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गजब की आस्था! दिव्यांग रघुवीर बिष्ट ने बनवाया भगवान शिव का मंदिर, भक्तों में खुशी की लहर

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By ETV Bharat Uttarakhand Team

Published : Feb 25, 2024, 5:14 PM IST

Gangeshwar Mahadev Temple in Rudraprayag
गंगेश्वर महादेव का मंदिर

Gangeshwar Mahadev Temple in Rudraprayag रुद्रप्रयाग के भरदार पट्टी के गवाणा गांव में गंगेश्वर महादेव मंदिर का निर्माण किया गया है. जिसका निर्माण आर्थिक रूप से कमजोर और शरीरिक रूप दिव्यांग रघुवीर बिष्ट ने कराया है. अभी तक क्षेत्र में भगवान शंकर का मंदिर न होने से भक्तों को जल चढ़ाने और पूजा के लिए परेशानी होती थी. अब मंदिर तैयार हो जाने के बाद भगवान शिव के दर्शन हो रहे हैं.

रुद्रप्रयाग: आर्थिक रूप से कमजोर और शारीरिक रूप से दिव्यांग होने के बावजूद भी भरदार पट्टी के एक दिव्यांग शख्स ने अपनी मेहनत की बदौलत भगवान शंकर के मंदिर का निर्माण कराया है. दिव्यांग शख्स ने गांव में गंगेश्वर महादेव मंदिर का निर्माण कराया है. ताकि, ग्रामीणों को भगवान शंकर को जल चढ़ाने के लिए भटकना न पड़े. इतना ही नहीं शख्स ने भगवान शिव के मंदिर का निर्माण कराकर शिव महापुराण कथा और यज्ञ का आयोजन कराया. जिसके समापन अवसर पर हजारों भक्तों ने पहुंचकर प्रसाद ग्रहण किया.

बता दें कि भरदार पट्टी के गवाणा (मजना) के रघुवीर सिंह बिष्ट आर्थिक रूप से कमजोर होने के साथ ही दिव्यांग भी है. उन्हें चलने फिरने में काफी सारी परेशानियों का सामना करना पड़ता है. इसके बावजूद रघुवीर ने कभी हिम्मत नहीं हारी. वे देखते थे कि दूर दराज गांव के लोग भगवान शिव के मंदिर के लिए मीलों की दूरी तय करते हैं. ऐसे में उन्होंने गांव में ही गंगेश्वर महादेव मंदिर का निर्माण शुरू कराया. इस दौरान उन्हें काफी दिक्कतों का भी सामना करना पड़ा, लेकिन उन्होंने हिम्मत नहीं हारी और अपने मकसद को पूरा करने में जुट गए. उन्होंने दो साल की कड़ी मेहनत और भोले की प्रति सच्ची आस्था एवं विश्वास के साथ मंदिर का निर्माण कराय.

गंगेश्वर महादेव मंदिर के पास में भगवान हनुमान और शनिदेव का मंदिर भी स्थापित किया गया है. उन्होंने खुद भी मंदिर निर्माण में काम किया है. अब ग्रामीणों को भगवान शंकर और हनुमान के साथ ही शनि देव के दर्शन हो रहे हैं. पहले ग्रामीणों को भगवान शंकर का जलाभिषेक के लिए काफी दूर जाना पड़ता था, लेकिन अब उन्हें गवाणा गांव में भगवान शंकर के दर्शन हो सकेंगे. अब भक्त महाशिवरात्रि पर्व पर गंगेश्वर महादेव मंदिर पहुंचकर भगवान शंकर को जल चढ़ाकर अपनी मनोकामनाएं पूरी कर सकते हैं.

कथा वाचक द्वाारिका प्रसाद गौड़ और आचार्य वेणी प्रसाद भट्ट ने बताया कि दिव्यांग रघुवीर सिंह बिष्ट में साक्षात शिव का वास है. उन्हें भगवान शंकर ने जो शक्ति दी है, वो हर मनुष्य को नहीं मिल सकती. क्षेत्रवासियों की समस्या को समझते हुए आर्थिक रूप से कमजोर और दिव्यांग रघुवीर ने गंगेश्वर महादेव मंदिर का निर्माण कराया. मंदिर के बगल में ही प्राकृतिक जल स्त्रोत है, जो अपने आप में ही शुभ है. उन्होंने बताया कि गंगेश्वर महादेव मंदिर निर्माण के बाद शिव भक्त रघुवीर सिंह ने धार्मिक अनुष्ठान का आयोजन भी कराया.

भगवान शिव की भक्ति में रमकर पूरा किया काम: सामाजिक कार्यकर्ता भरत सिंह पुंडीर और दीपक बिष्ट ने कहा कि गवाणा गांव में एक ऐसे व्यक्ति ने शिव मंदिर का निर्माण कराया है, जो ठीक से चल भी नहीं सकता है. वो भगवान शिव की भक्ति में ऐसा रमा की, उसने शिव मंदिर का निर्माण करने का निश्चय लिया और मंदिर निर्माण पूरा होने के बाद शिव महापुराण भी कराया. उन्होंने कहा कि क्षेत्र में दूर-दूर तक भी शिवालय नहीं था. ग्रामीणों की भक्ति और श्रद्धा को समझते हुए रघुनाथ सिंह ने शिव मंदिर का निर्माण कराया है. आर्थिक रूप से कमजोर और दिव्यांग होने के बाद भी शिव मंदिर निर्माण कराना, किसी बड़े चमत्कार से कम नहीं है.

निमंत्रण पर देवी-देवताओं ने लिया भाग: भरदार पट्टी के गवाणा गांव में आयोजित शिव महापुराण कथा ज्ञान यज्ञ में ध्याणियों के साथ ही आस-पास के देवी-देवताओं को भी निमंत्रण दिया गया था. धार्मिक अनुष्ठान में बिनसर देवता के साथ ही अन्य देवी-देवताओं ने भाग लिया. उन्हें विदा करने के लिए खुद गवाणा गांव के ग्रामीण भी गए. उन्होंने बताया कि आज भी ग्रामीण अपनी पौराणिक संस्कृति का निर्वहन कर रहे हैं.

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