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पंचतत्व में विलीन हुए पूर्व राज्यमंत्री विनय शाक्य, दिल का दौरा पड़ने से निधन, अंतिम दर्शन करने उमड़ा सैलाब - former minister Vinay Shakya dies

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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : May 26, 2024, 7:52 PM IST

पूर्व राज्यमंत्री और बिधूना विधानसभा से विधायक और एमएलसी रहे विनय शाक्य का हार्ट अटैक से हुआ निधन. बड़ी संख्या में लोगों ने उनको दी श्रद्धांजलि. उनके पुत्र सिद्धार्थ शाक्य ने पिता की दी मुखाग्नि.

Crowd gathered at funeral
अंतिम संस्कार में उमड़ा जनसैलाब (PHOTO source, ETV BHARAT)

विनय शाक्य का हार्ट अटैक से निधन (video source, ETV BHARAT)

औरैया: औरैया के बिधूना विधानसभा क्षेत्र से विधायक और एमएलसी रहे पूर्व राज्यमंत्री विनय शाक्य का दिल का दौरा पड़ने से निधन हो गया. हार्ट अटैक के बाद उनको इलाज के लिए बिधूना लाया गया. जहां डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया. जैसे ही विनय शाक्य के निधन की जानकारी लोगों को हुई उनके भटौरा स्थिति आवास पर भारी जनसैलाब उमड़ पड़ा. बड़ी संख्या में राजनैतिक दल के लोग भी पहुंचकर श्रद्धांजलि दी. वहीं उनके फार्म हाउस में ही उनका अंतिम संस्कार कर दिया गया.

विनय शाक्य के निधन पर उनके भाई सपा के प्रदेश सचिव देवेश शाक्य, विनय शाक्य की पुत्री बीजेपी नेता और बिधूना विधानसभा क्षेत्र की पूर्व प्रत्याशी रिया शाक्य, पुत्र सिद्दार्थ शाक्य को लोगों ने ढांढस बंधाया. पूर्व राज्य मंत्री विनय शाक्य पिछले कई सालों से कई गंभीर बीमारियों से ग्रसित थे.

पूर्व राज्यमंत्री विनय शाक्य के अंतिम दर्शन के लिए कन्नौज लोकसभा क्षेत्र के भाजपा प्रत्याशी सुब्रत पाठक की पत्नी नेहा पाठक, भाजपा जिलाध्यक्ष भुवन प्रकाश गुप्ता, कानपुर बुंदेलखंड के क्षेत्रीय उपाध्यक्ष एवं जिला प्रभारी आनंद सिंह, पूर्व कृषि राज्य मंत्री लाखन सिंह राजपूत, पूर्व जिला अध्यक्ष अनिल गुप्ता, जिला महामंत्री धीरेंद्र सिंह गौर, भाजपा जिला मंत्री राहुल गुप्ता सहित भारी संख्या में लोगों ने पहुंचकर श्रद्धांजलि अर्पित की.

शोकाकुल माहौल में पूर्व विधायक विनय शाक्य का उनके फार्म हाउस पर अंतिम संस्कार कर दिया गया. उनके पुत्र सिद्धार्थ शाक्य ने पिता को मुखाग्नि दी. इस अवसर पर हर कोई विनय शाक्य के द्वारा ग्रामीण क्षेत्र में कराये गये विकास कार्यों के अलावा उनके व्यक्तित्व एवं कृतित्व की चर्चा कर रहा था.

पिछले विधानसभा चुनाव में विनय शाक्य अपने भाई देवेश शाक्य के साथ भाजपा से बगावत कर सपा का दामन थाम लिया था. जिसके बाद विनय शाक्य की बेटी रिया शाक्य ने अपनी चाचा देवेश शाक्य के ऊपर पिता का अपहरण कर उन्हें जबरन सपा में शामिल करने का आरोप लगाया था.

विनय शाक्य ने अपनी राजनीति की शुरुआत कॉलेज में छात्र संघ मे अध्यक्ष पद पर चुनाव लड़कर की थी. जिसके बाद 2002 में बिधूना की जनता ने उन्हें विधायक बना दिया और बसपा सरकार ने उन्हें दर्जाप्राप्त राज्यमंत्री बना दिया. वहीं 2007 में गन्ना शोध संस्थान के चेयरमैन चुने गए. 2009 से 2015 तक वह एमएलसी पद पर रहे. जिसके बाद 2017 से 2022 तक वह दूसरी बार बिधूना के एमएलए बने.

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