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वाहन खराब होने पर न करें चिंता, सिर्फ एक कॉल पर हाजिर हो जाएंगे मैकेनिक - Bhopal Youth created Yolmate app

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By ETV Bharat Madhya Pradesh Team

Published : Apr 20, 2024, 9:15 PM IST

Updated : Apr 21, 2024, 7:44 AM IST

भोपाल के दो युवाओं ने कमाल कर दिखाया है. रास्ते में वाहन खराब होने की समस्या को देखते हुए उन्होंने एक ऐसा ऐप बनाया है जिससे वाहन चालकों को एक काल पर मैकेनिक उपलब्ध हो जाएंगे. यह ऐप किस तरह काम करेगा, इसको कैसे डाउनलोड करना है, जानिये सब कुछ...

Bhopal Youth created Yolmate app
भोपाल के युवाओं ने बनाया योलमेट एप

भोपाल। बीच रास्ते में वाहन खराब होने पर अब वाहन चालकों को परेशान नहीं होना पड़ेगा, उन्हें एक काल पर मैकेनिक की मदद मिलेगी. साथ ही उनके आसपास नजदीकी मैकेनिकों की जानकारी का नोटिफिकेशन भी मोबाइल पर मिल सकेगा. राजधानी के दो युवाओं के द्वारा शुरु किए स्टार्टअप की वजह से ये संभव हो पाया है. योलमेट नाम का यह स्टार्टअप मैकेनिक और ग्राहकों के बीच सेतु का काम कर रहा है. इससे बिना पढ़े लिखे मैकेनिकों को भी डिजिटल पहचान मिल रही है.

भोपाल के युवाओं ने बनाया ऐप

बता दें कि स्मार्ट सिटी भोपाल के इन्क्यूबेटर्स ने योलमेट नाम से एक ऐप बनाया है. इसमें भोपाल शहर के सभी मैकेनिकों के काम और उनकी दुकान की संपूर्ण जानकारी उपलब्ध है. हालांकि अब तक इसमें 500 से अधिक मैकेनिक, आटो मोबाइल डीलर, आइल कंपनी और वाहन सफाई कंपनियों समेत अन्य अन्य प्रकार की सेवाओं को जोड़ा गया है. ग्राहक को इनमें से कोई समस्या होने पर उसे योलमेट एप डाउनलोड कर लॉगिन करना पड़ता है. इसके बाद इसमें सेवाओं के विकल्प की जानकारी सामने आती है. जैसे वाहन पंक्चर हो गया है, खराब हो गया है या स्टार्ट होने में परेशानी हो रही है. ग्राहक इन विकल्पों को क्लिक करता है तो उसके आसपास मैकेनिक की जानकारी और उसका नंबर मिल जाता है. जिसमें काल करके ग्राहक नजदीकी मैकेनिक को फोन कर उससे सुझाव व मदद ले सकता है. अब तक इस ऐप को एक हजार से अधिक ग्राहक डाउनलोड कर चुके हैं, साथ ही इसकी रेटिंग 4.9 है. इस स्टार्टअप में अंकित के साथ उनके पार्टनर गिरिराज शर्मा हैं, जबकि अभी 20 कर्मचारी योलमेट के साथ जुड़े हैं.

दोस्त की गाड़ी खराब हुई तो आया सुझाव

योलमेट को बनाने वाले अंकित पटेल ने बताया कि ''वो पहले पेटीएम में नौकरी करते थे. उस दौरान उनके दोस्त और सहकर्मियों के वाहन खराब होना आम बात थी. परेशानी तब होती थी जब गाड़ी वहां खराब होती थी, जहां उनको मैकेनिक की दुकान की जानकारी नहीं होती थी. ऐसे में उन्हें दो और चार पहिया वाहनों में धक्का लगाकर मैकेनिक की दुकान पर ले जाया जाता था. एक दिन देर रात उनके दोस्त को दो पहिया वाहन खराब हो गया और वहां आसपास मैकेनिक की दुकानें नहीं थी. ऐसे में अंकित के मन में सुझाव आया कि क्यों ना एक ऐसा प्लेटाफार्म बनाया जाए, जिसमें ग्राहक और मैकेनिकों काे एक साथ जोड़ा जा सके.''

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मैकेनिकों को मिल रहा विज्ञापन का फायदा

मैकेनिक की अधिकतर दुकानें छोटी होती हैं, इनमें पंक्चर बनाने और वाहनों को सुधारने का काम किया जाता है. इनकी इतनी कमाई भी नहीं होती कि अपना व्यापार बढ़ाने के लिए विज्ञापन का खर्च वहन कर सकें. ऐसे में योलमेट इनको विज्ञापन का प्लेटाफार्म भी उपलब्ध करा है, जिससे उनके व्यापार में वृद्धि हो रही है. पहले मैकेनिक पेन और पेपर पर अपना हिसाब और स्टोर में उपलब्ध सामान की जानकारी लिखते थे. लेकिन योलमेट में मैकेनिकाें को पूरी तरह इन सुविधाओं को डिजिटल अपडेट करने की सुविधा होगी. मैकेनिक ने कौन सी गाड़ी बनाई और उसमें क्या सामान लगा इसकी जानकारी भी वह योलमेट ऐप पर अपडेट कर सकता है. फिलहाल इनक्यूबेटर मैकेनिकों को आइटी से संबंधित जानकारी भी दे रहे हैं, जिससे ऐप के माध्यम से उन्हें काम करने में आसानी हो.

भोपाल के बाद इंदौर और टियर वन शहरों का टारगेट

अंकित ने बताया कि ''फिलहाल योलमेट की शुरुआत भोपाल से की गई है. इसका यहां अच्छा परिणाम मिल रहा है, जिससे प्रोत्साहित होकर कंपनी अपना अगला काम इंदौर में शुरु करेगी.''

Last Updated :Apr 21, 2024, 7:44 AM IST
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