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बेरंग रहेगी इन कर्मचारियों की होली, सरकार ने अटकाया वेतन, गुजर करना भी हो रहा मुश्किल - Salary not paid employees

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By ETV Bharat Madhya Pradesh Team

Published : Mar 24, 2024, 10:14 AM IST

Chhindwara Employees not get Salary: बेरंग रहेगी इन कर्मचारियों की होली सरकार ने नहीं दिया वेतनछिंदवाड़ा में होली से पहले अलग-अलग विभागों के कर्मचारियों पर आर्थिक संकट खड़ा हो गया है. मानदेय का भुगतान नहीं होने से अतिथि शिक्षकों, आंगनबाड़ी कार्यकर्ता और सहायिकाओं सहित कई कर्मचारियों की होली फीकी रहने वाली है.

Chhindwara Employees not get Salary
छिंदवाड़ा में कर्मचारियों को नहीं मिला वेतन

छिंदवाड़ा। वेतन नहीं मिलने की वजह से अलग-अलग विभागों के कर्मचारियों की होली इस बार बेरंग रह जाएगी. सबसे बुरे हाल अतिथि शिक्षकों के हैं जहां ट्रायबल विकासखंड में तो पांच से छह महीने से मानदेय नहीं मिला है. वहीं, मनरेगा के मजदूरों को भी दो से तीन माह से मजदूरी का इंतजार है. आंगनबाड़ी कार्यकर्ता भी वेतन के इंतजार में हैं. इस बीच अधिकारी फंड नहीं होने की बात कर रहे हैं. शनिवार-रविवार अवकाश होने के कारण यह तो तय हो गया है कि इन कर्मचारियों को बिना वेतन हीं इस त्यौहार को मनाना होगा.

आंगनवाड़ी कार्यकर्ता और सहायिकाओं को नहीं मिला वेतन

जिले की छह हजार से ज्यादा आंगनबाड़ी कार्यकर्ता और सहायिकाओं की होली फींकी रहने वाली है. फंड के आभाव में इन कार्यकर्ताओं को फरवरी माह का वेतन नहीं मिल पाया है. शुक्रवार को उम्मीद थी कि वेतन इनके खातों में मानदेय आ जाएगा, लेकिन ऐसा नहीं हुआ. शनिवार सरकारी रविवार को होली और सोमवार को धुरेंडी है, ऐसे में वेतन मिलना मुश्किल हो गया है. चुनाव से लेकर सर्वे तक का काम कर रही आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को हर माह मानदेय के लिए तरसना पड़ता है. होली जैसा त्योहार है, लेकिन इसके बाद भी शासन से आने वाला फरवरी का मानदेय कार्यकर्ताओं और सहायिकाओं को नसीब नहीं हुआ है.

वेतन नहीं मिलने से मायूस कर्मचारी

जबकि मार्च माह में बीतने में अब चंद दिनों का समय बचा है. महिला एवं बाल विकास विभाग द्वारा डिमांड भेजने के बाद भी राशि शासन स्तर से रिलीज नहीं की गई. इस मामले में आंगनबाड़ी कार्यकर्ता एवं सहायिका संघ की अध्यक्ष सविता ठाकुर ने बताया कि ''होली जैसे त्योहार पर महिला कार्यकर्ताओं का मानदेय नहीं मिल पाने के कारण वे मायूस हैं. उम्मीद तो ये थी कि त्योहार के पहले राशि खातों में आए जाएगी, लेकिन अब आज से छुट्टिया शुरु हो रही हैं, ऐसे में अब मानदेय मिल पाना मुश्किल लग रहा है.''

कार्यकर्ताओं को 13 हजार, सहायिकाओं को मिलता है 6500 मानदेय

जिले में 2864 आंगनबाड़ी और 193 मिनी आंगनबाड़ी केंद्र हैं. जिसमें इतनी ही आंगनबाड़ी कार्यकर्ता और सहायिका कार्य करती है. आंगनबाड़ी केंद्रों में कार्यरत कार्यकर्ताओं को 13 हजार और सहायिकाओं को 6500 रुपए का मानदेय मिलता है. मिनी आंगनबाड़ियों की कार्यकर्ताओं को भी 7250 रुपए का मानदेय दिया जाता है. जिले में आंगनबाड़ियों की कुल संख्या 3057 है.

अतिथि शिक्षकों को 5 महीने से नहीं मिला मानदेय

जिले के ऐसे अलग-अलग सरकारी स्कूलों में पहुंचकर शैक्षणिक कार्य करा रहे हैं, जहां पर शिक्षकों की कमी है. लेकिन इन अतिथि शिक्षकों के भी बुरे हाल हैं, इन्हें पांच माह से ज्यादा से मानदेय नहीं मिला है. अतिथि शिक्षक संघ की माने तो ट्रायबल विकासखंडों में सबसे बुरे हाल हैं. यहां पर तीन से पांच माह तक का मानदेय नहीं मिला है. वहीं एज्युकेशन विभाग के स्कूलों में दो से तीन माह का मानदेय नहीं हुआ है. नतीजतन होली का त्योहार के अलावा गुजर करना भी मुश्किल है. जिला अतिथि शिक्षक संघ के अध्यक्ष संतोष कहार ने बताया कि ''ट्रायबल विकासखंड के तामिया जुन्नारदेव, हर्रई में पढ़ाई करा रहे अतिथि शिक्षकों को तीन माह से जयादा हो चुके है मानदेय नहीं मिला है.''

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इसी प्रकार अमरवाड़ा, परासिया विकासखंड के अतिथि शिक्षकों को एक माह, छिंदवाड़ा, चौरई, सौंसर, पांढुर्णा, मोहखेड़ विकासखंड के अतिथि शिक्षकों को दो माह से मानदेय नहीं मिला है. संतोष कहार ने बताया कि ''अतिथि शिक्षक सुबह दस बजे से शाम पांच बजे तक स्कूल में अध्यापन कराता है और इसके लिए सिर्फ मानदेय ही एक सहारा होता है. यहां भी उन्हें महीनों से नही मिलता है. होली सहित कई ऐसे त्यौहार होते है जों इसी प्रकार चले जाते है.''

मनरेगा मजदूरों को भी नहीं मिली मजदूरी

मनरेगा के तहत अलग- अलग ग्रामीण अंचलों में चल रहे शासकीय कार्यों में मजदूरी करने वाले मजदूरों को भी नियमित मजदूरी नहीं मिली है. जानकारी के अनुसार पिछले नवंबर माह से नियमित मजदूरी नहीं आ रही थी. बीच में कुछ फंड जरुर आया लेकिन इसके बाद भी बहुत से मजदूरों को नियमित भुगतान नही हो पाया है.

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