मेरठ: गाज़ियाबाद के डासना मंदिर के महंत और जूना अखाड़े के महामंडलेश्वर यति नरसिंहानंद गिरी महाराज शनिवार (24 फरवरी 2024) को मेरठ पहुंचे थे. इस मौके पर हिंदूवादी नेता सचिन सिरोही के आवास पर पहुंचे स्वामी यति नरसिंहानंद गिरी महाराज ने कहा कि दारुल उलूम ने गजवा-ए-हिन्द का फतवा दिया है. उन्होंने कहा कि वे इस फतवे की घोर निंदा करते हैं. उन्होंने कहा कि उनकी सीएम योगी से यही मांग है कि दारुल उलूम और इसके जैसी जितनी भी संस्थाएं हैं, उनको टैंक से उड़ा दें.
सीएम योगी ने अगर इनका इलाज नहीं किया, तो आने वाले समय में हिंदू समाज मिट जाएगा. उन्होंने कहा कि ये फतवा पुराना है, लेकिन समय देखिए कि इसे किस समय उजागर किया गया है. आज उनका कॉंफिडेंस इतना बढ़ चुका है कि वे इस फतवे को उजागर कर रहे हैं. इस फतवे का अर्थ आज हिंदू समाज को समझना होगा. स्वामी यति नरसिंहानंद सरस्वती ने कहा कि हिंदू समाज अगर इस पर अपनी प्रतिक्रिया नहीं देता है और इस पर नहीं बोलता है, तो हिंदू समाज के विनाश में कोई संशय नहीं रह जाएगा.
उन्होंने कहा कि दारुल उलूम का इलाज होना चाहिए और जितने भी लोग गजवा ए हिंद का सपना देखते हैं. उन सब का इलाज होना चाहिए. वह बोले कि यही बात वह मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ तक पहुंचाने के लिए जगह-जगह घूम रहे हैं. वह यही कहेंगे कि अब योगी जी बुलडोजर छोड़ें और टैंक से दारुल उलूम का इलाज (Blow up Darul Uloom with tank) करें. वह बोले कि सीएम योगी प्रदेश में अच्छा काम कर रहे हैं. बाकी देश में क्या राजनीति हो रही है, उस पर वह ज्यादा ध्यान नहीं देते. उनका सारा ध्यान इस बात पर रहता है कि देश में मुस्लिम क्या कर रहे हैं.
वह ((Juna Akhara Mahamandaleshwar Yati Narsimhanand)) बोले कि वह कल (25 फरवरी 2024) मुजफ्फरनगर में और सहारनपुर में जाकर अपनी बात रखेंगे. केवल नेताओं के भरोसे लोग न रहें. आत्मरक्षा संवैधानिक अधिकार है. सनातन संस्कृति का पूरी दुनिया में प्रचार होना चाहिए. हमारी संस्कृति पूरी दुनिया में फैलनी चाहिए. उन्होंने कहा कि गजवा-ए-हिंद का घोष बता रहा है कि हिंदुओं में दम नहीं रहा, सरकार मुसलमानों से डर गई है. इसलिए एक्शन नहीं हो रहा है. उन्होंने कहा कि गजवा ए हिंद नाम का शब्द इस्लाम की डिक्शनरी से निकल जाए, ऐसा एक्शन लें. सीएम योगी की यह बड़ी परीक्षा है और यदि योगी फेल हुए, तो हिंदुओं के बुरे दिन आने वाले हैं.