ETV Bharat / state

महाशिवरात्री पर तीरथगढ़ जलप्रपात में लगेगा भव्य मेला, यहां वनवास काल में भगवान राम ने किया था स्नान - तीरथगढ़ जलप्रपात

Bastar Tirathgarh Falls fair on Mahashivratri: महाशिवरात्री पर तीरथगढ़ जलप्रपात में भव्य मेला लगता है. यहां हर साल भक्तों की भीड़ उमड़ती है. कहा जाता है कि यहां वनवास काल में भगवान राम और माता सीता ने स्नान किया था.

Bastar Tirathgarh Falls fair on Mahashivratri
तीरथगढ़ जलप्रपात में लगेगा भव्य मेला
author img

By ETV Bharat Chhattisgarh Team

Published : February 26, 2024 at 6:57 PM IST

Updated : February 26, 2024 at 8:17 PM IST

4 Min Read
वनवास काल में भगवान राम ने किया था स्नान

बस्तर: पिछले माह अयोध्या में रामलला विराजमान हुए हैं. रामलला की प्राणप्रतिष्ठा के बाद हर किसी में राम जी से जुड़ी बातों को जानने की जिज्ञासा बढ़ गई है. इस बीच आज हम आपको छत्तीसगढ़ में बस्तर संभाग के उस स्थान के बारे में बताने जा रहे हैं, जहां भगवान राम और माता सीता ने स्नान किया था. लोगों की यहां से आस्था जुड़ी हुई है. आज भी बस्तर के लोग मन्नत पूरी हो जाने पर यहां पूजा-अर्चना करने पहुंचते हैं. दरअसल, हम बात रहे हैं बस्तर के तीरथगढ़ जलप्रपात की.

सीताकुंड में डुबकी लगाकर कराते हैं मुंडन: दरअसल, नैसर्गिक सुंदरताओं से भरपूर बस्तर में कई परंपराएं निभाई जाती है. बस्तर के आदिवासियों की आस्था प्रकृति से जुड़ी हुई है. रियासत काल से चली आ रही मान्यताओं को आज भी यहां के लोग निभाते हैं. माघ पूर्णिमा के मौके पर हर साल बस्तर की जान कहे जाने वाले तीरथगढ़ जलप्रपात में एक भव्य मेले का आयोजन किया जाता है. इस मेले में हजारों की तादाद में लोग उमड़ते हैं. छत्तीसगढ़ के अलावा अन्य राज्यों के लोग भी इस मेले में शामिल होते हैं. स्थानीय लोगों की मानें तो इस मेले की आस्था भगवान राम से भी जुड़ी हुई है. तीरथगढ़ में मौजूद सीताकुंड में लोग डुबकी लगाकर सिर का मुंडन भी करते हैं.

माता सीता ने किया था स्नान: इस बारे में ईटीवी भारत से बातचीत के दौरान यहां के मुख्य पुजारी दुलार सिंह ठाकुर ने कई जानकारियां दी. उन्होंने बताया कि, "हर साल माघ पूर्णिमा के मौके पर तीरथगढ़ जलप्रपात में मेले का आयोजन किया जाता है, जिसमें आस-पास ही नहीं दूर-दराज से भी लोग पहुंचते हैं. वनवास काल में भगवान श्रीराम और देवी सीता तीरथगढ़ पहुंचे थे, यहां उन्होंने कुछ दिन समय बिताया और एक शिव लिंग की स्थापना की थी. इसके अलावा निचे स्थित कुंड में देवी सीता ने स्नान किया था, जिसे आस्था का केंद्र माना जाता है. मेले के दौरान सभी लोग सीता कुंड में डुबकी लगाते हैं. शिव लिंग की पूजा करते हैं. इसके अलावा चावल, फूल और पैसे का दान देते हैं. जिस भी बच्चे का मुंडन नहीं कराया गया है, उस बच्चे का मेले के दौरान मुंडन कराया जाता है."

हम हर साल यहां आते हैं. इस साल कई लोगों के साथ आया हूं. कॉलेज के मित्र अलग-अलग जगहों से हैं, उनके साथ आया हूं. यहां आकर काफी आनंद मिलता है. -धरमू नाग, स्थानीय

जानिए क्या कहते हैं स्थानीय: वहीं, एक स्थानीय युवक गनपत भारद्वाज ने बताया कि, "हर साल मेले में एन्जॉय करने के लिए आते हैं. बाहरी क्षेत्रों से भी हमारे दोस्त लोग यहां घूमने आते हैं. हम अपने रिश्तेदारों को भी मेले का निमंत्रण दिया जाता है. वे सब आकर मेले का आंनद उठाते हैं. साथ ही तीरथगढ़ जलप्रपात की खूबसूरती सभी लोगों को मदहोश कर देती है. इसका अनुभव दूर से ही नहीं बल्कि करीब से कर सकते हैं. तीरथगढ़ जलप्रपात को देखने से सुकून मिलती है."

बता दें कि यहां हर साल महाशिवरात्रि के मौके पर मेला लगता है. बस्तर ही नहीं बल्कि आस-पास के क्षेत्र से भी लोग यहां पहुंचते हैं. यहां लगने वाला मेला ऐतिहासिक होता है. यहां लोगों की भीड़ देखने लायक होती है. मान्यता है कि यहां राम-सीता ने जलप्रपात में स्नान किया था. इसी आस्था के कारण लोग यहां डुबकी लगाकर खुद को पापों से मुक्त करते हैं.

