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नशा तस्करों के लिए सॉफ्ट टारगेट बने पर्वतीय राज्य, उत्तराखंड में मैदानी और पर्वतीय जिलों तक फैला जाल - Drug Trade In Uttarakhand

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By ETV Bharat Uttarakhand Team

Published : May 19, 2024, 2:57 PM IST

Updated : May 19, 2024, 3:57 PM IST

Drug Trade In Uttarakhand कभी मेट्रोपॉलिटन सिटी और बड़े राज्यों तक सीमित दिखाई देने वाले नशा तस्करों का कारोबार अब पर्वतीय राज्यों में भी फैलता जा रहा है. उत्तराखंड और हिमाचल में भी नशा तस्कर अपने पांव पसार रहे हैं. हालांकि केंद्र सरकार के ड्रग फ्री कंट्री का अभियान शुरू करने के बाद इन राज्यों में भी नशा तस्करों के खिलाफ अभियान तेज हुए हैं. इस दौरान अभियान में बड़ी तादाद में जानलेवा नशे की सामग्रियां जब्त की जा रही हैं, जो पर्वतीय क्षेत्रों में भी तस्करों की मौजूदगी की गवाह बनी है.

Drug Trade In Uttarakhand
नशा तस्करों के लिए सॉफ्ट टारगेट बने पर्वतीय राज्य (photo- ETV Bharat)

नशा तस्करों के लिए सॉफ्ट टारगेट बने पर्वतीय राज्य (video- ETV Bharat)

देहरादून: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने साल 2047 तक देश को ड्रग फ्री कंट्री बनाने का लक्ष्य तय किया है. इससे दो कदम आगे बढ़ते हुए उत्तराखंड सरकार ने साल 2025 तक राज्य को ड्रग फ्री स्टेट बनाने के लक्ष्य से खुद को जोड़ा है. खास बात यह है कि पिछले कुछ समय में राज्य में लक्ष्य को पूरा करने के लिए पुलिस ने अभियान भी तेज किया है. जिला स्तर पर पुलिस अपनी कार्रवाई कर रही है, जबकि राज्य में एंटी नारकोटिक्स टास्क फोर्स का भी गठन कर लिया गया है, जिसमें स्पेशल टास्क फोर्स को महत्वपूर्ण जिम्मेदारी दी गई है.

उत्तराखंड में पिछले 3 साल में 5 हजार से ज्यादा केस दर्ज: आंकड़ों पर गौर करें तो उत्तराखंड में पिछले 3 साल के दौरान नशे की रोकथाम से जुड़े करीब 5080 से ज्यादा केस दर्ज किए गए हैं. इन मामलों में 588 लोगों की गिरफ्तारी भी की गई है. इतना ही नहीं नशा तस्करों पर कठोर कानूनी कार्रवाई के लिए ऐसे मामलों से जुड़े तस्करों पर गैंगस्टर एक्ट के तहत भी केस किए गए हैं और इसी के तहत उनकी संपत्तियों को भी जब्त किया जा रहा है. बताया गया है कि ऐसे तस्करों की करीब 3 करोड़ की संपत्ति जब्त की गई है. इसके अलावा उत्तराखंड के साथ-साथ पर्वतीय राज्य हिमाचल प्रदेश भी नशे के कारोबारियों के टारगेट पर है. रिकॉर्ड के अनुसार हिमाचल प्रदेश में साल 2021 में करीब 1500 केस दर्ज किए गए. साल 2022 में यह आंकड़ा 1,517 पहुंचा, जबकि साल 2023 में करीब 2,147 मामले दर्ज हुए हैं.

कार्रवाई के दौरान भारी मात्रा में नशीले पदार्थ बरामद: स्पेशल टास्क फोर्स के एसएसपी आयुष अग्रवाल ने बताया कि राज्य में नशा तस्करों की गैंग को खत्म करने के लिए लगातार अभियान चलाए जा रहे हैं. इस दौरान बड़ी मात्रा में चरस, गांजा, स्मैक, भांग की खेती, नशे के इंजेक्शन और कई दूसरी नशे की सामग्री को जब्त किया गया है. उन्होंने कहा कि प्रदेश में न केवल मैदानी जिले, बल्कि पर्वतीय जिलों में भी नशा तस्कर इस कारोबार को आगे बढ़ाने की कोशिश कर रहे हैं. हालांकि लगातार सख्त कार्रवाई करते हुए उनकी धर-पकड़ कर उनके मंसूबों को नाकामयाब भी किया जा रहा है.

4 जिलों में नशा तस्करों की निगाहें: उत्तराखंड में सबसे ज्यादा नशा तस्करों की निगाह देहरादून, उधम सिंह नगर और हरिद्वार जिले पर ही रही है, लेकिन पर्वतीय जनपदों में भी लगातार नशे की सामग्री पकड़ी जा रही है, जो यह जाहिर करती है कि अब पर्वतीय जनपद में भी युवाओं को नशा तस्कर अपनी चपेट में ले रहे हैं. राजधानी देहरादून में पिछले करीब ढाई साल के दौरान 1,432 लोगों को एनडीपीएस एक्ट के तहत गिरफ्तार किया गया है. उधम सिंह नगर में 869 लोगों की गिरफ्तारी हुई है, इसी तरह हरिद्वार में 795 और नैनीताल जिले में 781 लोगों को गिरफ्तार किया गया है.

देहरादून को नशा तस्करों से सबसे ज्यादा खतरा: राजधानी देहरादून पर सबसे ज्यादा खतरा रहता है. देहरादून को शिक्षा का हब माना जाता है, क्योंकि यहां पर उत्तराखंड से ही नहीं, बल्कि पूरे देश से युवा अपनी शिक्षा के लिए पहुंचते हैं. ऐसे में नशा तस्करों के निशाने पर भी सबसे ज्यादा ऐसे ही बच्चे होते हैं, जो अपने घर से दूर यहां पढ़ाई के लिए आते हैं. इस बात को सरकार और पुलिस का सिस्टम भी जानता है, इसलिए नशे को लेकर युवाओं में जागरूकता अभियान समय-समय पर चलाया जाता है.

उत्तराखंड में सीमावर्ती राज्यों से पहुंच रही नशा सामग्री: उत्तराखंड अंतर्राष्ट्रीय सीमा से लगा राज्य है और ऐसे में यहां नशे की तस्करी की संभावना है और भी ज्यादा बढ़ जाती है. उत्तराखंड में सीमावर्ती राज्यों से तो नशा तस्कर नशे की सामग्री लेकर पहुंचते हैं. साथ ही नेपाल से भी इसका सीधा कनेक्शन है.पुलिस भी यह मानती है कि उत्तराखंड में हाई प्रोफाइल पार्टियों में नशे की सामग्रियों का उपयोग किया जाता है और यहीं से युवाओं को नशे में डालने की कोशिश की जाती है.

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Last Updated : May 19, 2024, 3:57 PM IST
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