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विधानसभा में डिप्टी सीएम ने नक्सली हमलों को लेकर विपक्ष को दिया जवाब

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By ETV Bharat Chhattisgarh Team

Published : Feb 15, 2024, 6:13 PM IST

Chhattisgarh Assembly Budget session 2024
छत्तीसगढ़ विधानसभा बजट सत्र 2024

Naxalite attacks in Chhattisgarh: विधानसभा में डिप्टी सीएम ने नक्सली हमलों के आंकड़ों को लेकर सदन में बयान दिया. गृहमंत्री ने प्रदेश के जेलों की स्थिति पर भी सरकार का पक्ष विधानसभा के पटल पर रखा.

रायपुर: छत्तीसगढ़ विधानसभा बजट सत्र के नौवें दिन प्रदेश के उप मुख्यमंत्री विजय शर्मा ने विपक्ष के सवालों का ताबड़तोड़ जवाब दिया. डिप्टी सीएम ने नेता प्रतिपक्ष चरणदास महंत के नक्सली हमलों में मारे गए सैनिको के बारे में सवाल पूछे जाने पर जवाब दिया. इस दौरान डिप्टी सीएम ने कहा कि, "30 नवंबर 2023 से 30 जनवरी 2024 तक राज्य में मुठभेड़ों और आईईडी विस्फोट की कुल 54 घटनाएं हुई है, इनमें 8 जवानों की मौत हो गई."साथ ही प्रदेश के जेलों में क्षमता से अधिक कैदी होने की जानकारी के बाद नौ जेलों के बैरक बढ़ाने की मंजूरी दी.

नक्सली घटनाओं पर दिया विपक्ष को जवाब: दरअसल, नेता प्रतिपक्ष चरण दास महंत ने विधानसभा में विजय शर्मा से नक्सली घटनाओं को लेकर सवाल पूछा. इस सवाल के जवाब में डिप्टी सीएम ने कहा कि 30 नवंबर 2023 से 30 जनवरी 2024 तक छत्तीसगढ़ में नक्सली मुठभेड़ और आईईडी ब्लास्ट मिलाकर कुल 54 घटनाएं हुई है. इनमें 20 घटनाओं में सात सुरक्षाकर्मी और एक गोपनीय सैनिक मारे गए. साथ ही 53 घायल हुए हैं. 30 जनवरी को सुकमा और बीजापुर जिलों की सीमा पर नक्सलियों के साथ मुठभेड़ में सीआरपीएफ के तीन जवान मारे गए, जिनमें उसकी विशिष्ट जंगल युद्ध इकाई कोबरा के दो कमांडो भी शामिल थे.

प्रदेश के जेलों में क्षमता से अधिक कैदी: इसके साथ ही विधानसभा में प्रदेश के गृहमंत्री विpय शर्मा से जेलों की क्षमता पर सवाल पूछा गया. विधानसभा में भाजपा विधायक संपत अग्रवाल के एक प्रश्न के लिखित उत्तर में विजय शर्मा ने कहा कि, "राज्य में पांच केंद्रीय, 20 जिला और आठ उप जेल हैं. सभी पांच केंद्रीय, 14 जिला और पांच उप जेलों सहित इनमें से चौबीस जेलें क्षमता से अधिक भरी हुई हैं. आंकड़ों के मुताबिक बाकी नौ जेलों में क्षमता से कम कैदी हैं. इस साल 31 जनवरी तक केंद्रीय, जिला और उप जेलों में 14,383 की क्षमता के मुकाबले 18,442 कैदी बंद थे."

हर जेल में कैदियों की संख्या क्षमता से अधिक: इसके साथ ही विजय शर्मा ने कहा कि, "रायपुर के केंद्रीय जेल में 1,586 की क्षमता की तुलना में 3,076 कैदी हैं, जबकि दुर्ग के केंद्रीय जेल में 2,006 की क्षमता की तुलना में 2,031 कैदी हैं. बिलासपुर के केंद्रीय जेल में 2,870 कैदी हैं, हालांकि इसकी क्षमता केवल 2,290 कैदियों को रखने की है. जगदलपुर (बस्तर) की केंद्रीय जेल में 1,462 कैदी हैं. अंबिकापुर की जेल में 2,013 कैदी हैं, जबकि जेल की क्षमता 1,451 और 1,320 है."

नौ जेलों के बैरक निर्माण को मंजूदी: बता दें कि इस दौरान गृहमंत्री ने नौ जेलों में बैरक के निर्माण के लिए 1,195 लाख रुपये की मंजूरी दी. इनमें अंबिकापुर, जगदलपुर में केंद्रीय जेल, राजनांदगांव, कबीरधाम, सूरजपुर, जशपुर, गरियाबंद में जिला जेल और मनेंद्रगढ़ और नारायणपुर में उप जेल शामिल हैं. बात अगर सरकारी आंकड़ों की करें तो राज्य सरकार की ओर से साझा किए गए आंकड़ों के अनुसार छत्तीसगढ़ की जेलों में क्षमता से अधिक कैदी हैं क्योंकि मौजूदा क्षमता 14,383 की तुलना में वहां 18,000 से अधिक कैदी बंद हैं.

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