महाशिवरात्री पर लिंगराज मंदिर में भक्तों की उमड़ी भीड़
भिलाई में महाशिवरात्री की तैयारियां जोरों पर, 31 हजार आमंत्रण कार्डों का वितरण शुरू, भक्तों में उत्साह
भिलाई में महाशिवरात्री की भव्य तैयारियां शुरू, कल से बंटेगा आमंत्रण कार्ड, लाखों भक्त बनेंगे बाबा के बाराती

वनवास काल में भगवान राम ने किया था स्नान

बस्तर: पिछले माह अयोध्या में रामलला विराजमान हुए हैं. रामलला की प्राणप्रतिष्ठा के बाद हर किसी में राम जी से जुड़ी बातों को जानने की जिज्ञासा बढ़ गई है. इस बीच आज हम आपको छत्तीसगढ़ में बस्तर संभाग के उस स्थान के बारे में बताने जा रहे हैं, जहां भगवान राम और माता सीता ने स्नान किया था. लोगों की यहां से आस्था जुड़ी हुई है. आज भी बस्तर के लोग मन्नत पूरी हो जाने पर यहां पूजा-अर्चना करने पहुंचते हैं. दरअसल, हम बात रहे हैं बस्तर के तीरथगढ़ जलप्रपात की.

सीताकुंड में डुबकी लगाकर कराते हैं मुंडन: दरअसल, नैसर्गिक सुंदरताओं से भरपूर बस्तर में कई परंपराएं निभाई जाती है. बस्तर के आदिवासियों की आस्था प्रकृति से जुड़ी हुई है. रियासत काल से चली आ रही मान्यताओं को आज भी यहां के लोग निभाते हैं. माघ पूर्णिमा के मौके पर हर साल बस्तर की जान कहे जाने वाले तीरथगढ़ जलप्रपात में एक भव्य मेले का आयोजन किया जाता है. इस मेले में हजारों की तादाद में लोग उमड़ते हैं. छत्तीसगढ़ के अलावा अन्य राज्यों के लोग भी इस मेले में शामिल होते हैं. स्थानीय लोगों की मानें तो इस मेले की आस्था भगवान राम से भी जुड़ी हुई है. तीरथगढ़ में मौजूद सीताकुंड में लोग डुबकी लगाकर सिर का मुंडन भी करते हैं.

माता सीता ने किया था स्नान: इस बारे में ईटीवी भारत से बातचीत के दौरान यहां के मुख्य पुजारी दुलार सिंह ठाकुर ने कई जानकारियां दी. उन्होंने बताया कि, "हर साल माघ पूर्णिमा के मौके पर तीरथगढ़ जलप्रपात में मेले का आयोजन किया जाता है, जिसमें आस-पास ही नहीं दूर-दराज से भी लोग पहुंचते हैं. वनवास काल में भगवान श्रीराम और देवी सीता तीरथगढ़ पहुंचे थे, यहां उन्होंने कुछ दिन समय बिताया और एक शिव लिंग की स्थापना की थी. इसके अलावा निचे स्थित कुंड में देवी सीता ने स्नान किया था, जिसे आस्था का केंद्र माना जाता है. मेले के दौरान सभी लोग सीता कुंड में डुबकी लगाते हैं. शिव लिंग की पूजा करते हैं. इसके अलावा चावल, फूल और पैसे का दान देते हैं. जिस भी बच्चे का मुंडन नहीं कराया गया है, उस बच्चे का मेले के दौरान मुंडन कराया जाता है."

हम हर साल यहां आते हैं. इस साल कई लोगों के साथ आया हूं. कॉलेज के मित्र अलग-अलग जगहों से हैं, उनके साथ आया हूं. यहां आकर काफी आनंद मिलता है. -धरमू नाग, स्थानीय

जानिए क्या कहते हैं स्थानीय: वहीं, एक स्थानीय युवक गनपत भारद्वाज ने बताया कि, "हर साल मेले में एन्जॉय करने के लिए आते हैं. बाहरी क्षेत्रों से भी हमारे दोस्त लोग यहां घूमने आते हैं. हम अपने रिश्तेदारों को भी मेले का निमंत्रण दिया जाता है. वे सब आकर मेले का आंनद उठाते हैं. साथ ही तीरथगढ़ जलप्रपात की खूबसूरती सभी लोगों को मदहोश कर देती है. इसका अनुभव दूर से ही नहीं बल्कि करीब से कर सकते हैं. तीरथगढ़ जलप्रपात को देखने से सुकून मिलती है."

बता दें कि यहां हर साल महाशिवरात्रि के मौके पर मेला लगता है. बस्तर ही नहीं बल्कि आस-पास के क्षेत्र से भी लोग यहां पहुंचते हैं. यहां लगने वाला मेला ऐतिहासिक होता है. यहां लोगों की भीड़ देखने लायक होती है. मान्यता है कि यहां राम-सीता ने जलप्रपात में स्नान किया था. इसी आस्था के कारण लोग यहां डुबकी लगाकर खुद को पापों से मुक्त करते हैं.

महाशिवरात्री पर लिंगराज मंदिर में भक्तों की उमड़ी भीड़
भिलाई में महाशिवरात्री की तैयारियां जोरों पर, 31 हजार आमंत्रण कार्डों का वितरण शुरू, भक्तों में उत्साह
भिलाई में महाशिवरात्री की भव्य तैयारियां शुरू, कल से बंटेगा आमंत्रण कार्ड, लाखों भक्त बनेंगे बाबा के बाराती
Last Updated : February 26, 2024 at 8:17 PM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2025 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.