ETV Bharat / state

आयुष्मान योजना पर सरकार खर्च कर चुकी 2170 करोड़, 53 निजी अस्पतालों पर की कार्रवाई, जानें क्या कह रहे जिम्मेदार - Uttarakhand Health System

author img

By ETV Bharat Uttarakhand Team

Published : Apr 30, 2024, 3:47 PM IST

Updated : Apr 30, 2024, 4:48 PM IST

Etv Bharat
Etv Bharat

Atal Ayushman Yojana सरकार प्रदेश में लोगों को बेहतर स्वास्थ्य सुविधा देने का दावा करती है. लेकिन जमीनी हकीकत ठीक उलट है. सरकार अटल आयुष्मान योजना पर 2170 करोड़ रुपए खर्च चुकी है, वहीं 53 निजी अस्पतालों पर कार्रवाई भी की है. वहीं कई सूचीबद्ध अस्पतालों की मनमानी के मामले समय-समय पर सामने आते रहते हैं.

निजी अस्पतालों की मनमानी पर होगा एक्शन

देहरादून: राज्य की जनता को निशुल्क स्वास्थ्य लाभ उपलब्ध कराए जाने को लेकर साल 2018 में तत्कालीन मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने अटल आयुष्मान योजना का शुभारंभ किया था. इस योजना के शुरू होने के बाद से अभी तक 56 लाख 5 हजार लोग आयुष्मान कार्ड बनवा चुके हैं. जिसमें से 11 लाख 15 हजार मरीज निशुल्क स्वास्थ्य सुविधा का लाभ उठा चुके हैं. आयुष्मान कार्ड बनाने की प्रक्रिया जारी है. हालांकि, आयुष्मान कार्ड के जरिए इलाज को लेकर कई बार सूचीबद्ध निजी अस्पतालों से लापरवाही के मामले सामने आते रहे हैं. जिस पर सख्त एक्शन लिया जा रहा है.

इस योजना के तहत अभी तक राज्य सरकार 2170 करोड़ रुपए खर्च कर चुकी है. वर्तमान समय में आयुष्मान योजना के तहत प्रदेश के 102 राजकीय चिकित्सालय और 176 निजी अस्पताल सूचीबद्ध हैं. वहीं आयुष्मान योजना के सीईओ आनंद श्रीवास्तव ने बताया कि 23 सितंबर 2018 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पीएम जन आरोग्य योजना का शुभारंभ किया था. जिसे आयुष्मान भारत योजना के नाम से जानते हैं. इसके बाद उत्तराखंड में दिसंबर 2018 को अटल आयुष्मान योजना का शुभारंभ किया गया था.

उत्तराखंड की अटल आयुष्मान योजना के तहत प्रदेश की सभी जनता को 5 लाख रुपए तक की निशुल्क स्वास्थ्य का लाभ दिया जा रहा है. अभी तक प्रदेश में 56 लाख 5 हजार लोगों के अटल आयुष्मान के कार्ड बन चुके हैं. साथ ही कहा कि आयुष्मान कार्ड बनाने की प्रक्रिया जारी है. हालांकि, आयुष्मान कार्ड के जरिए इलाज को लेकर कई बार सूचीबद्ध निजी अस्पतालों से लापरवाही के मामले भी सामने आते रहे हैं. जिस पर आनंद श्रीवास्तव ने कहा कि जब भी निजी अस्पतालों से इस तरह की शिकायतें आती हैं तो उसकी जांच कराया जाता है और अगर शिकायत सच साबित होती है तो सूचीबद्ध अस्पतालों को डीइंपैनलमेंट कर दिया जाता है.

साथ ही मामले की गंभीरता को देखते हुए एफआईआर भी दर्ज कराई जाती है. यही नहीं, भुगतान की गई रकम की रिकवरी भी की जाती है. अभी तक 53 अस्पतालों पर डीइंपैनलमेंट की कार्रवाई की जा चुकी है. साथ 6 करोड़ रुपए की रिकवरी स्वास्थ्य विभाग ने की है.

पढ़ें- मौसम के करवट बदलते ही वायरल फीवर फैला रहा पैर, हॉस्पिटल में बढ़ी मरीजों की तादाद

Last Updated :Apr 30, 2024, 4:48 PM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.