ग्वालियर। साइबर ठगों के झांसे में अब आम लोग ही नहीं बल्कि उच्च शिक्षित व्याख्याता और डॉक्टर तक आ रहे हैं. दो महीने पहले रिटॉयर्ड व्याख्याता आशा भटनागर से 51 लाख की ठगी का मामला सामने आया था. अब एक मेडिकल ऑफिसर महिला से 38 लाख रुपए की ठगी की घटना हुई है. महिला ने इस मामले की शिकायत क्राइम ब्रांच में की है. पुलिस ने केस दर्ज कर मामले की जांच शुरु कर दी है.
फर्जी सीबीआई अफसर बन की ठगी
मेडिकल ऑफिसर डॉक्टर सुजाता बापट ने एसपी से मुलाकात कर अपने साथ हुई घटना के बारे में अवगत कराया. उन्होंने बताया कि ''साइबर ठगों ने उन्हे कॉल किया और खुद को सीबीआई अफसर बताया, उनसे कहा कि आपने जो लखनऊ से म्यामार के लिए पार्सल बुक किया है. उसमें मानव अंग सहित नशीले पदार्थ निकलें हैं. ठगों ने महिला को गिरफ्तारी का डर दिखाकर करीब 22 दिनों तक डिजिटल अरेस्ट किया और उन्हें घर से नहीं निकलने दिया. महिला से ठगों ने अपने खातों में 38 लाख रुपए ट्रांसफर करवा लिए. इसके बाद जब मेडिकल अफसर महिला के पति ने फर्जी सीबीआई अधिकारी बने ठग राजीव गुप्ता और अजय यादव से फोन पर बात कि तो उन्होंने खुद ही बताया कि उनके साथ फ्रॉड हो चुका है. इसकी शिकायत पुलिस से कर दें.''
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परिणाम भुगतने की दी धमकी
पीड़िता ने इसकी शिकायत साइबर पुलिस से की है. ठगों ने सबसे पहले 9 अप्रैल को डॉक्टर सुजाता को कॉल करके बताया कि उन्होंने लखनऊ से म्यांमार के लिए एक पार्सल बुक किया है. जिसमें 50 ग्राम एमडीएमए ड्रग भी निकला है. सुजाता ने खुद को निर्दोष बताया तो ठगों ने उन्हें पुलिस थाना लखनऊ और सीबीआई के थाना कोर्ट के फर्जी कागज दिखाकर डरा दिया. उनको अरेस्ट वारंट का फर्जी कागज व्हाट्सएप पर भेज दिया, जिससे वह बहुत डर गईं. जिसके बाद उनको झांसे में लेकर 10 अप्रैल को ही 35 लाख रुपये अपने खातों में आरटीजीएस करवा लिए. साथ ही कहा अगर इसके बारे में किसी को बताया तो गंभीर परिणाम भुगतने पड़ेंगे.