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बिहार में विश्वविद्यालय के खाते के संचालक पर लगी रोक हटी, शिक्षा विभाग ने 9 मार्च को बुलाई कुलपतियों की बैठक

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By ETV Bharat Bihar Team

Published : Mar 6, 2024, 7:04 PM IST

फिर विवादों में शिक्षा विभाग, कुलपतियों को उपनिदेशक द्वारा मीटिंग के लिए निर्देश पत्र भेजने पर उठे सवाल
फिर विवादों में शिक्षा विभाग, कुलपतियों को उपनिदेशक द्वारा मीटिंग के लिए निर्देश पत्र भेजने पर उठे सवाल

Bihar Education Department: शिक्षा विभाग ने केके पाठक द्वारा विश्वविद्यालयों के कुलपतियों के वेतन में लगी रोक को हटा दिया है. लेकिन एक बार फिर से विवाद शुरू हो गया है. दरअसल शिक्षा विभाग के उच्च शिक्षा के उपनिदेशक द्वारा विश्वविद्यालय के कुलपतियों को निर्देश पत्र भेजे जाने को लेकर सवाल उठ रहे हैं कि विश्वविद्यालय के कुलपति को एक डिप्टी डायरेक्टर कैसे आदेश पत्र निर्गत कर सकता है.

पटना: बिहार शिक्षा विभाग ने विश्वविद्यालय के खाते के संचालक पर लगाई रोक हटा ली है. 28 फरवरी की बैठक में कुलपतियों के शामिल नहीं होने के बाद शिक्षा विभाग ने तमाम विश्वविद्यालयों के बैंक खाते के संचालक पर रोक लगा दी थी. इस संबंध में विभाग की ओर से विश्वविद्यालयों के बैंक खाते फ्रीज कर लिए गए थे.

9 मार्च को होगी कुलपतियों की बैठक: अब शिक्षा विभाग ने एक बार फिर से 9 मार्च को प्रदेश के सभी विश्वविद्यालयों के कुलपति, कुल सचिव और परीक्षा नियंत्रक की बैठक बुलाई है. शिक्षा विभाग के उच्च शिक्षा के उपनिदेशक ने परीक्षा की स्थिति की समीक्षा को लेकर बैठक बुलाई है. उपनिदेशक दीपक कुमार ने सभी विश्वविद्यालय के कुलपति को भेजे पत्र में कहा है कि शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव की अध्यक्षता में विश्वविद्यालयों में विलंबित परीक्षाओं की स्थिति की समीक्षा तथा चालू परीक्षाओं के समयबद्धता की स्थिति की समीक्षा के लिए एक बैठक आयोजित की गई है.

"यह बैठक 9 मार्च 2024 को 12:00 बजे मध्याह्न में मदन मोहन झा स्मृति भवन, शिक्षा विभाग में आयोजित की गई है. बैठक में विश्वविद्यालयों के कुलपति, कुलसचिव और परीक्षा नियंत्रक द्वारा सभी प्रतिवेदनों के साथ ससमय भाग लेंगे. इसके साथ ही 28 फरवरी को विभाग द्वारा विश्वविद्यालयों की वित्तीय अधिकार और बैंक खातों पर लगी रोक को स्थगित कर दिया गया है."- दीपक कुमार, उपनिदेशक, शिक्षा विभाग

उपनिदेशक द्वारा कुलपतियों को निर्देश पत्र भेजे जाने पर सवाल: वहीं एक बार फिर से शिक्षा विभाग के उच्च शिक्षा के उपनिदेशक द्वारा विश्वविद्यालय के कुलपतियों को निर्देश पत्र भेजे जाने का मामला फिर से विवादों में आ गया है. उच्च शिक्षा से जुड़े लोग सवाल उठा रहे हैं कि विश्वविद्यालय के कुलपति को एक डिप्टी डायरेक्टर कैसे आदेश पत्र निर्गत कर सकता है.

बैठक से कुलपतियों ने बनायी थी दूरी: बहरहाल इससे पहले शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव केके पाठक ने बुधवार 28 फरवरी को विश्वविद्यालयों के कुलपतियों की बैठक बुलाई थी. इस बैठक में कोई भी कुलपति शामिल नहीं हुए. सिर्फ तीन विश्वविद्यालयों के प्रतिनिधि पहुंचें थे, जिसके साथ विभाग के अधिकारियों ने बैठक की. नाम मात्र के लिए हुई इस मीटिंग की अध्यक्षता उच्च शिक्षा निदेशक रेखा कुमारी ने की थी.

राजभवन का था सख्त निर्देश: राजभवन ने कुलपतियों को शिक्षा विभाग की बैठक में जाने की अनुमति नहीं दी थी. जिसके कारण प्रदेश के सभी विश्वविद्यालय के कुलपति शिक्षा विभाग की बैठक में शामिल नहीं हुए. राजभवन का स्पष्ट निर्देश था कि विश्वविद्यालय के अधिकारी राजभवन के अधीन हैं. राजभवन के निर्देश का उन्हें हर हाल में पालन करना है.

वेतन रोकने के आदेश को निरस्त: शिक्षा विभाग विश्वविद्यालय या राजभवन के काम में हस्तक्षेप नहीं कर सकता है. राजभवन ने शिक्षा विभाग के कुलपतियों का वेतन रोकने के आदेश को निरस्त कर दिया और बैंक खातों के संचालन से संबंधित विभाग के आदेश को भी निरस्त कर दिया था. अब देखना होगा कि इस बैठक को लेकर राजभवन क्या इस बार कुलपतियों को अनुमति देता है या नहीं.

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