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दुनिया में मध्यप्रदेश की धाक, छह धरोहर यूनेस्को की सूची में शामिल, जानिये आखिर क्यों खास हैं यह धरोहर

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By ETV Bharat Madhya Pradesh Team

Published : Mar 15, 2024, 1:46 PM IST

Updated : Mar 15, 2024, 2:08 PM IST

MP 6 heritage in UNESCO: दुनिया में अपनी विशेष पहचान बना चुके मध्य प्रदेश ने एक और बड़ा अचीवमेंट हासिल किया है. मध्य प्रदेश की 6 ऐतिहासिक जगहों को यूनेस्को क्रिएटिव सिटीज नेटवर्क में जगह दी गई है. बता दें कि विश्व धरोहर स्थल ही मध्य प्रदेश का सबसे बड़ा आकर्षण है. इस उपलब्धि पर सीएम ने बधाई दी है.

MP 6 heritage in UNESCO
एमपी की छह धरोहर यूनेस्को की सूची में शामिल

भोपाल। मध्यप्रदेश के छह ऐतिहासिक स्थलों को यूनेस्को के विश्व हेरिटेज सेंटर ने अपनी अस्थायी सूची में शामिल किया है. शामिल की गई इन संपत्तियों में ग्वालियर का किला, धमनार का ऐतिहासिक समूह, भोजपुर के भोजेश्वर महादेव मंदिर, चंबल घाटी के रॉक कला स्थल, बुरहानपुर का खूनी भंडारा और रामनगर मंडला का गोंड स्मारक शामिल है. प्रदेश की छह संपत्तियों को यूनेस्को की अस्थायी सूची में जगह मिलने को लेकर मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने सभी को बधाई दी है. उन्होंने 'X' पर ट्वीट कर कहा है कि ''विश्व हेरिटेज सेंटर द्वारा भारत की अस्थाई सूची में ऐतिहासिक और सांस्कृतिक धरोहरों से समृद्ध मध्यप्रदेश की 6 संपत्तियों को जोड़ा जाना हमारे लिए गर्व और सम्मान का विषय है.''

आखिर क्या है यह ऐतिहासिक धरोहर

ग्वालियर का किला- ग्वालियर शहर के गोप पर्वत पर स्थित इस किले का निर्माण 9 वीं सदी में राजा मान सिंह तोमर द्वारा कराया गया था. बताया जाता है कि इस किले की नींव राजा सूरजसेन कच्छवाहा ने रखी थी. यह किला आज भी अपनी खूबसूरती और स्थापत्य कला से आकर्षित करता है. इस किले के भीतरी हिस्से मध्यकालीन स्थापत्य के अद्भुत नमूने को प्रदर्शित करता है. 15 वीं सर्दी में बनाया गया गुजरी महल राजा मानसिंह और रानी मृगनयनी के प्रेम की कहानी बताता है. किले के एक हिस्से में संग्रहालय बनाया गया है, जहां कई दुर्लभ मूतियां रखी गई हैं.

धमनार का ऐतिहासिक समूह- मध्यप्रदेश के मंदसौर जिले में स्थित धर्मनार गांव में पत्थरों को काटकर बनाई गई कई गुफाएं, इनमें बनाए गए आवास और उकेरी गई मूर्तियां 7 वीं सदी के प्रमाण प्रस्तुत करती हैं. यहां पत्थरों को काटकर 51 गुफाएं, रास्ते, छोटे आवास और गौतम बुद्ध की मूर्ति सहित कई मूर्तियां बनाई गई हैं.

भोजेश्वर महादेव मंदिर- भोपाल से सटे रायसेन जिले के भोजपुर में भोजेश्वर महादेव मंदिर का विशालकाय शिवलिंग वास्तुकला का अद्भुत नमूना है. इसे राजा भोज के समय में तैयार किया गया था. कहा जाता है कि यह शिवलिंग एक ही पत्थर से निर्मित है, जो विश्व में अपने तरह का इकलौता शिवलिंग है. इसका निर्माण परमार राजा भोज द्वारा 1010 ईसवी में बनाया गया है.

चंबल घाटी की रॉक कला- मध्यप्रदेश में कई स्थानों पर रॉक कलाएं मौजूद हैं, इसमें से एक स्थान चंबल घाटी भी है. यहां प्राकृतिक चट्टानों पर रॉक कलाएं पाई गई हैं, जो पुरातत्व में रूचि रखने वाले पर्यटकों को खूब लुभाती हैं.

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खूनी भंडारा, बुरहानपुर- बुरहानपुर का करीबन 407 साल पहले बने खूनी या कुंडी भंडारा अपने तरह का अनोखा वॉटर सिस्टम है. इसे उस दौरान में पानी सप्लाई के लिए बनाया गया था, जो आज भी लोगों को लिए उपयोगी बना हुआ है. इसका निर्माण 1615 में अब्दुर्रहीम खानखाना ने बनवाया था. इसके 108 कुंडों में आज भी हमेशा पानी का बहाव बना रहता है.

राम नगर, मंडला - मंडला जिले का रामनगर गोंड राजाओं का गढ़ हुआ करता था. सन् 1667 में गोंड राजा हृदय शाह ने नर्मदा नदी के किनारे मोती महल का निर्माण करवाया था. किवदंती है कि इसका निर्माण ढाई दिन में कराया गया था.

Last Updated :Mar 15, 2024, 2:08 PM IST
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