शिमला: सर्दियों का मौसम शुरू होने वाला है. ठंड के इस मौसम में लोगों को कई तरह की परेशानियां होती हैं. खासकर हार्ट के मरीजों को सर्दी के मौसम में खास सावधानी बरतनी चाहिए. दिल हमारे शरीर का सबसे महत्वपूर्ण हिस्सा होता है. यह नॉनस्टॉप 24 घंटे उठते, बैठते, सोते, भागते समय लगातार काम करता है. इसलिए इसका ध्यान रखना बेहद जरुरी होता है.
एक्सपर्ट्स का कहना है कि सर्दियों में किसी भी व्यक्ति में हार्ट अटैक आने का खतरा कई फीसदी बढ़ जाता है.ऐसे में आपके लिए ये जानना जरूरी है कि ठंड के मौसम का हार्ट पर क्या असर पड़ता है और सर्दियों में हार्ट का ख्याल कैसे रखना चाहिए. गलत लाइफस्टाइल और खानपान की आदतें दिल को काफी नुकसान पहुंचाती हैं. सर्दियों में जैसे-जैसे तापमान कम होता है, शरीर के तापमान को बनाए रखने के लिए दिल को अतिरिक्त मेहनत की जरूरत पड़ती है.
आईजीएसमी में कार्डियोलॉजी विभाग के प्रोफेसर डॉ. अरविंद कन्दोरिया ने बताया कि, 'सर्दियों के मौसम में शरीर की अन्य धमनियों की तरह कोरोनरी धमनियां सिकुड़ सकती हैं और कोरोनरी आर्टरी डिजीज यानी हार्ट की ब्लड वेसेल्स में थक्का जमने के कारण दिल का दौरा पड़ने के मामले बढ़ जाते हैं. इन्हें सावधानियां बरतकर काफी हद तक रोका जा सकता है. ठंड के मौसम में मनुष्य को गर्म रखने के लिए हार्ट को अधिक मेहनत करनी पड़ती है और ब्लड को पंप करते समय रक्त कोशिकाएं सिकुड़ जाती हैं और इससे हार्ट की कार्य प्रणाली प्रभावित होती है, जिसकी वजह से कई तरह की शारीरिक दिक्कतें आने लगती हैं. हार्ट से संबंधित बीमारियों की दवा खा रहे मरीज सर्दियों के मौसम में में भी नियमित रूप से दवाई खाते रहें और समय समय पर चिकित्सक से अपनी जांच करवाते रहें.'
हार्ट अटैक होने से पहले के लक्षण
- सीने में असहज दबाव
- दर्द, सुन्नता
- सांस फूलना
- दर्द का बाहों, गर्दन, जबड़े या पीठ तक फैलना
- अगर आपको ये लक्ष्ण नजर आएं तो सचेत हो जाएं और जितनी जल्दी हो सके अस्पताल पहुंचकर डॉक्टर से जांच करवाकर परामर्श लें.
- सर्दियों में सुबह व्यायाम में बरतें सावधानी
डॉ. अरविंद कन्दोरिया ने बताया कि, 'अगर आप हृदय संबंधी समस्या से पीड़ित हैं तो सर्दियों में सुबह की सैर और व्यायाम के दौरान अपना खास ख्याल रखें. इस मौसम में ठंड के बीच व्यायाम या सैर के दौरान धमनियां सिकुड़ सकती हैं और खून गाढ़ा हो जाता है, इससे ब्लड क्लॉट बनने से हार्ट अटैक की आशंका बढ़ती है.'
बरतें ये सावधानियां
सर्दियों के मौसम में अपने आप को पूरा ढककर सैर के लिए जाएं. सुबह जल्दी उठने से बचना चाहिए. ब्लड प्रेशर को निंयंत्रित रखें, अगर आप बल्ड प्रेशर के मरीज हैं तो दवाएं लगातार लें और हार्ट पेशेंट को अपनी ब्लड थिनर (रक्त को पतला करने वाली दवाएं) जरूर लेनी चाहिए. ब्लड प्रेशर की नियमित जांच करवाएं. डॉक्टर की सलाह से दवाएं लेते रहें. शाम की दवा सुबह के खतरे को कम कर सकती है. साथ ही अधिक समय तक ठंड के संपर्क में रहने से बचें. इस मौसम में नसें सिकुड़कर सख्त हो जाती हैं, जिसकी वजह से ब्लड सप्लाई के लिए हार्ट पर काफी दबाव पड़ता है और ब्लड प्रेशर बढ़ता है.
खान पान और लाइफस्टाइल में करें बदलाव
- अपना वजन न बढ़ने दें
- तनाव से दूर रहें.
- मौसमी फलों और हरी सब्जियां भरपूर मात्रा में खाएं.
- पर्याप्त पानी पीएं
- कम मात्रा में नियमित अंतराल पर भोजन लें
- गुनगुनी धूप का आनंद लें, लेकिन सिर पर अधिक देर तक धूप न पड़ने दें.
- हार्ट के मरीज इमरजेंसी ड्रग्स जैसे एस्पिरिन, नाइट्रो ग्लिसरीन की गोली अपने पास रखें.
बता दें कि हार्ट अटैक से होने वाली मौतों की संख्या लगातार बढ़ रही है. किसी को हार्ट अटैक आने पर तुरंत अस्पताल पहुंचाएं, लेकिन अस्पताल पहुंचाने से पहले मरीज को सीपीआर दे. इससे मरीज की जान बचाई जा सकती है, क्योंकि कई बार अस्पताल पहुंचने से पहले ही मरीज की जान चली जाती है, क्योंकि हार्ट अटैक आने पर शुरुआती समय में लोग मरीज को अस्पताल पहुंचाने में ही कीमती समय गवां देते हैं. हार्ट अटैक आने पर तुरंत अगर सीपीआर मरीज को मिल जाए तो उसकी जान बच सकती है और उसके बाद अस्पताल में उसका सही उपचार किया जा सकता है.
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