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क्रेडिट कार्ड बनाने से जुड़े लिंक पर क्लिक करना पड़ा भारी, टीचर का अकाउंट खाली कर गए साइबर ठग

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By ETV Bharat Uttarakhand Team

Published : Feb 6, 2024, 7:10 PM IST

Updated : Feb 6, 2024, 11:00 PM IST

Srinagar Teacher Cyber Fraud अगर आप भी इंटरनेट या सोशल मीडिया पर फ्लैश हो रहे लिंक पर क्लिक करते हैं तो सावधान हो जाइए. अगर आपने जरा सी लापरवाही की तो आप ठगी का शिकार हो सकते हैं. ऐसे ही ठगी का शिकार जीआईसी पिपलीधार डागर के शिक्षक हुए हैं. जिन्होंने फेसबुक में दिख रहे क्रेडिट कार्ड बनवाने से जुड़े लिंक पर क्लिक कर दिया. जिसके बाद साइबर ठगों ने उनका अकाउंट ही खाली कर दिया. साइबर ठग 40 हजार रुपए में से सिर्फ 28 पैसे अकाउंट में छोड़ गए. अब पीड़ित ने पुलिस से कार्रवाई की मांग की है.

Srinagar Teacher Cyber Fraud
शिक्षक जसवंत लाल

टीचर की आपबीती

श्रीनगर: कीर्तिनगर विकासखंड के जीआईसी पिपलीधार डागर के शिक्षक जसवंत लाल साइबर ठगी का शिकार हो गए. जब तक शिक्षक को ठगी का पता चलता, तब तक साइबर ठग उनके खाते से 40 हजार की रकम उड़ा चुके थे. बताया जा रहा है कि शिक्षक के फेसबुक आईडी पर एक निजी बैंक के क्रेडिट कार्ड बनवाने से जुड़ा लिंक आया था. जिसमें क्लिक करने के बाद वो साइबर ठगी का शिकार हो गए. अब पीड़ित शिक्षक ने कीर्तिनगर कोतवाली पुलिस में शिकायत दर्ज कर कार्रवाई की मांग की है.

राजकीय इंटर कॉलेज पिपलीधार डागर के शिक्षक जसवंत लाल ने बताया कि कुछ समय पहले सोशल मीडिया पर उन्होंने क्रेडिट कार्ड बनाने के लिए रजिस्ट्रेशन का एक लिंक देखा. इतना ही नहीं उन्होंने क्रेडिट कार्ड अप्लाई करने के लिए लिंक पर रजिस्ट्रेशन भी कर दिया. इसके बाद बीती 4 फरवरी को उनके पास एक कॉल आई. जिसने उनसे आधार नंबर और डेबिट कार्ड नंबर मांगा. उन्होंने मांगी गई सभी जानकारी बता दी. इसके बाद 5 फरवरी को उनके खाते से पहली बार 24,500 और दूसरी बार 15,500 रुपए कट गए. उन्होंने बताया कि खाते में 40 हजार 28 रुपए थे, जो साइबर ठग पूरी तरह खाली कर गए.

Srinagar Teacher Cyber Fraud
शिक्षक जसवंत लाल ने ईटीवी भारत पर बताई अपनी पीड़ा

वहीं, कीर्तिनगर कोतवाल देवराज शर्मा ने बताया कि साइबर ठगी के संबंध में 5 फरवरी को मौखिक सूचना मिली थी. इसके बाद आवश्यक कार्रवाई करते हुए साइबर सेल में रिपोर्ट भेज दी गई है. पीड़ित ने 6 फरवरी को लिखित में भी अपनी शिकायत दर्ज करवाई है. पुलिस की ओर से पैसा वापस दिलवाने का पूरा प्रयास किया जा रहा है. उन्होंने कहा कि लोगों साइबर फ्रॉड को लेकर जागरूक होना चाहिए. किसी भी अनजान शख्स को अपने खाता और आधार की जानकारी न दें.

साइबर ठगी से कैसे बचें?

  • किसी को भी फोन पर अपनी बैंक डिटेल न दें.
  • किसी को भी अपना ATM पिन, CVV नंबर, डेबिट पासवर्ड और अकाउंट नंबर शेयर न करें.
  • किसी और का बताया पासवर्ड बिल्कुल न भी बनाएं.
  • किसी को भी ओटीपी (OTP) शेयर न करें.
  • कभी भी इंटरनेट पर कस्टमर केयर का नंबर सर्च कर उनसे संपर्क न करें.
  • इंटरनेट पर आनी वाली साइटों पर अपनी निजी जानकारी डालने से बचें.
  • किसी भी फ्री या डिस्काउंट के लालच में आकर लिंक पर क्लिक न करें.
  • लगातार कुछ महीनों के अंतराल पर अपने सभी पासवर्ड बदलते रहें.
  • एटीएम वैलिडिटी एक्सपायर से संबंधित आने वाले कॉल और मैसेज का जवाब बिल्कुल न दें.
  • कभी भी बैंक के कर्मचारी फोन या ईमेल पर आपकी पर्सनल जानकारी नहीं मांगते हैं.
  • कभी भी बैंक के कर्मचारी एटीएम की वैलिडिटी खत्म होने पर कॉल नहीं करते हैं.
  • डेबिट कार्ड से शॉपिंग करते समय पब्लिक वाई फाई का इस्तेमाल करने से बचें.
  • लेन-देन करने पर रसीद जरूर मांग लें.
  • ऑनलाइन शॉपिंग करने के बाद अपना बैंक स्टेटमेंट जरूर चेक करें.

साइबर ठगी होने पर क्या करें?

  • साइबर ठगी होने के बाद 3 दिन के भीतर इसकी जानकारी आपको बैंक को देनी होगी.
  • बैंक जांच करेगा कि आपकी गलती के कारण पैसे किसी दूसरे खाते में ट्रांसफर हुए या आप धोखाधड़ी का शिकार हुए हैं या फिर किसी ने आपके पैसे निकाल लिए हैं.
  • साइबर ठगी का शिकार होने पर चोरी हुए पैसों की भरपाई बैंक करेगा, लेकिन यह भरपाई बैंक कुछ शर्तों पर ही होती है.
  • साइबर ठगी होने पर सबसे पहले अपने अकाउंट, कार्ड और इंटरनेट बैंकिंग को बंद करवाएं. इसके बाद पुलिस में इसकी शिकायत दर्ज करवाएं.
  • एफआईआर (FIR) की कॉपी लेकर बैंक जाएं. इसके आधार पर ही बैंक फ्रॉड की जांच करेगा.

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Last Updated :Feb 6, 2024, 11:00 PM IST
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