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इलेक्टोरल बॉन्ड विवाद के बीच कांग्रेस नेताओं पर आर्थिक संकट, 60 साल राज करने वाली कांग्रेस को नहीं मिल रहा चंदा

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By ETV Bharat Uttarakhand Team

Published : Mar 15, 2024, 4:54 PM IST

Updated : Mar 15, 2024, 6:29 PM IST

Financial Crisis of Congress Leaders And Big Challenges of Raising Funds
कांग्रेस नेताओं का आर्थिक संकट

Financial Crisis of Congress Leaders in Uttarakhand देश में एक तरफ सैकड़ों करोड़ रुपयों का राजनीतिक चंदा देने का मामला सुर्खियों में है तो वहीं दूसरी तरफ उत्तराखंड कांग्रेस के नेता लोकसभा चुनाव से पहले आर्थिक संकट की स्थिति में खड़े दिखाई दे रहे हैं. हालांकि, पार्टी के भीतर पहले भी फंड की कमी सुर्खियों में रही है, लेकिन अब चुनाव के दौरान पार्टी प्रत्याशियों को चुनाव लड़ने के लिए बजट की कमी परेशान कर सकती है. फिलहाल, पार्टी नेता इस संकट से उबरने के लिए कार्यकर्ताओं का सहारा मिलने का दावा कर चुनाव को पुरजोर तरीके से लड़ने का भरोसा भी दे रहे हैं.

कांग्रेस के लिए चुनाव में फंड जुटाना बड़ी चुनौती

देहरादून: देश में सुप्रीम कोर्ट के निर्देश के बाद इलेक्टोरल बॉन्ड पर राजनीतिक चंदे को लेकर जानकारियां सार्वजनिक कर दी गई है. जिससे ये स्पष्ट हो गया है कि सैकड़ों करोड़ रुपए का चंदा राजनीतिक दलों ने लिया और इसमें बीजेपी सभी दलों से कई गुना आगे रही. एक तरफ सैकड़ों करोड़ का यह चंदा देश की राजनीति के साथ ही आम लोगों के बीच भी चर्चा का सबक बना हुआ है तो दूसरी तरफ उत्तराखंड में कांग्रेस नेताओं का आर्थिक संकट भी सभी की जुबान पर है. हालत ये है कि कुछ नेताओं ने तो सार्वजनिक रूप से यह कबूल किया है कि वो पार्टी के टिकट पर इसलिए लड़ना नहीं चाहते थे. क्योंकि, उनके पास चुनाव लड़ने के लिए संसाधन ही नहीं है. जाहिर है कि यह बात सामने आने के बाद अब कांग्रेस में प्रत्याशियों के आर्थिक संकट पर बहस तेज होगी.

उत्तराखंड में वैसे तो पिछले कई सालों से कांग्रेस के भीतर आर्थिक समस्या गाहे बगाहे सामने आती रही है. कांग्रेस संगठन के स्तर पर भी पैसा जुटाने की कोशिश होती रही है, लेकिन बीजेपी के सामने कांग्रेस धनबल के मामले में कुछ कमजोर ही नजर आई है. खास बात ये है कि इस बात को कांग्रेस के नेता भी कबूल करते रहे हैं. केंद्र में बीजेपी की सरकार आने के बाद कांग्रेस को चंदा देने वालों की संख्या में भी कमी आई है. एक तरफ जहां पिछले सालों में बीजेपी ने उत्तराखंड से ही 25 करोड़ से ज्यादा का चंदा अभियान के तहत जुटाने का दावा किया था तो उत्तराखंड कांग्रेस संगठन के पार्टी नेताओं से ही फंड इकट्ठा करने में हाथ पांव फूल गए थे.

गढ़वाल कांग्रेस प्रत्याशी गणेश गोदियाल ने कही ये बात: गढ़वाल लोकसभा सीट से कांग्रेस के प्रत्याशी गणेश गोदियाल ने तो ईटीवी भारत से बात करते हुए इस बात को स्वीकार कर लिया कि उन्होंने पार्टी हाईकमान के सामने अपनी समस्या को रख दिया था. चुनाव नहीं लड़ने की इच्छा भी जाहिर की थी, लेकिन जब कई कार्यकर्ताओं ने चुनाव के लिए फंड जुटाना और संसाधन अपने स्तर से इकट्ठा करने का भरोसा दिया गया, तब जाकर उन्होंने चुनाव लड़ने का मन बनाया.

इस मामले में कांग्रेस बीजेपी पर चुनाव के दौरान धनबल का प्रयोग करने का भी आरोप लगाती रही है. जबकि, कांग्रेस पार्टी के पास संसाधनों की कमी होने का भी दावा किया जाता रहा है. हालांकि, इस मामले में बीजेपी का अपना एक अलग तर्क दिखाई देता है. पार्टी के नेता कहते हैं कि बीजेपी संगठन के बल पर चुनाव लड़ता है और चुनाव लड़ने के लिए पार्टी ने एक पूरा सिस्टम तैयार किया है. इसीलिए बीजेपी को चुनाव लड़ने में कभी किसी तरह की परेशानी नहीं होती और पार्टी के कार्यकर्ता मिलकर प्रत्याशी को चुनाव लड़ाते हैं, जबकि इसके उलट कांग्रेस में प्रत्याशी खुद चुनाव लड़ते हैं. संगठन और कार्यकर्ता नाम की कांग्रेस के भीतर कोई चीज ही नहीं है.

प्रत्याशियों के लिए 95 लाख रुपए खर्च करने की है सीमा: लोकसभा चुनाव में प्रत्याशियों के लिए भारत निर्वाचन आयोग ने खर्च की सीमा रखी है. आगामी लोकसभा चुनाव में प्रत्येक प्रत्याशी के लिए 95 लाख रुपए तक ही चुनाव खर्च करने की सीमा है. साल 2004 में प्रत्येक प्रत्याशी के लिए लोकसभा चुनाव के दौरान चुनाव खर्च की सीमा 30 लाख रुपए थी. जो बढ़कर 95 लाख रुपए हो गई है. जानकारी के अनुसार देश में लोकसभा चुनाव के दौरान करीब 6,600 करोड़ रुपए तक प्रत्याशियों ने साल 2019 के चुनाव में खर्च किए थे.

कांग्रेस बोली- पैसों के मामले में नहीं कर सकते बीजेपी का मुकाबला, इससे जीतेंगे चुनाव: उत्तराखंड कांग्रेस कहती है कि मेंबरशिप के चंदे से ही कांग्रेस चुनाव लड़ेगी और चूंकि संसाधन सीमित है. लिहाजा, इस लिहाज से ही पार्टी की तरफ से जीत के प्रयास भी किए जाएंगे. बीजेपी के पास संसाधनों की कमी नहीं है और इलेक्टोरल बॉन्ड की डिटेल सामने आने के बाद यह बात सार्वजनिक भी हो गई है. कांग्रेस के नेता कहते हैं कि पैसों के मामले में हम बीजेपी का मुकाबला नहीं कर सकते, बस श्रमिक और मजदूर के साथ गरीब किसानों के बल पर ही पार्टी जीत का दावा कर सकती है.

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Last Updated :Mar 15, 2024, 6:29 PM IST
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