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अंतरिम बजट में ऊर्जा विभाग के हिस्से आई निराशा, सौर ऊर्जा योजना भी सब्सिडी के भरोसे

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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Feb 1, 2024, 10:26 PM IST

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अंतिरम बजट 2024 (Interim Budget 2024) भले ही कई विभागों के लिए मुफीद साबित हो रहा है, लेकिन ऊर्जा विभाग को कुछ भी नहीं मिला है. ऐसे में सस्ती बिजली और सौर ऊर्जा के क्षेत्र में कुछ भी बड़ी संभावना नहीं है.

लखनऊ : केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की तरफ से वर्ष 2024 का अंतिरम बजट पेश किया गया. इस बजट में ऊर्जा विभाग को कुछ भी हाथ नहीं लगा. सौर ऊर्जा पर जरूर सरकार ने ध्यान देते हुए बजट में घोषणा की है. हालांकि पहले से ही किसानों के लिए चल रही पीएम कुसुम योजना को भी उत्तर प्रदेश में पंख नहीं लग पाए. ऐसे में सौर ऊर्जा के लिए सरकार की तरफ से बजट में जो घोषणा की गई है उसकी सफलता को लेकर भी आशंका जताई जा रही है.


केंद्र सरकार के बजट में एलान किया गया कि प्रधानमंत्री सूर्योदय योजना के तहत एक करोड़ परिवारों के घरों में रूफटॉप सोलर पैनल लगाकर उन्हें 300 यूनिट मुफ्त बिजली मिलेगी. वास्तव में पूरे देश में लगभग 32 करोड़ विद्युत उपभोक्ता हैं. इससे पहले भी केंद्र सरकार ने पीएम कुसुम योजना का किसानों के लिए एलान किया था. कहा था कि इससे किसानों को सस्ती बिजली उपलब्ध होगी, लेकिन सही मामले में पीएम कुसुम योजना किसानों की सफल नहीं हो पाई. आने वाले समय में इस योजना की सफलता भी केंद्र सरकार की सब्सिडी पर निर्भर करेगी. पुरानी योजनाओं से यह साबित हो रहा है कि इसे कोई बहुत बड़ा क्रांतिकारी निर्णय नहीं कहा जा सकता. पूरे देश में सौभाग्य योजना के तहत करोड़ों विद्युत उपभोक्ता इस इंतजार में थे कि सरकार इस अंतरिम बजट में कोई बड़ा एलान करेगी. जिससे उनके लिए बिजली सस्ती हो जाएगी, लेकिन उन्हें निराशा हाथ लगी. उत्तर प्रदेश राज्य विद्युत उपभोक्ता परिषद के अध्यक्ष अवधेश कुमार वर्मा ने कहा कि इससे पहले जब किसानों के लिए पीएम कुसुम योजना लाई गई थी तो केंद्र की तरफ से जो निधियां जारी की गई थीं वह बहुत कम थीं.



अवधेश वर्मा ने बताया कि जहां पूरे देश में वर्ष 2020-21 के लिए लगभग 156 करोड़, वहीं वर्ष 2021-22 के लिए लगभग 406 करोड़ और वर्ष 2022-23 के लिए लगभग 801 करोड़ निधि जारी की गई थी. वर्ष 2023- 24 में यह घटकर केवल 131 करोड़ ही रह गई. बात करें उत्तर प्रदेश की तो वर्ष 2022-23 के लिए उत्तर प्रदेश में कोई भी निधि आवंटित नहीं की गई. वर्ष 2020-21 में लगभग 15 करोड़, वर्ष 2021-22 में लगभग 13 करोड़ और वर्ष 2022-23 में लगभग 82 करोड़ निधि जारी की गई थी. इसलिए यह कहना उचित होगा कि यह योजना भी आने वाले समय में केंद्र सरकार की तरफ से आवंटित सब्सिडी पर ही निर्भर करेगा. ऊर्जा क्षेत्र के लिए बजट में कोई क्रांतिकारी निर्णय सामने नहीं आया है.




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