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चुनावी महासंग्राम में दो गांधी परिवार; राहुल के लिए सोनिया की भावुक अपील, मेनका के लिए वरुण का प्रचार कितने काम आएंगे? - Raebareli Sultanpur Seat Election

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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : May 24, 2024, 2:52 PM IST

आजादी के पहले से नेहरू-गांधी खानदान की अलग-अलग कहानियां जन्म लेती रहीं हैं. लेकिन, लोकसभा चुनाव 2024 में गांधी खानदान की दो अनोखी और रोचक कहानियां जन्म ले रही हैं. दोनों कहानियां पूरी हो चुकी हैं.

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चुनावी महासंग्राम में दो गांधी परिवार. (फोटो क्रेडिट; Etv Bharat)

लखनऊ: लोकसभा चुनाव 2024 अब रोचक मोड़ पर आ गया है. पांच चरण हो चुके हैं और अब छठवें चरण का प्रचार समाप्त हो गया है. इस बीच नेहरू-गांधी खानदान से दो रोचक कहानियां निकलकर सामने आ रही हैं.

पहली कहानी रायबरेली संसदीय सीट से है, जहां पर बेटे को चुनाव में जिताने के लिए उसकी मां प्रचार में उतरीं. ये बेटा है राहुल गांधी और मां हैं सोनिया गांधी. बता दें कि रायबरेली सीट पर 20 मई को मतदान हो चुका है.

लेकिन, उसके पहले 17 मई को राहुल गांधी ने रायबरेली क्षेत्र में ताबड़तोड़ जनसभाएं की थीं. इन्हीं जनसभा के बीच अचानक राहुल गांधी की मां सोनिया गांधी भी मंच पर पहुंच गईं. मां को मंच पर आता देख, राहुल बाबा भावुक हो गए और उन्होंने झट से मां को गले लगा लिया.

सोनिया की राहुल के लिए जनता से भावुक अपील: ऐसा नहीं कि मां सोनिया गांधी सिर्फ मंच पर ही आईं. उन्होंने जनता से भावुक अपील भी की. दरअसल, लंबे अरसे से सोनिया गांधी रायबरेली से सांसद रही हैं. लेकिन, इस बार वे चुनाव नहीं लड़ रहीं और अपने बेटे राहुल गांधी को यहां की विरासत संभालने के लिए उतारा है.

मैं अपना बेटा आपको सौंप रही हूं: सोनिया गांधी ने जनता से भावुक अपील करते हुए कहा था कि मैं अपना बेटा आपको सौंप कर जा रही हूं. मुझे खुशी है कि आज काफी समय के बाद आपके बीच आने का मौका मिला है. मैं हृदय से आपकी आभारी हूं. आपके सामने मेरा सिर श्रद्धा से झुका हुआ है. 20 साल से एक सांसद के रूप में आपने मुझे सेवा का मौका दिया है.

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रायबरेली मेरा परिवार: ये मेरे जीवन की सबसे बड़ी पूंजी है. रायबरेली मेरा परिवार है, वैसे ही अमेठी भी मेरा घर है. यहां से न केवल मेरे जीवन की कोमल यादें जुड़ी हुई हैं, बल्कि पिछले 100 साल से हमारे परिवार की जड़ इस मिट्टी से जुड़ी हुई है. गंगा मां की तरह पवित्र यह रिश्ता अवध और रायबरेली के किसान आंदोलन के साथ शुरू हुआ जो आज तक कायम है.

गांधी परिवार की दूसरी कहानी: पहली कहानी के उद्भभव स्थल से करीब 100 किमी दूर गांधी परिवार की दूसरी कहानी ने जन्म लिया. बता दें कि रायबरेली से 100 किमी दूर सुलतानपुर है, जहां से गांधी परिवार की बड़ी बहू मेनका गांधी भाजपा की सांसद होने के साथ लोकसभा चुनाव 2024 में प्रत्याशी भी हैं.

सुलतानपुर में लोकसभा चुनाव 2024 के छठवें चरण में 25 मई को मतदान होना है. मेनका गांधी के बेटे वरुण गांधी भी भाजपा से सांसद हैं. लेकिन, इस बार उनका टिकट कट गया. वैसे मेनका गांधी अभी तक अकेले ही प्रचार कर रही थीं. लेकिन, चुनाव प्रचार के अंतिम दिन यानी 23 मई को मेनका गांधी के बेटे वरुण गांधी भी अपनी मां के प्रचार में उतर गए.

मां मेनका के लिए बेटा वरुण चुनाव प्रचार में उतरा: वरुण गांधी ने सुलतानपुर में 23 मई को मेनका गांधी के लिए 5 से 6 नुक्कड़ सभाएं की. इनमें उन्होंने जनता से अपनी मां मेनका गांधी को नहीं बल्कि सुलतानपुर की मां को जिताने की अपील की. उन्होंने मंच से खुद कहा कि यहां की जो प्रत्याशी हैं वो मेरी मां तो हैं ही, लेकिन सुलतानपुर की जनता उनको कभी मैडम या सांसद जी या मंत्री के नाम से संबोधित नहीं करती. उनको मां जी ही कहती है.

वरुण ने मोदी-योगी का नहीं लिया नाम: वरुण गांधी की नुक्कड़ सभा में एक खास बात और रही कि उन्होंने जितनी भी सभाएं कीं उनमें न भाजपा के बारे में कुछ कहा और ना ही मोदी योगी समेत किसी बड़े नेता का नाम लिया. भाजपा सरकार की योजनाओं के बारे में भी कुछ नहीं कहा.

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