्ली एम्स में भर्ती कराया गया है.

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बेटे सिंधिया की हर मुसीबत में मां बनी सहारा

भोपाल। नेपाल राजघराने की बेटी माधवीराजे सिंधिया जब सिंधिया राजघराने की बहू बनकर आईं तो राजघराने की रिवायतों और जिम्मेदारियों को उन्होंने इस खूबी से निभाया कि केवल सिंधिया परिवार नहीं वे पूरे ग्वालियर की राजमाता बन गईं. माधवी राजे सिंधिया ने अपने राजघराने की परंपराओं और दायित्वों को इस तरह से संभाला और सिंधिया राजपरिवार की लेगसी को इस तरह से जिया की राजमाता बन जाने के बावजूद उन्हें केवल चुनिंदा पारिवारिक तस्वीरों में ही देखा गया.

अक्सर उन तस्वीरों में वे ज्योतिरादित्य सिंधिया के साथ साए की तरह दिखाई दीं. ज्योतिरादित्य सिंधिया की सबसे बड़ी ताकत रहीं माधवी राजे सिंधिया जो लाइमलाइट में आए बिना हर मुश्किल वक्त में सिंधिया परिवार का सबसे बड़ा हौसला बनी रहीं. फिलहाल बेहद खराब स्वास्थ्य होने के बाद दिल्ली एम्स में भर्ती कराया गया है.

ऐसे ज्योतिरादित्य की ताकत बनी रहीं माधवी राजे

माधव राव सिंधिया के असामयिक निधन के बाद अगर ज्योतिरादित्य सिंधिया पूरी ताकत से दोबारा खड़े हुए. सिंधिया परिवार के साथ राजनीति के नए मैदान को संभाल पाए तो उसकी सबसे बड़ी वजह रहीं उनकी मां राजमाता माधवी राजे सिंधिया. सिंधिया परिवार पर आए हर संकट का जिन्होंने पर्दे के पीछे रहकर मुकाबला किया. वरिष्ठ पत्रकार देव श्रीमाली कहते हैं 'सिंधिया राजपरिवार की एक ऐसी सदस्य रही माधवी राजे सिंधिया जिन्होंने बेहद खामोशी और संजीदगी से अपनी जिम्मेदारियों को संभाला.'

श्रीमाली कहते हैं 'जिस समय माधव राव सिंधिया का निधन हुआ, वो सिंधिया परिवार पर बड़ा संकट का समय था. ज्योतिरादित्य सिंधिया की भी उम्र कोई बहुत ज्यादा नहीं थी, लेकिन ये राजमाता माधवी राजे सिंधिया का दिया हौसला और मार्गदर्शन ही था कि जिससे ज्योतिरादित्य सिंधिया उस छोटी उम्र में राजनीति की पारी के लिए तैयार हो सके.'

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पूरा ग्वालियर कहता था उन्हें राजमाता

राजघराने की परंपराएं और कायदे माधवी राजे सिंधिया ने इस खूबी से निभाए कि वे केवल सिंधिया परिवार नहीं पूरे ग्वालियर की राजमाता रहीं. ग्लेमर से दूर रहने वाली सिंधिया राजपरिवार की रवायतों को उसी रसूख के साथ आगे बढ़ाने वाली माधवी राजे सिंधिया को केवल पारिवारिक आयोजनों की तस्वीरों में ही देखा गया.

Last Updated : Mar 7, 2024, 8:51 AM IST
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